हैदराबाद : तेलंगाना में सरकारी स्कूलों में फूड पॉइजनिंग के एक और मामले में कुमारम भीम आसिफाबाद जिले के एक अल्पसंख्यक आवासीय स्कूल के 31 छात्र बीमार हो गए (food poisoning in Telangana school). कागजनगर कस्बे में लड़कों के आवासीय विद्यालय के छात्रों ने सोमवार को रात के खाने के बाद पेट दर्द और उल्टी की शिकायत की.
घटना की खबर लगते ही स्थानीय मीडियाकर्मी स्कूल पहुंचे लेकिन स्टाफ ने उन्हें परिसर में प्रवेश नहीं करने दिया. स्टाफ ने पीछे के दरवाजे से छात्रों को बाहर निकालने की कोशिश की. पुलिस ने वहां पहुंचकर प्रभावित छात्रों को अपने-अपने वाहनों से अस्पताल पहुंचाया.
जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (डीएमएचओ) प्रभाकर रेड्डी ने कहा कि, छात्रों की हालत स्थिर है. उन्होंने घटना की जांच के आदेश दिए हैं. अधिकारियों ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि पकाने से पहले चावल धोया नहीं गया. छात्रों ने बताया कि, उन्हें परोसे जाने वाले भोजन में कीड़े मिलने की शिकायत उन्होंने प्रिंसिपल से की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
राज्य में सरकार द्वारा संचालित आवासीय शिक्षण संस्थानों में फूड प्वाइजनिंग की यह पहली घटना नहीं है. एक एनजीओ द्वारा हाल ही में किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि 2022 के दौरान सरकारी स्कूल में 1,100 छात्रों को फूड प्वाइजनिंग का सामना करना पड़ा. इंस्टिट्यूट ऑफ परसेप्शन स्टडीज की निदेशक कोटा नीलिमा के मुताबिक छात्रों को परोसे जाने वाले खाने में छिपकली, मेंढक, केंचुए और कीड़े मिले. भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता विजय गोपाल को घटनाओं के पीछे एक साजिश का संदेह है.
विजय गोपाल ने शिक्षा मंत्री पी. सबिता इंद्रा रेड्डी को टैग करते हुए ट्वीट किया, 'यह विश्वास करना मुश्किल है कि ये सभी दुर्घटनाएं हो रही हैं, इतने सारे उदाहरण, घटनाएं और क्या नहीं? क्या हम सरकारी स्कूलों में सी ग्रेड गुणवत्ता वाले भोजन/सेवाएं दे रहे हैं, ताकि बच्चे प्राइवेट स्कील में चले जाएं? क्या यह किसी प्रकार की रणनीति है?'
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(आईएएनएस)