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AHMEDABAD NEWS : जेआरजोशी के पास हैं विभिन्न तरह की 100 बांसुरियां, इनमें जर्मन की बांसुरी है 7 लाख रुपये की

बांसुरी के शौकीन जेआर जोशी के पास बांसुरी संग्रह की विविधता तो है ही इनमें छोटी-छोटी विदेशी बांसुरियां भी हैं. उनके पास भारत समेत विदेशों की लगभग 100 बांसुरियों हैं. इसमें सबसे महंगी जर्मन से मंगाई गई बांसुरी की कीमत 7 से 10 लाख तक है.

German's flute is worth 7 lakh rupees
जर्मन की बांसुरी है 7 लाख रुपये की
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Published : May 10, 2023, 8:12 PM IST

अहमदाबाद : बांसुरी और बांसुरी वादक के बारे में तो आपने ने काफी कुछ सुना होगा. लेकिन बांसुरी के शौकीन जेआर जोशी के अनोखे संग्रह के बारे में जानकर आप हैरान हो जाएंगे क्योंकि इनके पास बांसुरी संग्रह की विविधता तो है ही लेकिन इनके पास छोटी-छोटी विदेशी बांसुरियां भी हैं. जेआर जोशी के पास भारत ही नहीं विदेशों कि भी बांसुरी सहित उनके पास लगभग 100 बांसुरियों का संग्रह है. इसमें 2 बांसुरी जर्मन और अमेरिकी बांसुरी हैं, लेकिन जर्मन से मंगाई गई बांसुरी की कीमत 7 से 10 लाख तक है.

श्यामल इलाके के रहने वाले जेआर जोशी एक लेखक हैं. वह अपने विचारों को अपनी कला से लोगों के सामने प्रस्तुत करते हैं. लेकिन उन्होंने अपने मन को बात कहने के लिए बांसुरी का शौक विकसित कर लिया है. ईटीवी भारत से बात करते हुए जोशी ने कहा कि उन्हें बचपन से ही बांसुरी बजाने का शौक था. जब वे एक खाखी बावा के स्थान पर पूजा कर रहे थे, उनके हाथ में एक छोटी सी बांसुरी मिली. जिस पर उनके गुरु ने मदारी धुन सिखाई. उन्होंने बताया कि मेरे शिक्षक ने मुझे नागिन और मदारी धुनें सिखाईं. मेरे शिक्षक भी संगीत में बहुत अच्छे थे. उस समय मुझे बांसुरी या सरगम ​​का ज्ञान नहीं था लेकिन जैसे ही मेरे पास पैसे होने लगे, मैंने तरह-तरह की बांसुरी खरीदनी शुरू कर दी. उन्होंने बताया कि मेरे पास फिलहाल जर्मन श्री की तरह बांसुरी है.

जोशी के यहां मिले बांसुरी संग्रह की बात करें तो इसकी एक अनोखी वैरायटी है. इसमें 3 फीट की बांसुरी भी है. वर्तमान में उनके पास 100 से अधिक बांस की बांसुरी हैं. इनमें बांस की बांसुरी सबसे अच्छी मानी जाती है. इतना ही नहीं उनके पास 6 इंच की सबसे छोटी बांसुरी भी है जिसकी बहुत तेज ध्वनि निकलती है जो तीखी लगती है. बांसुरी के शौकीन जेआर जोशी के पास न केवल भारतीय बल्कि जर्मन और अमेरिकी बांसुरी का भी संग्रह है. इसकी खासियत यह है कि इसमें तीन अलग-अलग जगहों से एक शब्द बजाया जा सकता है. अन्य बांसुरियों में यह संभव नहीं है. जर्मन इन आर्ट कंपनी द्वारा बनाई गई बांसुरी की कीमत 7 लाख रुपए है. ये बांसुरी ऑर्डर करने पर ही बनाई जाती है. भारतीय कीमत के अनुसार लगभग 7 लाख से शुरू होती है. यह बांसुरी इसलिए भी बहुत महंगी पड़ती है क्योंकि इसे भारत तक ​​लाने में 3 लाख रुपये का और खर्च आता है, इस वजह से इसकी कुल लागत 10 लाख तक पहुंच जाती है.

