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तेलंगाना के भद्राचलम में बाढ़ की स्थिति गंभीर, सीएम ने दिए राहत कार्यों के निर्देश - तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव

तेलंगाना के भद्राचलम शहर व आसपास के क्षेत्र मे बाढ़ से हालात गंभीर हो गए हैं. वहीं गोदावरी नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. सीएम केसीआर (Telangana CM K Chandrasekhar Rao) ने अफसरों को एनडीआरएफ (NDRF) के साथ हेलीकॉप्टर मुहैया कराने के लिए कहा है. वहीं बाढ़ फंसे लोगों की मदद के लिए सेना का 101 सदस्यों का दल शामिल होगा.

Flood situation grim in Telangana's Bhadrachalam
तेलंगाना के भद्राचलम में बाढ़ की स्थिति गंभीर
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Published : Jul 15, 2022, 8:14 PM IST

Updated : Jul 15, 2022, 9:11 PM IST

हैदराबाद : तेलंगाना के भद्राचलम शहर और आसपास के इलाकों में शुक्रवार को बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है. गोदावरी नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है और जलस्तर हर घंटे बढ़ रहा है. मंदिर शहर के कई रिहायशी इलाके और भद्राद्री कोठागुडेम जिले में नदी के किनारे बसे सैकड़ों गांव बाढ़ में डूब गए. वहीं तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (Telangana CM K Chandrasekhar Rao) ने अधिकारियों को बाढ़ से प्रभावित निचले इलाकों में जन सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) कर्मियों, बचाव दल और हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराने के शुक्रवार को निर्देश दिए हैं.

सेना के 101 सदस्यों का दल शामिल होगा : मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, राव ने परिवहन मंत्री पुववाड़ा अजय के अनुरोध के बाद मुख्य सचिव सोमेश कुमार से एक हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराने को कहा है. मुख्य सचिव सोमेशकुमार ने कहा कि सेना राज्य में भारी बारिश के कारण उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए राज्य सरकार की मदद करेगी. उन्होंने कहा कि सेना के 101 सदस्यों का एक दल बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत कार्यों में शामिल होगा. उन्होंने कहा कि सेना को सीएम केसीआर के आदेश के अनुसार बाढ़ क्षेत्रों में सहयोग करने के लिए कहा गया है. उन्होंने बताया कि सेना के दल में 68 सदस्यीय पैदल सेना, 10 सदस्यीय मेडिकल टीम और 23 सदस्यीय इंजीनियरिंग टीम भद्राद्री कोठागुडेम जिले में राहत कार्यों में शामिल होने जा रही है.

एक रिपोर्ट

भद्राचलम बांध का जलस्तर चेतावनी स्तर से ऊपर : बता दें कि शुक्रवार सुबह 11 बजे भद्राचलम बांध का जलस्तर 68.70 फीट था, जो तीसरे बाढ़ चेतावनी स्तर 53 फीट से काफी ऊपर है. जिला कलेक्टर डी. अनुदीप के मुताबिक, आवक और बहिर्वाह करीब 23 लाख क्यूसेक था. अनुदीप ने कहा कि नदी के ऊपर से बड़े पैमाने पर पानी आना जारी है इससे जल स्तर 75 फीट तक बढ़ सकता है. उन्होंने शांति नगर, राजूपेटा, औद्योगिक क्षेत्र, सीआरपीएफ कैंप, मंदिर क्षेत्र और मुदिराज स्ट्रीट के लोगों को राहत शिविरों में जाने का निर्देश दिया. इन इलाकों से अब तक करीब 10 हजार लोग राहत शिविरों में पहुंच चुके हैं.

100 गांव सड़क संपर्क जलमग्न : बाढ़ की वजह से चेर्ला, दुम्मुगुडेम, अश्वपुरम, बरगमपाडु, पिनापाका और मनुगुर मंडल (ब्लॉक) में लगभग 100 गांव सड़क संपर्क जलमग्न होने के कारण कट गए. बिजली ट्रांसफार्मरों में पानी भर जाने से अधिकारियों ने एहतियात के तौर पर गांवों में बिजली आपूर्ति बंद कर दी. एनडीआरएफ की टीमों ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है.

गोदावरी पुल 1986 के बाद दूसरी बार हुआ बंद : वाहनों के आवागमन के लिए प्रसिद्ध गोदावरी पुल के बंद होने से भद्राचलम दूसरे दिन भी कटा रहा. मंदिर शहर को पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा से जोड़ने वाले इस पुल पर गुरुवार शाम को वाहनों का आवागमन रोक दिया गया था. शाम 5 बजे प्रतिबंध लगाए गए. 48 घंटे की अवधि के लिए एहतियात के तौर पर नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी. इस पुल के इतिहास में यह दूसरा मौका है जब इसे बाढ़ के कारण बंद किया गया है. पिछली बार इसे यातायात के लिए 1986 में बंद किया गया था जब जलस्तर 75.6 फीट तक पहुंच गया था.

