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धारा 370 हटाने के चार साल पूरे हुए, क्या फिर से नजरबंद कर ली गईं महबूबा मुफ्ती?

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी प्रमुख और जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया है कि जम्मू-कश्मीर के अन्य राजनीतिक नेताओं को अनुच्छेद 370 निरस्त होने की वर्षगांठ पर नजरबंद कर दिया गया है. पढ़ें पूरी खबर...

Jammu and Kashmir news
महबूबा मुफ्ती
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Published : Aug 5, 2023, 11:57 AM IST

जम्मू : एक ओर जहां केंद्र सरकार, भारतीय जनता पार्टी और इनके अलावा देश में एक बड़ा समूह कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने की चौथी सालगिरह का जश्न मनाने के मोड में नजर आ रही है. वहीं, दूसरी ओर कश्मीर के राजनीतिक दल एक बार फिर केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन पर आरोप लगा रहे हैं. उनका कहना है कि जम्मू और कश्मीर में सब कुछ सामान्य होने का केंद्र सरकार और जम्मू कश्मीर प्रशासन का दावा गलत है.

इस क्रम में ताजा बयान कभी भाजपा की सहयोग से जम्मू-कश्मीर में सरकार चलाने वाली पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती का आया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि जम्मू कश्मीर प्रशासन ने उन्हें नजरबंद कर दिया है. धारा 370 हटने से पहले जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री रहीं पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को एक ट्वीट किया.

  • I’ve been put under house arrest along with other senior PDP leaders today. This comes after a midnight crackdown where scores of my party men are illegally detained in police stations. GOIs false claims about normalcy to the SC stands exposed by theirs actions driven by… pic.twitter.com/gqp25Ku2CJ

    — Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) August 5, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उन्होंने लिखा कि मुझे आज अन्य वरिष्ठ पीडीपी नेताओं के साथ नजरबंद कर दिया गया है. यह कार्रवाई आधी रात के बाद हुई है. उन्होंने कहा कि मेरी पार्टी के कई लोगों को अवैध रूप से हिरासत लिया गया है. उन्हें पुलिस स्टेशन में बंद रखा गया है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार सुप्रीम कोर्ट कहती है कि जम्मू कश्मीर में सब कुछ सामान्य है. लेकिन आज की कार्रवाई से उनका झूठा दावा सबके सामने उजागर हो गया है.

उन्होंने कहा कि एक ओर, पूरे श्रीनगर में धारा 370 के अवैध निरस्तीकरण पर कश्मीरियों को 'जश्न मनाने' का आह्वान करने वाले विशाल होर्डिंग्स लगाए गए हैं. जबकि लोगों की वास्तविक भावना का गला घोंटने के लिए क्रूर बल का प्रयोग किया जा रहा है. आशा है कि माननीय उच्चतम न्यायालय ऐसे समय में इन घटनाक्रमों का संज्ञान लेगा जब अनुच्छेद 370 पर सुनवाई हो रही है.

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बता दें कि इससे पहले शुक्रवार को पीडीपी ने सेमिनार या चर्चा करने की इजाजत मांगी थी. लेकिन जम्मू कश्मीर प्रशासन ने इसे रद्द कर दिया था. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, श्रीनगर प्रशासन ने पार्टी को कोई भी कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है.

जम्मू : एक ओर जहां केंद्र सरकार, भारतीय जनता पार्टी और इनके अलावा देश में एक बड़ा समूह कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने की चौथी सालगिरह का जश्न मनाने के मोड में नजर आ रही है. वहीं, दूसरी ओर कश्मीर के राजनीतिक दल एक बार फिर केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन पर आरोप लगा रहे हैं. उनका कहना है कि जम्मू और कश्मीर में सब कुछ सामान्य होने का केंद्र सरकार और जम्मू कश्मीर प्रशासन का दावा गलत है.

इस क्रम में ताजा बयान कभी भाजपा की सहयोग से जम्मू-कश्मीर में सरकार चलाने वाली पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती का आया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि जम्मू कश्मीर प्रशासन ने उन्हें नजरबंद कर दिया है. धारा 370 हटने से पहले जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री रहीं पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को एक ट्वीट किया.

  • I’ve been put under house arrest along with other senior PDP leaders today. This comes after a midnight crackdown where scores of my party men are illegally detained in police stations. GOIs false claims about normalcy to the SC stands exposed by theirs actions driven by… pic.twitter.com/gqp25Ku2CJ

    — Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) August 5, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उन्होंने लिखा कि मुझे आज अन्य वरिष्ठ पीडीपी नेताओं के साथ नजरबंद कर दिया गया है. यह कार्रवाई आधी रात के बाद हुई है. उन्होंने कहा कि मेरी पार्टी के कई लोगों को अवैध रूप से हिरासत लिया गया है. उन्हें पुलिस स्टेशन में बंद रखा गया है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार सुप्रीम कोर्ट कहती है कि जम्मू कश्मीर में सब कुछ सामान्य है. लेकिन आज की कार्रवाई से उनका झूठा दावा सबके सामने उजागर हो गया है.

उन्होंने कहा कि एक ओर, पूरे श्रीनगर में धारा 370 के अवैध निरस्तीकरण पर कश्मीरियों को 'जश्न मनाने' का आह्वान करने वाले विशाल होर्डिंग्स लगाए गए हैं. जबकि लोगों की वास्तविक भावना का गला घोंटने के लिए क्रूर बल का प्रयोग किया जा रहा है. आशा है कि माननीय उच्चतम न्यायालय ऐसे समय में इन घटनाक्रमों का संज्ञान लेगा जब अनुच्छेद 370 पर सुनवाई हो रही है.

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बता दें कि इससे पहले शुक्रवार को पीडीपी ने सेमिनार या चर्चा करने की इजाजत मांगी थी. लेकिन जम्मू कश्मीर प्रशासन ने इसे रद्द कर दिया था. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, श्रीनगर प्रशासन ने पार्टी को कोई भी कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है.

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