जगदलपुर: छत्तीसगढ़ में पहले चरण का मतदान हो रहा है. इस बार का मतदान बस्तर संभाग के लिए खास है क्योंकि जगदलपुर जिले के चांदामेटा गांव में पहली बार मतदान हो रहा है. नक्सलगढ़ में अपने गांव में वोट करने के बाद मतदाताओं के चेहरे पर गजब की खुशी देखने को मिली.
आजादी के बाद पहली बार गांव में मतदान केंद्र क्यों: छत्तीसगढ़ और ओडिशा के सीमावर्ती इलाके में बसा दरभा विकासखंड का चांदामेटा गांव नक्सल प्रभावित क्षेत्र है. पहले नक्सलियों की मौजूदगी इस इलाके में हमेशा बनी रहती थी. इस गांव में नक्सलियों का ट्रैनिग कैंप हुआ करता था. जहां नक्सली अपने लाल लड़ाकों को ट्रेनिंग दिया करते थे. नक्सलियों का ट्रैनिंग ग्राउंड आज भी मौजूद है. गांव में नक्सलियों का ध्वस्त स्मारक भी मौजूद हैं. साल भर पहले यहां सुरक्षा बलों ने कैंप खोला. उसके बाद स्कूल खुला और अब मतदान केंद्र.
चांदामेटा में 337 मतदाता : धुर नक्सल प्रभावित गांव चांदामेटा में छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में पहली बार मतदान केंद्र बना. 7 नवंबर को पहले चरण के चुनाव में आजादी के बाद पहली बार इस गांव के लोगों ने अपने ही गांव में वोट डाला है. अपने ही घर से कुछ दूरी पर प्राथमिक स्कूल में जाकर वोट डालने को लेकर ग्रामीण काफी उत्साहित दिखे. ग्रामीणों ने बताया कि गांव में ही वोट डालकर उन्हें काफी खुशी हो रही है.
गांव में मतदान केंद्र बनने से हम काफी खुश हैं. इससे पहले वोट डालने के लिए 6 से 7 किलोमीटर का पैदल सफर तय करके छिंदगुर गांव जाना पड़ता था. गांव में ही वोट डालने से काफी अच्छा लग रहा है.- चांदामेटा के ग्रामीण
छिंदगुर के वोटर्स ने भी चांदामेटा में डाला वोट: चांदामेटा मतदान केंद्र में ना सिर्फ चांदामेटा के मतदाताओं ने वोट डाला बल्कि छिंदगुर के गांव वाले भी चांदामेटा पहुंचे और मतदान किया. सुबह सुबह अपना सब काम छोड़कर आदिवासी वोटर्स चुनई तिहार में पहुंचे.
इस बार बढ़ेगा वोटिंग प्रतिशत: चांदामेटा गांव में ही मतदान केंद्र होने से यहां का वोटिंग परसेंट भी बढ़ेगा. गांव में 337 मतदाता है लेकिन दूसरे गांव जाकर वोट करने के कारण सभी अपना वोट नहीं डाल पाते थे जिससे उन्हें मतदान प्रतिशत भी कम रहता था. लेकिन इस बार गांव में वोट करने से गांव के सभी मतदाता वोट करने पहुंच रहे हैं.