ETV Bharat / bharat

रोमियो और कांची के जिम्मे इंडो-नेपाल सीमा की सुरक्षा, मंक और कुकी का है तस्करों में जबर्दस्त खौफ!

इंडो नेपाल सीमा की सुरक्षा (Security of Indo Nepal Border) की अहम जिम्मेदारी रोमियो, कांची, कुकी और मंक के कंधों पर है. बॉर्डर पर तैनात एसएसबी 21वीं बटालियन के ये चार जवान उनके लिए तीसरी आंख का काम करते हैं. दरअसल ये चारों जवान सिर्फ एसएसबी के ऑर्डर्स फॉलो करते हैं. आदेश मिलने के साथ ही काम में लग जाते हैं और नारकोटिक्स समेत विस्फोटक पदार्थों को मिनटों में पहचान लेते हैं. कौन हैं ये एक्सपर्ट, जिनसे सीमा की सुरक्षा में नहीं हो सकती है चूक, जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...

Romeo and Kanchi Dog Squad
Romeo and Kanchi Dog Squad
author img

By

Published : Jan 7, 2023, 6:41 PM IST

इंडो नेपाल बॉर्डर पर डॉग स्क्वायड की तैनाती.

बगहा: इंडो नेपाल सीमा स्थित वाल्मीकि नगर गंडक बराज (Valmiki Nagar Gandak Barrage) पर एसएसबी 21वीं बटालियन अपनी सेवा, बंधुत्व और सुरक्षा के लिए जानी जाती है. इनके चार साथी कुकी, कांची, मंक और रोमियो ऐसे जवान हैं. जो विस्फोटक और नशे की चीजों की विशेष पहचान रखते हैं. लिहाजा सीमा पर इन पदार्थों की तस्करी करने वालों के पसीने छूट जाते हैं. बॉर्डर पर एसएसबी की तीसरी आंख और सबसे भरोसेमंद साथी डॉग स्क्वायड हैं. एसएसबी के पास चार डॉग स्क्वायड हैं, जिनको पूरी तरह से प्रशिक्षित किया गया है. कुकी और कांची फीमेल हैं, इनको नारकोटिक्स सामग्रियों की विशेष पहचान है. इनके नजर से कोई भी ड्रग्स सप्लायर बच कर नहीं जा सकता.

पढ़ें-बगहा: SSB 21 वीं बटालियन ने धूमधाम से मनाया स्थापना दिवस, सांस्कृतिक कार्यक्रमों का हुआ आयोजन


मेल स्क्वायड भी हैं शानदार: वहीं मंक और रोमियो मेल स्क्वायड हैं. इनको विस्फोटक सामग्रियों की पहचान में विशेष महारत हासिल है. जमीन के अंदर बारूदी सुरंग बिछाई गई हो या किसी भी तरह का विस्फोटक पदार्थ हो, ये मिनटों में उसकी तहकीकात कर लेते हैं. रोमियो, कुकी, कांची और मंक इंडो नेपाल सीमा पर एसएसबी जवानों के कंधे से कंधा मिलाकर तो चलते ही हैं. साथ ही स्थानीय मामलों में भी इनकी मदद पुलिस प्रशासन के अधिकारी लेते हैं. वहां भी यह बखूबी अपनी जिम्मेदारी निभाते हैं.


स्थानीय प्रशासन भी लेता है इनकी मदद: एसएसबी कमांडेंट श्री प्रकाश ने बताया कि डॉग स्क्वायड टीम को बखूबी प्रशिक्षित किया गया है. यह उनके सबसे भरोसेमंद सिपाही हैं, जो 24 घंटे सीमा पर निगरानी करते हैं. ऐसे में क्या मजाल कि कोई अपराधी रात के अंधेरे में भी इनकी आंखों में धूल झोंक सके. इंडो-नेपाल सीमा स्थित गंडक बराज पर तैनात B Coy कंपनी कमांडर अमित शर्मा ने बताया कि बॉर्डर पर नारकोटिक्स और विस्फोटक सामग्रियों की तस्करी समेत अन्य प्रतिबंधित पदार्थों पर नजर रखने के लिए डॉग स्क्वायड के ये जवान उनके लिए तीसरी आंख की तरह काम करते हैं. सीमा सुरक्षा में तैनात जवानों के लिए ये सबसे भरोसेमंद साथी हैं. वहीं स्थानीय प्रशासन भी इनकी मदद से कई गंभीर मामलों को सुलझाने में मदद लेती रहती है.

Romeo and Kanchi Dog Squad
प्रशिक्षित होते हैं डॉग स्क्वायड.

