रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र बुधवार को राज्यपाल विश्व भूषण हरिचंदन के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ. इस बीच विपक्ष ने प्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोला, जिस पर सत्ता पक्ष ने भी पलटवार किया. हालांकि हंगामे के बीच राज्यपाल का अभिभाषण चलता रहा. राज्यपाल विश्व भूषण हरिचंदन ने अपने भाषण के दौरान प्रदेश सरकार की उपलब्धियां गिनाईं. 71 प्वाइंट पर अपनी बात रखते हुए राज्यपाल ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना, मोर जमीन मोर मकान योजना के साथ ही शिक्षा और स्वास्थ्य को लेकर हुए कामों की सराहना की.
गुरुवार तक के लिए कार्रवाई स्थगित: पहले दिन की कार्रवाई को 2 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया. सदन में वर्क एडवाइजरी कमेटी के प्रस्तावों का अनुमोदन किया गया. गुरुवार को दो अनुपूरक बजट पर चर्चा की जाएगी. इसके लिए विधायकों और मंत्रियों को समय दिया गया.
राज्यपाल विश्व भूषण हरिचंदन के अभिभाषण की प्रमुख बातें
- 'नरवा, गरुवा, घुरुवा, बारी' के जरिए रोजगार के अवसर बढ़े हैं. भूगर्भ जलस्तर में सुधार हुआ है.
- 13 जिलों में 23 पेंट निर्माण इकाई लगाई जा रही है. 3 जिलों रायपुर, दुर्ग और कांकेर में उत्पादन शुरू भी किया जा चुका है. प्रदेश में 5874 गौठानों में चारागाह विकसित किए गए.
- छत्तीसगढ़ किसानों से सबसे अधिक धान खरीदने वाला प्रदेश बन गया है. समर्थन मूल्य पर इस साल 23 लाख 50 हजार किसानों से 1 करोड़ 7 लाख 53 हजार मीट्रिक टन धान खरीदा गया. वहीं सेंट्रल पूल में चावल देने के मामले में छ्त्तीसगढ़ दूसरे नंबर पर है.
- सरकार ने कोदा, कुटकी, रगी के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 2022-23 में 'छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन' कार्यक्रम शुरू किया. वहीं राजीव गांधी किसान न्याय योजना में 2019 से अब तक 16 हजार 415 करोड़ का भुगतान किसानों को किया जा चुका है. 2022-23 में 6 हजार 141 करोड़ रुपए का कृषि ऋण दिया गया.
- तेंदूपत्ता पारिश्रमिक को 2500 रुपए प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर 4 हजार रुपए प्रति मानक बोरा किया गया. 13 लाख संग्राहकों को हर साल करीब 250 करोड़ रुपए की अतिरिक्त इनकम हो रही है. समर्थन मूल्य पर लघु वनोपज की संख्या 7 से बढ़ाकर 65 की गई.
- 'हाथी-मानव संगवारी योजना' से हाथियों से आए दिन होने वाले नुकसान को कम करने की उम्मीद बंधी है. बाघ, मगरमच्छ, कृष्णमृग, पहाड़ी मैना, गिद्ध आदि के संरक्षण के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं.
- 'डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना', 'मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना', 'हमर लैब योजना' जैसी पहल से लोग खर्च की चिंता छोड़कर सही उपचार के लिए आगे आ रहे हैं. इन योजनाओं का लाभ 40 लाख से अधिक लोगों को मिल चुका है.
- छोटे भूखंडों की खरीदी-बिक्री पर लगा प्रतिबंध हटाया गया. पंजीयन प्रक्रिया आसान बनाया गया, जिससे 4 साल 4 लाख से अधिक छोटे भूखंड खरीदे बेचे गए.
- प्रदेश में 279 स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालयों के माध्यम से 2 लाख 15 हजार से अधिक बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा रही है. अगले सत्र से 398 नए विद्यालय शुरू करने की तैयारी है.
- चार साल में 42 लाख से ज्यादा घरेलू उपभोक्ताओं को 'हाफ बिजली बिल योजना' के जरिए 3 हजार 381 करोड़ रुपए की छूट दी गई. 16 लाख 72 हजार बीपीएल उपभोक्ताओं को हर महीने 30 यूनिट तक मुफ्त बिजली दी जा रही है.
- किसान, खेती, ग्रामीण विकास सबसे बड़ी प्राथमिकता रही है. छत्तीसगढ़ के किसान और ग्रामीण परिवार तेजी से समृद्ध और खुशहाल हुए हैं. प्रदेश की माटी को जहरीले रसायनों से मुक्त करने के लिए हर साल अक्ति त्यौहार को माटी पूजन दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत की गई. 'सुराजी गांव योजना', 'नरवा, गरवा, घुरवा, बारी' योजना ने रोजगार के अवसरों को बढ़ाया है.
