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हर्षिल-छितकुल ट्रैकिंग पर गए पांच पर्यटकों की मौत, ITBP के तीन पोर्टरों का भी शव मिला - Army and SDRF engaged in finding tourists

उत्तरकाशी-हिमाचल बॉर्डर पर बुधवार को 8 ट्रैकर और 3 पोर्टर लापता हो गए थे. रेस्क्यू टीम को इलाके में आज 5 शव दिखे हैं. एक ट्रैकर मिथुन को रेस्क्यू कर लिया गया है. वहीं अन्य लापता लोगों की खोज जारी है.

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Published : Oct 21, 2021, 4:30 PM IST

उत्तरकाशी : बीते 14 अक्टूबर से हर्षिल-छितकुल (हिमाचल प्रदेश) के लखमा पास पर लापता 11 पर्यटकों को ढूंढने के लिए सेना और SDRF की टीम मौके पर पहुंची है. यहां रेस्क्यू टीम को 5 लोगों के शव दिखे हैं. सभी शवों को रेस्क्यू करने के प्रयास चल रहे हैं. अन्य लापता लोगों की खोज भी की जा रही है. इसी के साथ एक ट्रैकर मिथुन को लेकर SDRF हिमाचल की ओर रवाना हो गई है. वहीं भारत-चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा पर लापता तीन पोर्टरों के शव बरामद कर लिए गए हैं. पोर्टर भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) गश्ती दल के साथ सीमा पर गए थे. पोर्टरों के शव आइटीबीपी की नीला पानी चौकी से डेढ़ किलोमीटर दूर सीमा की ओर बर्फ में दबे मिले.

बता दें, बीते 14 अक्टूबर को दिल्ली और कोलकाता के 8 ट्रैकर्स के साथ 17 सदस्यीय दल हर्षिल-छितकुल के लखमा पास के लिए रवाना हुआ था. दल के लखमा पास पार करने के बाद टीम के 6 पोर्टर बीती मंगलवार को हिमाचल प्रदेश की ओर ITBP कैम्प पहुंच गए थे, लेकिन 8 ट्रैकर्स सहित अन्य 3 लोग भारी बर्फबारी के चलते लापता हो गए थे. स्थानीय ट्रैकिंग एजेंसी ने घटना की सूचना बुधवार को जिला आपदा प्रबंधन विभाग की दी थी. सूचना के आधार पर एक हेलीकॉप्टर सहित SDRF की टीम ट्रैकर्स के खोज-बचाव के लिए मौके के लिए रवाना हुई थी.

हर्षिल-छितकुल ट्रैकिंग पर गए एक पर्यटक को बचाया गया.

पढ़ें- चीन सीमा से सटे दारमा घाटी में फंसे 80 से अधिक पर्यटक, बर्फबारी में दो की मौत

जानकारी के अनुसार, कोलकाता के 7, दिल्ली का एक पर्यटक और उत्तरकाशी के तीन रसोइयों को मिलाकर टीम 11 अक्टूबर को हर्षिल से छितकुल के लिए रवाना हुई थी और 19 अक्टूबर को वहां पहुंचने वाली थी. हालांकि, जब यह मंगलवार को छितकुल नहीं पहुंची, तो चिंतित ट्रैक आयोजकों ने उत्तरकाशी जिला आपदा प्रबंधन को सूचित किया.

आईटीबीपी के तीनों मृतकों पोर्टर्रो के नाम संजय सिंह (24) पुत्र दलबीर सिंह निवासी ग्राम नाल्ड,पोस्ट ऑफिस गंगोरी उत्तरकाशी, राजेंद्र सिंह (25) पुत्र बृजमोहन निवासी ग्राम (स्युना) सिरोर, पोस्ट ऑफिस नेताला उत्तरकाशी, दिनेश चौहान (23) पुत्र भरत सिंह चौहान निवासी ग्राम/ पोस्ट ऑफिस पाटा उत्तरकाशी है.

ITBP के तीन पोर्टरों का शव लाया गया कैंप.

बता दें कि 15 अक्टूबर को ITBP की गश्त एलआरपी टीम के साथ तीन पोर्टर भारत-चीन नीलापानी अंतरराष्ट्रीय सीमा के लिए रवाना हुए थे. गश्त के बाद टीम वापस लौटी. टीम के साथ पोर्टर भी वापस लौट रहे थे, लेकिन 17 अक्टूबर को बर्फबारी होने के कारण पोर्टर आईटीबीपी की टीम से बिछड़ गए. इन पोर्टरों को 18 अक्टूबर को वापस नीलापानी स्थित भारत तिब्बत सीमा पुलिस की चौकी पर लौटना था.

वहीं, ITBP की टीम ने पोर्टरों को तलाश करने के लिए 18 और 19 अक्टूबर को राहत-बचाव अभियान चलाया. अन्य पांच पोर्टरों को भी उन्हें ढूंढने के लिए भेजा गया, लेकिन तीनों का कुछ पता नहीं लग पाया. उसके बाद ITBP ने बीती मंगलवार देर शाम राज्य आपदा प्रबंधन विभाग से हेली रेस्क्यू के लिए मदद मांगी, लेकिन आपदा प्रबंधन के पास इस तरह के हेलीकॉप्टर नहीं हैं जो चार हजार से लेकर साढ़े चार हजार मीटर तक की ऊंचाई पर रेस्क्यू कर सकें.