"डॉग स्क्वायड टीम को बखूबी प्रशिक्षित किया गया है. यह हमारे सबसे भरोसेमंद सिपाही हैं, जो 24 घंटे सीमा पर निगरानी करते हैं. ऐसे में क्या मजाल कि कोई अपराधी रात के अंधेरे में भी इनकी आंखों में धूल झोंक सके."- श्री प्रकाश, कमांडेंट

"बॉर्डर पर नारकोटिक्स और विस्फोटक सामग्रियों की तस्करी समेत अन्य प्रतिबंधित पदार्थों पर नजर रखने के लिए डॉग स्क्वायड के ये जवान उनके लिए तीसरी आंख की तरह काम करते हैं. सीमा सुरक्षा में तैनात जवानों के लिए ये सबसे भरोसेमंद साथी हैं. वहीं स्थानीय प्रशासन भी इनकी मदद से कई गंभीर मामलों को सुलझाने में मदद लेती रहती है."-अमित शर्मा, कंपनी कमांडर, B coy कंपनी

इंडो नेपाल बॉर्डर पर डॉग स्क्वायड की तैनाती.

बगहा: इंडो नेपाल सीमा स्थित वाल्मीकि नगर गंडक बराज (Valmiki Nagar Gandak Barrage) पर एसएसबी 21वीं बटालियन अपनी सेवा, बंधुत्व और सुरक्षा के लिए जानी जाती है. इनके चार साथी कुकी, कांची, मंक और रोमियो ऐसे जवान हैं. जो विस्फोटक और नशे की चीजों की विशेष पहचान रखते हैं. लिहाजा सीमा पर इन पदार्थों की तस्करी करने वालों के पसीने छूट जाते हैं. बॉर्डर पर एसएसबी की तीसरी आंख और सबसे भरोसेमंद साथी डॉग स्क्वायड हैं. एसएसबी के पास चार डॉग स्क्वायड हैं, जिनको पूरी तरह से प्रशिक्षित किया गया है. कुकी और कांची फीमेल हैं, इनको नारकोटिक्स सामग्रियों की विशेष पहचान है. इनके नजर से कोई भी ड्रग्स सप्लायर बच कर नहीं जा सकता.

पढ़ें-बगहा: SSB 21 वीं बटालियन ने धूमधाम से मनाया स्थापना दिवस, सांस्कृतिक कार्यक्रमों का हुआ आयोजन


मेल स्क्वायड भी हैं शानदार: वहीं मंक और रोमियो मेल स्क्वायड हैं. इनको विस्फोटक सामग्रियों की पहचान में विशेष महारत हासिल है. जमीन के अंदर बारूदी सुरंग बिछाई गई हो या किसी भी तरह का विस्फोटक पदार्थ हो, ये मिनटों में उसकी तहकीकात कर लेते हैं. रोमियो, कुकी, कांची और मंक इंडो नेपाल सीमा पर एसएसबी जवानों के कंधे से कंधा मिलाकर तो चलते ही हैं. साथ ही स्थानीय मामलों में भी इनकी मदद पुलिस प्रशासन के अधिकारी लेते हैं. वहां भी यह बखूबी अपनी जिम्मेदारी निभाते हैं.


स्थानीय प्रशासन भी लेता है इनकी मदद: एसएसबी कमांडेंट श्री प्रकाश ने बताया कि डॉग स्क्वायड टीम को बखूबी प्रशिक्षित किया गया है. यह उनके सबसे भरोसेमंद सिपाही हैं, जो 24 घंटे सीमा पर निगरानी करते हैं. ऐसे में क्या मजाल कि कोई अपराधी रात के अंधेरे में भी इनकी आंखों में धूल झोंक सके. इंडो-नेपाल सीमा स्थित गंडक बराज पर तैनात B Coy कंपनी कमांडर अमित शर्मा ने बताया कि बॉर्डर पर नारकोटिक्स और विस्फोटक सामग्रियों की तस्करी समेत अन्य प्रतिबंधित पदार्थों पर नजर रखने के लिए डॉग स्क्वायड के ये जवान उनके लिए तीसरी आंख की तरह काम करते हैं. सीमा सुरक्षा में तैनात जवानों के लिए ये सबसे भरोसेमंद साथी हैं. वहीं स्थानीय प्रशासन भी इनकी मदद से कई गंभीर मामलों को सुलझाने में मदद लेती रहती है.

Romeo and Kanchi Dog Squad
प्रशिक्षित होते हैं डॉग स्क्वायड.

"डॉग स्क्वायड टीम को बखूबी प्रशिक्षित किया गया है. यह हमारे सबसे भरोसेमंद सिपाही हैं, जो 24 घंटे सीमा पर निगरानी करते हैं. ऐसे में क्या मजाल कि कोई अपराधी रात के अंधेरे में भी इनकी आंखों में धूल झोंक सके."- श्री प्रकाश, कमांडेंट

"बॉर्डर पर नारकोटिक्स और विस्फोटक सामग्रियों की तस्करी समेत अन्य प्रतिबंधित पदार्थों पर नजर रखने के लिए डॉग स्क्वायड के ये जवान उनके लिए तीसरी आंख की तरह काम करते हैं. सीमा सुरक्षा में तैनात जवानों के लिए ये सबसे भरोसेमंद साथी हैं. वहीं स्थानीय प्रशासन भी इनकी मदद से कई गंभीर मामलों को सुलझाने में मदद लेती रहती है."-अमित शर्मा, कंपनी कमांडर, B coy कंपनी

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.