जेआर जोशी के पास सिर्फ बांसुरी का ही संग्रह नहीं है. उनके पास विभिन्न विदेशी घड़ियों का भी अच्छा संग्रह है. हालांकि जोशी खुद एक लेखक के रूप में 10 से अधिक उपन्यास लिख चुके हैं और उनका 50 पन्नों का शब्दकोष संग्रह भी है.

ये भी पढ़ें - गजब का शौक : व्यापारी ने 550 विंटेज बाइक का किया संग्रह

अहमदाबाद : बांसुरी और बांसुरी वादक के बारे में तो आपने ने काफी कुछ सुना होगा. लेकिन बांसुरी के शौकीन जेआर जोशी के अनोखे संग्रह के बारे में जानकर आप हैरान हो जाएंगे क्योंकि इनके पास बांसुरी संग्रह की विविधता तो है ही लेकिन इनके पास छोटी-छोटी विदेशी बांसुरियां भी हैं. जेआर जोशी के पास भारत ही नहीं विदेशों कि भी बांसुरी सहित उनके पास लगभग 100 बांसुरियों का संग्रह है. इसमें 2 बांसुरी जर्मन और अमेरिकी बांसुरी हैं, लेकिन जर्मन से मंगाई गई बांसुरी की कीमत 7 से 10 लाख तक है.

श्यामल इलाके के रहने वाले जेआर जोशी एक लेखक हैं. वह अपने विचारों को अपनी कला से लोगों के सामने प्रस्तुत करते हैं. लेकिन उन्होंने अपने मन को बात कहने के लिए बांसुरी का शौक विकसित कर लिया है. ईटीवी भारत से बात करते हुए जोशी ने कहा कि उन्हें बचपन से ही बांसुरी बजाने का शौक था. जब वे एक खाखी बावा के स्थान पर पूजा कर रहे थे, उनके हाथ में एक छोटी सी बांसुरी मिली. जिस पर उनके गुरु ने मदारी धुन सिखाई. उन्होंने बताया कि मेरे शिक्षक ने मुझे नागिन और मदारी धुनें सिखाईं. मेरे शिक्षक भी संगीत में बहुत अच्छे थे. उस समय मुझे बांसुरी या सरगम ​​का ज्ञान नहीं था लेकिन जैसे ही मेरे पास पैसे होने लगे, मैंने तरह-तरह की बांसुरी खरीदनी शुरू कर दी. उन्होंने बताया कि मेरे पास फिलहाल जर्मन श्री की तरह बांसुरी है.

जोशी के यहां मिले बांसुरी संग्रह की बात करें तो इसकी एक अनोखी वैरायटी है. इसमें 3 फीट की बांसुरी भी है. वर्तमान में उनके पास 100 से अधिक बांस की बांसुरी हैं. इनमें बांस की बांसुरी सबसे अच्छी मानी जाती है. इतना ही नहीं उनके पास 6 इंच की सबसे छोटी बांसुरी भी है जिसकी बहुत तेज ध्वनि निकलती है जो तीखी लगती है. बांसुरी के शौकीन जेआर जोशी के पास न केवल भारतीय बल्कि जर्मन और अमेरिकी बांसुरी का भी संग्रह है. इसकी खासियत यह है कि इसमें तीन अलग-अलग जगहों से एक शब्द बजाया जा सकता है. अन्य बांसुरियों में यह संभव नहीं है. जर्मन इन आर्ट कंपनी द्वारा बनाई गई बांसुरी की कीमत 7 लाख रुपए है. ये बांसुरी ऑर्डर करने पर ही बनाई जाती है. भारतीय कीमत के अनुसार लगभग 7 लाख से शुरू होती है. यह बांसुरी इसलिए भी बहुत महंगी पड़ती है क्योंकि इसे भारत तक ​​लाने में 3 लाख रुपये का और खर्च आता है, इस वजह से इसकी कुल लागत 10 लाख तक पहुंच जाती है.

जेआर जोशी के पास सिर्फ बांसुरी का ही संग्रह नहीं है. उनके पास विभिन्न विदेशी घड़ियों का भी अच्छा संग्रह है. हालांकि जोशी खुद एक लेखक के रूप में 10 से अधिक उपन्यास लिख चुके हैं और उनका 50 पन्नों का शब्दकोष संग्रह भी है.

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