रायपुर: भारतीय सिनेमा जगत के महानतम कलाकार दिलीप कुमार ने कई दशकों तक लोगों के दिलों पर अपनी फनकारी से राज किया. उन्हें जानने वाले लोग कहते हैं कि वे जितने बड़े कलाकार थे, उतने ही बेहतरीन इंसान भी थे. आप शायद जानकर हैरान रह जाएं, अपने जमाने के इस फिल्मी सितारे के साथ बस्तर से आने वाले आदिवासी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम का बहुत करीबी संबंध रहा है. उनके निधन के बाद नेताम ने दिलीप साहब के साथ उनकी दोस्ती और बातचीत की यादें ETV भारत के साथ शेयर की.
फ्लाइट में पहली मुलाकात के बाद हो गई गहरी दोस्ती
दिलीप कुमार के निधन से गमगीन अरविंद नेताम ने जब उनकी और दिलीप साहब की यादों को ताजा किया तो उनके चेहरे पर एक खास तरह की चमक आ गई. वे बताते हैं कि उनकी और दिलीप कुमार की पहली मुलाकात साल 1973 में दिल्ली से मुंबई जाते वक्त फ्लाइट में हुई थी. तब वे इंदिरा गांधी की सरकार में मंत्री थे. उन्हें किसी काम से केन्या जाना था. इसके लिए वे दिल्ली से मुंबई के लिए रवाना हुए थे. नेताम बताते हैं कि 'विमान में सबसे आखिरी यात्री के रूप में दिलीप कुमार आते हैं और उनकी ठीक बगल वाली सीट पर बैठते हैं. इतने बड़े सितारे को अपने पास पाकर वे बहुत खुश हुए और उन्होंने अपना परिचय उन्हें दिया. दिलीप कुमार इस बात से बहुत प्रभावित हुए कि बस्तर जैसे इलाके से एक आदिवासी नेता केंद्र सरकार में मंत्री हैं. फिर दोनों के बीच कई मुद्दों पर पूरे सफर के दौरान बातचीत हुई. जब विमान ने मुंबई में लैंड किया तो तब तक वे पक्के दोस्त बन चुके थे. दिलीप साब ने उनसे एयरपोर्ट पर ये वादा लेते हुए अलविदा लिया कि जब वे दोबारा मुंबई आएंगे जरूर मुलाकात करेंगे'.
दिलीप कुमार ने रखा था एक थाली में खाने का प्रस्ताव
नेताम ने आगे बताया कि केन्या से लौटने के बाद उन्हें जल्द ही भारत-वेस्टइंडीज मैच के लिए मुंबई जाने और दो-तीन गुजारने का मौका मिल गया. इस दौरान दिलीप साब को उन्होंने सूचना दी तो वे उन्हें अपने साथ अपने बंगले पर लेकर गए. खाने के टेबल पर जब वे बैठे और थाली लगी. तब दिलीप कुमार ने प्रस्ताव रखा कि वे एक ही थाली में खाना खा सकते हैं क्या ? इस पर अरविंद नेताम ने भी हामी भरी. फिर इसके बाद अक्सर मुलाकातों में वे एक ही थाली शेयर करते थे.
'3 से 4 घंटे चलता था बातचीत का सिलसिला'
ETV भारत से बातचीत में अरविंद नेताम ने दिलीप कुमार को जीनियस व्यक्ति बताते हुए कहा कि वे हर क्षेत्र के बारे में गहरी जानकारी रखते थे. फिल्मों के अलावा खेल भी उन्हें बहुत ज्यादा पसंद था. वे बताते हैं कि जब दिलीप साहब के घर पर डिनर करते थे तो बातचीत का सिलसिला काफी देर तक चलता था. इस दौरान राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय हर विषय पर चर्चा होती थी. दिलीप कुमार अपनी पेशावर से जुड़ी यादों को अक्सर ताजा किया करते थे.
बस्तर के इस खास शरबत को पसंद करते थे दिलीप कुमार
अरविंद नेताम बताते हैं कि 'दिलीप कुमार जब-जब दिल्ली आते थे तो वे उनके बंगले में जरूर आते थे. उन्हें बस्तर की खट्टी भाजी (अमारी भाजी) का शरबत बहुत पसंद था. कई बार तो वे घर पर नहीं भी होते तो भी वे इस खास शरबत को पीने के लिए घर पहुंच जाते थे'.
98 साल की उम्र में दुनिया को किया अलविदा
महान अभिनेता दिलीप कुमार का 7 जुलाई को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. उनके निधन से कला जगत ने अपना अनमोल हीरा खो दिया है. हालांकि दुनिया भर में फैले उनके फैंस के दिलों में वे हमेशा जिंदा रहेंगे. बॉलीवुड में पिछले कई जनरेशन की तरह आने वाली पीढ़ी भी उनके अभिनय से कुछ न कुछ सीखती रहेगी.