देहरादून: उत्तराखंड के हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी(Snowfall in Uttarakhand) का दौर शुरू हो गया है. बीती देर रात केदारनाथ, बदरीनाथ, जोशीमठ, चमोली में बर्फबारी(snowfall in chamoli) हुई. गंगोत्री धाम में भी रात को ताजा हिमपात(snowfall in gangotri dham) हुआ है. बर्फबारी के बाद गंगोत्री धाम सफेद चादर से ढक गया है. धाम की ऊंची चोटियों पर भी बर्फबारी(Snowfall on the high peaks of Gangotri) हो गई है.
बर्फबारी के बाद गंगोत्री धाम का नजारा किसी जन्नत से कम नजर नहीं आ रहा है. प्रकृति बर्फबारी से पर्वतमालाओं का श्रृंगार कर रही हैं, जो खूबसूरती को चार चांद लगा रही है. सामने आ रही तस्वीरों को देखकर अगर देवभूमि को 'धरती का स्वर्ग' कहा जाय तो कोई अतिशोक्ति नहीं होगी. बता दें लंबे समय लोगों को बर्फबारी का इंतजार था. इस बार चारों धामों में बड़ी देर से बर्फबारी हुई है.
पढे़ं- Joshimath in Danger: हर साल ढाई इंच धंस रहा है जोशीमठ, IIRS ने जारी की सेटेलाइट स्टडी रिपोर्ट
पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी होने से हिमालयी क्षेत्रों के साथ ही पहाड़ी इलाकों में ठंड(Snowfall increased cold in hilly areas) बढ़ गई है. लोग सर्दी से बचने के लिए अलाव का सहारा ले रहे हैं. मौसम विभाग(Uttarakhand Meteorological Department) ने भी अपनी भविष्यवाणी में 11-12 जनवरी के बाद हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी का अनुमान जताया था. मौसम विभाग ने उत्तरकाशी, चमोली पिथौरागढ़ जैसे ऊंचे इलाकों में हल्की फुल्की बर्फबारी की आंशका जताई थी.साल 2022 में केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री जैसे धामों में बर्फबारी हुई थी. इस बार दिसंबर में इन क्षेत्रों में बर्फबारी नहीं हुई थी.
पढे़ं- बर्फबारी से धरती का स्वर्ग बनी देवभूमि, देखें नजारा
बता दें इस बार 26 अक्टूबर को गंगोत्री धाम के कपाट बंद हुए थे. अन्नकूट पर्व के मौके पर गंगोत्री धाम के कपाट दोपहर 12:01 बजे शीतकाल के लिए बंद किए गये.गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने के बाद दर्शन शीतकालीन पड़ाव मुखबा (मुखीमठ) में होते हैं. शीतकाल के छह महीने मां गंगा की उत्सव डोली मुखबा स्थित मंदिर में विराजमान रहती है.