नागौर. स्वीडन से आए एक विदेश दंपती ने नागौर के अनाथ बच्चे को गोद (Foreign couple adopted orphan child) लिया है. जिला बाल कल्याण समिति में पल रहे बच्चे को गोद लेने की सभी कानूनी प्रक्रिया दंपती ने पूरी कर ली है और वे अब उसे लेकर बुधवार को वापस स्वीडन के लिए रवाना हो गए. इससे पूर्व नागौर पहुंचने पर विदेशी दंपती का स्वागत किया गया. जिला कलेक्टर पीयूष सामरिया भी बाल कल्याण समिति कार्यालय पहुंचे और विदेशी दंपती से मिले.
अनाथ बच्चे अभिनंदन को गोद लेने की समस्त प्रक्रिया को पूरा करने के बाद इस बच्चे को विदेश से आए माता-पिता को सौंप दिया गया है. नागौर के जिला कलेक्टर पीयूष सामरिया और बाल कल्याण समिति अध्यक्ष मनोज सोनी सहित समिति के पदाधिकारियों की मौजूदगी में बच्चे को गोद देने से जुड़ी प्रक्रिया को पूरा किया गया. जिस बच्चे को विदेशी दंपती ने गोद लिया है वह अब स्वीडन में ही पले-बढ़ेगा. इस बच्चे को अभिनंदन नाम दिया गया है.
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इस बच्चे को गोद लेने के लिए स्वीडन की फैमिली ने आवेदन किया था. दोनों पति-पत्नी स्वीडन में पुलिस अधिकारी हैं और स्वीडन पुलिस के मार्फत बच्चे को गोद लेने की इच्छा जाहिर करते हुए आवेदन मिला था. बच्चे को गोद लेने से जुड़ी प्रक्रिया को पूरा करने के बाद इस बच्चे को वे साथ ले गए.
बाल कल्याण समिति अध्यक्ष मनोज सोनी ने खुशी जाहिर करते हुए बताया कि सारी विधिक प्रक्रिया पूरी कर बच्चे को स्वीडन से आए दंपती को सौंप दिया गया है. केंद्रीय एजेंसी दिल्ली कारा की मदद से सवा साल से विदेशी दंपती गोद लेने की प्रक्रिया के तहत प्रयास कर रहे थे. न्यायालयी प्रक्रिया पुरी होने के बाद विदेशी दंपती एजेंसी के सदस्यों के साथ दिल्ली से नागौर पहुंचे और अभिनंदन को गोद लिया.
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जिला कलेक्टर पीयूष सामरिया ने बताया कि बालक अभिनंदन को गोद लेने से जुड़ी सभी कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद उसको स्वीडन की फैमिली को सौंप दिया गया है. यह बहुत खुशी की बात है कि एक अनाथ बच्चे को माता-पिता का प्यार मिलेगा. विदेश में उसका बेहतर पालन-पोषण हो सकेगा. जिला कलेक्टर ने बच्चे के उज्ज्वल भविष्य की कामना की है.
विदेशी दंपती आज अभिनंदन को लेकर 6 हजार किलोमीटर दूर हवाई जहाज से स्वीडन के लिए रवाना हो गए. विदेशी दंपती का सपना है कि उनके परिवार का हिस्सा बना अभिनंदन बड़ा होकर डॉक्टर बनकर लोगों की सेवा करे.