प्रयागराज : माफिया अतीक और अशरफ की 15 अप्रैल को तीन शूटरों की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस हत्याकांड के बाद एक बार फिर से अतीक का चकिया स्थित कार्यालय चर्चा में है. सोमवार को जमींदोज हो चुके इस कार्यालय के कई हिस्सों में खून के धब्बे पड़े मिले थे. चाकू और खून से लथपथ कपड़े भी मिले थे. कुछ टूटी हुईं चूड़ियां भी पड़ी मिली. जानकारी मिलने पर धुमंगनज और खुल्दाबाद थाने की पुलिस पहुंच गई. फॉरेंसिक टीम को भी बुला लिया गया. एसीपी और डीसीपी सिटी भी मौके पर पहुंचे. हालांकि अभी फॉरेंसिक रिपोर्ट आनी बाकी है. इस रिपोर्ट से पता चल जाएगा कि खून के निशान किसके हैं.
अतीक अहमद के कार्यालय में ग्राउंड फ्लोर से लेकर पहली मंजिल तक जगह-जगह खून के निशान मिले थे. कई कपड़ों में भी खून लगा हुआ था. इसे लेकर लोग तमाम तरह की चर्चाएं कर रहे हैं. चकिया स्थित अतीक अहमद के कार्यालय में एंट्री के पास खून लगा हुआ चाकू पड़ा था. उसके पास जमीन पर भी खून लगा हुआ था.दीवारों पर भी खून लगा था. ऐसा लग रहा था कि किसी ने अपने हाथ में लगे खून को पोंछने का प्रयास किया हो. पहली मंजिल पर कई जगह खून के धब्बे लगे हुए थे. कमरे में पड़े हुए दुपट्टे में भी खून लगा था. इसके साथ ही एक पुरानी फ्रॉक भी मौके पर पड़ी थी और उसमें भी खून लगा था. कार्यालय में एक तरफ टूटी हुईं चूड़ियां भी पड़ी थीं. इस कार्यालय के दूसरी मंजिल पर भी खून के निशान मिले थे.
कोई कुछ तलाशने तो नहीं गया था कार्यालय में : इस कार्यालय में एक कमरे में लगी खिड़की का कांच टूटा हुआ था. वहां भी खून के निशान थे. ऐसे में यह भी आशंका हो सकती है कि कोई कुछ तलाशने या चोरी करने की नीयत से अतीक अहमद के कार्यालय में घुस गया हो, उसने कमरों में रखी अलमारियों में तलाशी ली हो या कोई चोर आया रहा जो कैश व अन्य कीमती सामान तलाश रहा था. आलमारियों के अंदर रखे हुए सारे समान बिखरे थे. देखकर ऐसा लग रहा है कि कोई कुछ तलाशने गया था, उसी ने सामान को अस्त-व्यस्त कर दिया है, तलाशी के दौरान कांच लगने से चोट लगी हो और जगह-जगह खून के निशान लग गए हों.
खानाबदोश लोगों के द्वारा खाना बनाने का भी शक : अतीक अहमद के कार्यालय को जेसीबी से ढहा दिया गया था. कार्यालय आगे से पूरी तरह से ध्वस्त है, पीछे का कुछ हिस्सा रहने-बैठने लायक है. आशंका है कि बीते दिनों में कुछ खानाबदोश किस्म के लोगों ने डेरा डाला हो और उन्होंने ही वहां पर चिकन काटा हो. ऐसी संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि खानाबदोश किस्म के लोगों ने अतीक के कार्यालय को अपना ठिकाना बना लिया हो. रात में वहां रहते रहे हों, उसी दौरान विवाद में कोई घायल हुआ हो जिसका खून जगह जगह पड़ा हुआ है. बहरहाल इन सभी सवालों का जवाब फॉरेंसिक लैब से ब्लड सैम्पल की रिपोर्ट आने के बाद ही सामने आ पाएगा.
डीसीपी दीपक भूकर का कहना है फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि ब्लड इंसान या किसी जानवर का है. इसके साथ ही पुलिस आसपास के सीसीटीवी कैमरे की जांच कर फुटेज के सहारे भी यह पता लगाने में जुटी हुई है कि आखिर कौन इस कार्यालय के अंदर गया था.
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