लखनऊ: हिजाब मामले पर कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी ने कहा कि हाल के विधानसभा चुनाव में भले ही चार राज्यों में बीजेपी की जीत हुई लेकिन इन चुनावों में धर्म के नाम पर ध्रुवीकरण नहीं हुआ. इसलिए अब हिजाब जैसे मुद्दे उठाए जा रहे हैं और मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि हिजाब मुस्लिम लड़कियों और महिलाओं की पहचान है और उन्हें अपनी परंपराओं और मूल्यों, जीवन शैली, संस्कृति और सभ्यता के साथ जीने का अधिकार है. उन्होंने कहा कि जब अरुणाचल प्रदेश को एक राज्य का दर्जा दिया गया तो राज्य के संदर्भ में बनाए गए कानूनों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि क्षेत्र के लोगों को अपने रीति-रिवाजों और धर्म के अनुसार जीने का अधिकार है. यदि संविधान और उनके रीति-रिवाजों के बीच संघर्ष होता है तो उनके रीति-रिवाजों को प्राथमिकता दी जाएगी. इसलिए भारत में रहने वाले प्रत्येक नागरिक को अपने धर्म के अनुसार जीने का अधिकार है. किसी के अधिकारों का हनन नहीं किया जा सकता है.
कुरैशी उन्होंने कहा कि इस फैसले को अब सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है लेकिन जो जज इस मामले की सुनवाई कर रहे हैं, वे तब तक सही निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकते, जब तक कि वे इस्लाम के सिद्धांतों से परिचित न हों. उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट इस संबंध में ध्यान देगा और मुस्लिम महिलाओं और लड़कियों की भावनाओं का सम्मान करेगा.
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द कश्मीर फाइल्स पर क्या कहा?
हाल ही में रिलीज हुई फिल्म द कश्मीर फाइल्स पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि यह फिल्म केवल सिक्के के एक पक्ष को दिखाती है और यह सामाजिक सद्भाव को नुकसान पहुंचाएगी. उन्होंने कहा कि कश्मीर में 50 हजार से ज्यादा मुसलमान भी आतंकी हमलों में मारे गये हैं. वहां की आवाम तो यह भी कहती है कि हजारों कश्मीरी सुरक्षा बलों का शिकार बने हैं.