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FRI देहरादून को झटका, केंद्र सरकार ने बताया गैर मान्यता प्राप्त संस्थान - गैर मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय

केंद्र सरकार ने आज देहरादून स्थित FRI को मान्यता प्राप्त संस्थान या विश्वविद्यालय का दर्जा न देने की बात कही. दरअसल नैनीताल हाईकोर्ट में आईएफएस अधिकारी संजीव चतुर्वेदी के एक मामले में केंद्र सरकार ने जबाव दाखिल किया.

FRI को झटका
FRI को झटका
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Published : Apr 30, 2021, 10:47 PM IST

देहरादून: जिस विश्वविद्यालय व रिसर्च इंस्टीट्यूट से देश भर के आईएफएस अधिकारी ट्रेनिंग लेते हैं, उसे केंद्र सरकार ने गैर मान्यता प्राप्त संस्थान बताया है. मामले में केंद्र सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय ने हाईकोर्ट में जवाब पेश किया है.

बता दें कि आईएफएस अधिकारी संजीव चतुर्वेदी के द्वारा केंद्रीय कर्मचारी चयन आयोग के सदस्य के लिए आवेदन किया गया था. जिसे कर्मचारी चयन आयोग के द्वारा यह कहते हुए खारिज कर दिया कि संजीव चतुर्वेदी की परास्नातक की डिग्री मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या संस्थान से नहीं है. जिसे संजीव चतुर्वेदी के द्वारा नैनीताल हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी. हाईकोर्ट पहुंचे संजीव का कहना है कि केन्द्रीय कर्मचारी चयन आयोग के द्वारा सदस्य पद के लिए निर्धारित योग्यता परास्नातक रखी गई थी. लेकिन इसके बावजूद भी केंद्रीय कर्मचारी चयन आयोग द्वारा उनका आवेदन खारिज कर दिया. संजीव के द्वारा 1998 में जारी एफआरआई के उस नोटिफिकेशन को भी कोर्ट में पेश किया गया है. जिसमें FRI ने भारतीय वन सेवा प्रशिक्षण कोर्स को एमएससी वानिकी माना है.

पढ़ें : कोरोना इफेक्ट: कुमाऊं विश्वविद्यालय की परीक्षाएं स्थगित हुईं

हाईकोर्ट पहुंचे संजीव का कहना है की FRI को यूजीसी के द्वारा डीम्ड विश्वविद्यालय घोषित किया गया था. 1998 में FRI को एकेडमिक काउंसिल ने सर्वसम्मति से आदेश पारित कर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी के अंतर्गत भारतीय वन सेवा के अधिकारियों के प्रशिक्षण को एमएससी वानिकी की डिग्री के रूप में मान्यता दी थी, लेकिन इसके बावजूद भी उनके आवेदन को निरस्त कर दिया.

वहीं मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की खंडपीठ ने पूर्व में एफआरआई के 1988 के नोटिफिकेशन पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा था. जिस पर केंद्र सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय ने हाईकोर्ट में जवाब पेश कर माना कि FRI केंद्र सरकार से मान्यता प्राप्त नहीं है. संजीव चतुर्वेदी की परास्नातक डिग्री किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या संस्थान से नहीं है.

देहरादून: जिस विश्वविद्यालय व रिसर्च इंस्टीट्यूट से देश भर के आईएफएस अधिकारी ट्रेनिंग लेते हैं, उसे केंद्र सरकार ने गैर मान्यता प्राप्त संस्थान बताया है. मामले में केंद्र सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय ने हाईकोर्ट में जवाब पेश किया है.

बता दें कि आईएफएस अधिकारी संजीव चतुर्वेदी के द्वारा केंद्रीय कर्मचारी चयन आयोग के सदस्य के लिए आवेदन किया गया था. जिसे कर्मचारी चयन आयोग के द्वारा यह कहते हुए खारिज कर दिया कि संजीव चतुर्वेदी की परास्नातक की डिग्री मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या संस्थान से नहीं है. जिसे संजीव चतुर्वेदी के द्वारा नैनीताल हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी. हाईकोर्ट पहुंचे संजीव का कहना है कि केन्द्रीय कर्मचारी चयन आयोग के द्वारा सदस्य पद के लिए निर्धारित योग्यता परास्नातक रखी गई थी. लेकिन इसके बावजूद भी केंद्रीय कर्मचारी चयन आयोग द्वारा उनका आवेदन खारिज कर दिया. संजीव के द्वारा 1998 में जारी एफआरआई के उस नोटिफिकेशन को भी कोर्ट में पेश किया गया है. जिसमें FRI ने भारतीय वन सेवा प्रशिक्षण कोर्स को एमएससी वानिकी माना है.

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हाईकोर्ट पहुंचे संजीव का कहना है की FRI को यूजीसी के द्वारा डीम्ड विश्वविद्यालय घोषित किया गया था. 1998 में FRI को एकेडमिक काउंसिल ने सर्वसम्मति से आदेश पारित कर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी के अंतर्गत भारतीय वन सेवा के अधिकारियों के प्रशिक्षण को एमएससी वानिकी की डिग्री के रूप में मान्यता दी थी, लेकिन इसके बावजूद भी उनके आवेदन को निरस्त कर दिया.

वहीं मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की खंडपीठ ने पूर्व में एफआरआई के 1988 के नोटिफिकेशन पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा था. जिस पर केंद्र सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय ने हाईकोर्ट में जवाब पेश कर माना कि FRI केंद्र सरकार से मान्यता प्राप्त नहीं है. संजीव चतुर्वेदी की परास्नातक डिग्री किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या संस्थान से नहीं है.

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