ITBP के जवानों ने तीन पोर्टरों के शवों को लेकर मातली कैंप पहुंची है. एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर के जरिए तीनों शव को कैंप तक लाया गया है. जहां से उन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया है.

उत्तरकाशी : बीते 14 अक्टूबर से हर्षिल-छितकुल (हिमाचल प्रदेश) के लखमा पास पर लापता 11 पर्यटकों को ढूंढने के लिए सेना और SDRF की टीम मौके पर पहुंची है. यहां रेस्क्यू टीम को 5 लोगों के शव दिखे हैं. सभी शवों को रेस्क्यू करने के प्रयास चल रहे हैं. अन्य लापता लोगों की खोज भी की जा रही है. इसी के साथ एक ट्रैकर मिथुन को लेकर SDRF हिमाचल की ओर रवाना हो गई है. वहीं भारत-चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा पर लापता तीन पोर्टरों के शव बरामद कर लिए गए हैं. पोर्टर भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) गश्ती दल के साथ सीमा पर गए थे. पोर्टरों के शव आइटीबीपी की नीला पानी चौकी से डेढ़ किलोमीटर दूर सीमा की ओर बर्फ में दबे मिले.

बता दें, बीते 14 अक्टूबर को दिल्ली और कोलकाता के 8 ट्रैकर्स के साथ 17 सदस्यीय दल हर्षिल-छितकुल के लखमा पास के लिए रवाना हुआ था. दल के लखमा पास पार करने के बाद टीम के 6 पोर्टर बीती मंगलवार को हिमाचल प्रदेश की ओर ITBP कैम्प पहुंच गए थे, लेकिन 8 ट्रैकर्स सहित अन्य 3 लोग भारी बर्फबारी के चलते लापता हो गए थे. स्थानीय ट्रैकिंग एजेंसी ने घटना की सूचना बुधवार को जिला आपदा प्रबंधन विभाग की दी थी. सूचना के आधार पर एक हेलीकॉप्टर सहित SDRF की टीम ट्रैकर्स के खोज-बचाव के लिए मौके के लिए रवाना हुई थी.

हर्षिल-छितकुल ट्रैकिंग पर गए एक पर्यटक को बचाया गया.

पढ़ें- चीन सीमा से सटे दारमा घाटी में फंसे 80 से अधिक पर्यटक, बर्फबारी में दो की मौत

जानकारी के अनुसार, कोलकाता के 7, दिल्ली का एक पर्यटक और उत्तरकाशी के तीन रसोइयों को मिलाकर टीम 11 अक्टूबर को हर्षिल से छितकुल के लिए रवाना हुई थी और 19 अक्टूबर को वहां पहुंचने वाली थी. हालांकि, जब यह मंगलवार को छितकुल नहीं पहुंची, तो चिंतित ट्रैक आयोजकों ने उत्तरकाशी जिला आपदा प्रबंधन को सूचित किया.

आईटीबीपी के तीनों मृतकों पोर्टर्रो के नाम संजय सिंह (24) पुत्र दलबीर सिंह निवासी ग्राम नाल्ड,पोस्ट ऑफिस गंगोरी उत्तरकाशी, राजेंद्र सिंह (25) पुत्र बृजमोहन निवासी ग्राम (स्युना) सिरोर, पोस्ट ऑफिस नेताला उत्तरकाशी, दिनेश चौहान (23) पुत्र भरत सिंह चौहान निवासी ग्राम/ पोस्ट ऑफिस पाटा उत्तरकाशी है.

ITBP के तीन पोर्टरों का शव लाया गया कैंप.

बता दें कि 15 अक्टूबर को ITBP की गश्त एलआरपी टीम के साथ तीन पोर्टर भारत-चीन नीलापानी अंतरराष्ट्रीय सीमा के लिए रवाना हुए थे. गश्त के बाद टीम वापस लौटी. टीम के साथ पोर्टर भी वापस लौट रहे थे, लेकिन 17 अक्टूबर को बर्फबारी होने के कारण पोर्टर आईटीबीपी की टीम से बिछड़ गए. इन पोर्टरों को 18 अक्टूबर को वापस नीलापानी स्थित भारत तिब्बत सीमा पुलिस की चौकी पर लौटना था.

वहीं, ITBP की टीम ने पोर्टरों को तलाश करने के लिए 18 और 19 अक्टूबर को राहत-बचाव अभियान चलाया. अन्य पांच पोर्टरों को भी उन्हें ढूंढने के लिए भेजा गया, लेकिन तीनों का कुछ पता नहीं लग पाया. उसके बाद ITBP ने बीती मंगलवार देर शाम राज्य आपदा प्रबंधन विभाग से हेली रेस्क्यू के लिए मदद मांगी, लेकिन आपदा प्रबंधन के पास इस तरह के हेलीकॉप्टर नहीं हैं जो चार हजार से लेकर साढ़े चार हजार मीटर तक की ऊंचाई पर रेस्क्यू कर सकें.

ITBP के जवानों ने तीन पोर्टरों के शवों को लेकर मातली कैंप पहुंची है. एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर के जरिए तीनों शव को कैंप तक लाया गया है. जहां से उन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया है.

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