- 'गोधन न्याय योजना' के तहत 100 लाख क्विंटल गोबर खरीदी हुई. गोबर खरीदी की राशि 200 करोड़ रुपए पार कर चुकी है. 28 लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट और सुपर कम्पोस्ट प्लस खाद बनाई गई है. पशु पालकों, गौठान समितियों और स्व सहायता समूहों की आय 400 करोड़ रुपए के पार हो गई है.
- गौठानों को ग्रामीण औद्योगिक पार्क के रूप में विकसित करने की नई पहल हुई है. गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने के लिए 75 गौठान चुने गए हैं. 13 जिलों में 23 पेंट निर्माण यूनिट की योजना है. 3 जिलों रायपुर, दुर्ग और कांकेर में उत्पादन शुरू हो गया है.
- 5 हजार 874 गौठानों में चारागाह बनाए गए हैं, जिसमें 2 लाख 30 हजार क्विंटल हरा चारा, 15 लाख 80 हजार क्विंटल सूखा चारा पैरा इकट्ठा किया गया है. इस साल 23 लाख 50 हजार किसानों ने 30 लाख 14 हजार हेक्टेयर रकबे में 1 करोड़ 7 लाख 53 हजार मीट्रिक टन धान समर्थन मूल्य पर बेचा है. छत्तीसगढ देश में सर्वाधिक किसानों से धान खरीदने वाला पहला, धान की सर्वाधिक कीमत देने वाला अव्वल और सेंट्रल पूल में चावल देने वाला देश का दूसरा राज्य बन गया है.
- पारंपरिक रूप से उगाई जाने वाली कोदो, कुटकी, रागी, लघु धान्य फसलों के लिए समर्थन मूल्य घोषित किया गया है. साल 2022-23 से 'छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन' कार्यक्रम लागू किया गया है. राज्य में चाय और कॉफी की खेती को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ टी कॉफी बोर्ड बनाया गया है.
- राजीव गांधी किसान न्याय योजना साल 2019 से शुरू है. अबतक 16 हजार 415 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है. बिना ब्याज के कृषि ऋण प्रदाय योजना के तहत साल 2022-23 के लिए 6 हजार 610 करोड़ रुपए का टारगेट था. अबतक 6 हजार 141 करोड़ रुपए का कृषि ऋण दिया जा चुका है. यह अब तक का सबसे बड़ा कीर्तिमान है.
- साल 2018 की स्थिति में 14 लाख 16 हजार किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए गए थे. अब बढ़कर 21 लाख 23 हजार हो गए हैं. नक्सल प्रभावित 8 जिलों में बैंक शाखाएं 338 से बढ़कर 573 हो गई हैं. एटीएम की संख्या 222 से बढ़कर 456 हो गई है. बस्तर और सरगुजा संभाग में सहकारी बैंक की 10 नई ब्रांच की मंजूरी दी गई है. बैंक मित्रों की संख्या भी दोगुनी से बढ़ाकर 35 हजार कर दी गई है. 725 नई प्राथमिक साख सहकारी समितियों में गोदाम सह कार्यालय बनाया जा रहा है. 645 के लिए वर्क ऑर्डर जारी हो चुका है.
- किसानों को आसानी से कृषि यंत्रों की सुविधा के लिए 3 हजार 63 कृषि यंत्र सेवा केन्द्र की स्थापना की गई है. लाख 91 हजार मीट्रिक टन मछली का उत्पादन किया जा रहा है. मछली उत्पादन में छत्तीसगढ़ देश का छठवां बड़ा राज्य बन गया है. जलाशयों में केज कल्चर के जरिए मछली पालन में छत्तीसगढ़ अग्रणी है. छत्तीसगढ़ के 30 जलाशयों में अब तक 4 हजार 21 केज लगाए गए हैं.
- कृषि उपज मंडी समिति बेमेतरा, साजा, उपमंडी धमधा और पाटन की उपमंडियों में एग्री प्लाजा बनाए जा रहे हैं. किसानों को अच्छे बीज के लिए जगदलपुर, कांकेर, धमतरी में कम्युनिटी सीड बैंक की स्थापना की गई है.
- छत्तीसगढ़ की कुल 26 लाख 70 हजार 308 गरीब परिवारों की महिलाओं को 2 लाख 48 हजार 134 स्व-सहायता समूहों से जोड़ा गया है.