अधिकारियों ने भद्राचलम और बरगमपाडु मंडलों में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा भी लगाई. अधिकारियों ने कहा कि लोगों को अपने घरों से बाहर निकलने से रोकने के लिए ऐसा किया गया क्योंकि बाढ़ की स्थिति के कारण उन्हें खतरा हो सकता है. कस्बे में एनडीआरएफ की तीन टीमों को तैनात किया गया है.

ये भी पढ़ें - गुजरात : देवदूत बने कोस्ट गार्ड, बाढ़ में फंसी ग्यारह महीने की बच्ची को किया एयरलिफ्ट

हैदराबाद : तेलंगाना के भद्राचलम शहर और आसपास के इलाकों में शुक्रवार को बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है. गोदावरी नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है और जलस्तर हर घंटे बढ़ रहा है. मंदिर शहर के कई रिहायशी इलाके और भद्राद्री कोठागुडेम जिले में नदी के किनारे बसे सैकड़ों गांव बाढ़ में डूब गए. वहीं तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (Telangana CM K Chandrasekhar Rao) ने अधिकारियों को बाढ़ से प्रभावित निचले इलाकों में जन सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) कर्मियों, बचाव दल और हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराने के शुक्रवार को निर्देश दिए हैं.

सेना के 101 सदस्यों का दल शामिल होगा : मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, राव ने परिवहन मंत्री पुववाड़ा अजय के अनुरोध के बाद मुख्य सचिव सोमेश कुमार से एक हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराने को कहा है. मुख्य सचिव सोमेशकुमार ने कहा कि सेना राज्य में भारी बारिश के कारण उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए राज्य सरकार की मदद करेगी. उन्होंने कहा कि सेना के 101 सदस्यों का एक दल बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत कार्यों में शामिल होगा. उन्होंने कहा कि सेना को सीएम केसीआर के आदेश के अनुसार बाढ़ क्षेत्रों में सहयोग करने के लिए कहा गया है. उन्होंने बताया कि सेना के दल में 68 सदस्यीय पैदल सेना, 10 सदस्यीय मेडिकल टीम और 23 सदस्यीय इंजीनियरिंग टीम भद्राद्री कोठागुडेम जिले में राहत कार्यों में शामिल होने जा रही है.

एक रिपोर्ट

भद्राचलम बांध का जलस्तर चेतावनी स्तर से ऊपर : बता दें कि शुक्रवार सुबह 11 बजे भद्राचलम बांध का जलस्तर 68.70 फीट था, जो तीसरे बाढ़ चेतावनी स्तर 53 फीट से काफी ऊपर है. जिला कलेक्टर डी. अनुदीप के मुताबिक, आवक और बहिर्वाह करीब 23 लाख क्यूसेक था. अनुदीप ने कहा कि नदी के ऊपर से बड़े पैमाने पर पानी आना जारी है इससे जल स्तर 75 फीट तक बढ़ सकता है. उन्होंने शांति नगर, राजूपेटा, औद्योगिक क्षेत्र, सीआरपीएफ कैंप, मंदिर क्षेत्र और मुदिराज स्ट्रीट के लोगों को राहत शिविरों में जाने का निर्देश दिया. इन इलाकों से अब तक करीब 10 हजार लोग राहत शिविरों में पहुंच चुके हैं.

100 गांव सड़क संपर्क जलमग्न : बाढ़ की वजह से चेर्ला, दुम्मुगुडेम, अश्वपुरम, बरगमपाडु, पिनापाका और मनुगुर मंडल (ब्लॉक) में लगभग 100 गांव सड़क संपर्क जलमग्न होने के कारण कट गए. बिजली ट्रांसफार्मरों में पानी भर जाने से अधिकारियों ने एहतियात के तौर पर गांवों में बिजली आपूर्ति बंद कर दी. एनडीआरएफ की टीमों ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है.

गोदावरी पुल 1986 के बाद दूसरी बार हुआ बंद : वाहनों के आवागमन के लिए प्रसिद्ध गोदावरी पुल के बंद होने से भद्राचलम दूसरे दिन भी कटा रहा. मंदिर शहर को पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा से जोड़ने वाले इस पुल पर गुरुवार शाम को वाहनों का आवागमन रोक दिया गया था. शाम 5 बजे प्रतिबंध लगाए गए. 48 घंटे की अवधि के लिए एहतियात के तौर पर नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी. इस पुल के इतिहास में यह दूसरा मौका है जब इसे बाढ़ के कारण बंद किया गया है. पिछली बार इसे यातायात के लिए 1986 में बंद किया गया था जब जलस्तर 75.6 फीट तक पहुंच गया था.

अधिकारियों ने भद्राचलम और बरगमपाडु मंडलों में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा भी लगाई. अधिकारियों ने कहा कि लोगों को अपने घरों से बाहर निकलने से रोकने के लिए ऐसा किया गया क्योंकि बाढ़ की स्थिति के कारण उन्हें खतरा हो सकता है. कस्बे में एनडीआरएफ की तीन टीमों को तैनात किया गया है.

ये भी पढ़ें - गुजरात : देवदूत बने कोस्ट गार्ड, बाढ़ में फंसी ग्यारह महीने की बच्ची को किया एयरलिफ्ट

Last Updated : Jul 15, 2022, 9:11 PM IST
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