गुवाहाटी: असम में बाढ़ से पांच और लोगों की मौत हो गयी और 25 जिलों में 22 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं. हालांकि, रविवार को बाढ़ की स्थिति में सुधार हुआ है. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के दैनिक बुलेटिन के अनुसार, रविवार को बारपेटा, कछार, दर्रांग, करीमगंज और मोरीगांव जिलों के विभिन्न स्थानों पर चार बच्चों समेत पांच लोग डूब गए. इसके अलावा दो जिलों में दो लोग लापता हैं. राज्य में इस साल बाढ़ और भूस्खलनों में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 126 हो गयी है.
बुलेटिन के अनुसार, बालाजी, बक्सा, बारपेटा, कछार, चिरांग, दर्रांग, धेमाजी, धुबरी, डिब्रुगढ़, गोलपाड़ा, गोलाघाट, हैलाकांडी, नलबाड़ी, सोनितपुर, दक्षिण सलमारा, तमुलपुर और उदलगुड़ी जिलों में बाढ़ के कारण 22,21,500 से अधिक लोग प्रभावित हैं. बारपेटा में सबसे ज्यादा करीब सात लाख लोग प्रभावित हैं. इसके बाद नगांव में 5.13 लाख और कछार में 2.77 लाख लोग प्रभावित हैं. कछार, डिब्रूगढ़ और मोरीगांव जिलों में कई स्थान भी बाढ़ से प्रभावित हैं. शनिवार तक 24 जिलों में 25 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं.
राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने रविवार को बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित कछार जिले के सिलचर और कामरूप के हाजो का दौरा किया. उन्होंने राहत एवं बचाव अभियानों में लगी एजेंसियों को अपनी पहुंच बढ़ाने और जल्द से जल्द मदद पहुंचाने के निर्देश दिए. सिलचर शहर के एक सप्ताह से जलमग्न रहने के कारण सरमा ने माना कि प्रशासन अभी तक सभी लोगों तक नहीं पहुंच पाया है। उन्होंने कहा, हम इससे इनकार नहीं कर रहे हैं. उन्होंने लोगों से इस मुश्किल वक्त में एक-दूसरे के साथ खड़े रहने की अपील की और सिलचर में परोपकारी गतिविधियों की सराहना की.
सरमा ने कहा कि प्रशासन का करीब 50 फीसदी काम परोपकारी संगठन और लोग कर रहे हैं. एएसडीएमए ने कहा कि अभी 2,542 गांव जलमग्न हैं और 74,706.77 एकड़ कृषि योग्य जमीन को नुकसान पहुंचा है. उसने कहा कि प्राधिकार 23 जिलों में 680 राहत शिविर और वितरण केंद्र चला रहा हैं, जहां 2,17,413 लोगों ने शरण ले रखी है. बुलेटिन में कहा गया है कि सेना, अर्द्धसैन्य बल, एनडीआरएफ, नागरिक प्रशासन, प्रशिक्षित स्वयंसेवक, दमकल और आपात सेवा के कर्मियों और स्थानीय लोगों ने पिछले 24 घंटे में राज्य के विभिन्न बाढ़ग्रस्त इलाकों से 1,912 लोगों को बचाया है.
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केंद्रीय जल आयोग के एक बुलेटिन का हवाला देते हुए एएसडीएमए ने कहा कि धरमतुल में कोपिली नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.
पीटीआई-भाषा