हैदराबाद : भारत का पहला अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (आईएएमसी) हैदराबाद (International Arbitration and Mediation Centre-IAMC) में खोला गया है. आईएएमसी ने एक सूचना प्रौद्योगिकी केंद्र, गाचीबोवली में वीके टावर्स में 25,000 वर्ग फुट का अस्थायी आवास बनाया है. भारत के मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमना और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने संयुक्त रूप से इसका उद्घाटन किया.
इस अवसर पर बोलते हुए न्यायमूर्ति रमना ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि यह केंद्र देश में मध्यस्थता का मार्ग प्रशस्त करेगा और न केवल भारत में, बल्कि पूरे एशिया और दुनिया में प्रमुख केंद्र बन जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र का हकीकत बनना किसी चमत्कार से कम नहीं है.
सीजेआई ने कहा, 'मैंने इतने कम समय में इस तरह की किसी भी परियोजना को पूरा होते नहीं देखा है.' उन्होंने याद करते हुए कहा कि उन्होंने 12 जून को अपनी पहली हैदराबाद यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री के साथ इस विषय पर बात की थी. उन्होंने बताया कि 20 अगस्त को ट्रस्ट डीड पर हस्ताक्षर किए गए थे और 27 अक्टूबर को सरकार और ट्रस्ट के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे.
केंद्र के आजीवन न्यासी न्यायमूर्ति आर.वी. रवींद्रन, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश एल नागेश्वर राव, हिमा कोहली और तेलंगाना और आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश इस कार्यक्रम में शामिल हुए.
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शनिवार को तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने प्रतिष्ठित सुविधा की स्थापना के लिए हैदराबाद को चुनने के लिए सीजेआई को धन्यवाद दिया. गौरतलब है कि राज्य सरकार ने घोषणा की है कि हैदराबाद के पुप्पलगुडा में एक स्थायी भवन के लिए भूमि आवंटित की जाएगी.
(आईएएनएस)