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Watch Video : आंध्र प्रदेश में बोरवेल में लगी आग, ओएनजीसी की टीम ने छह घंटे में पाया काबू - ओएनजीसी की टीम ने छह घंटे में पाया काबू

आंध्र प्रदेश के कोनसीमा जिले में एक तालाब में स्थित बोरवेल में आग लग गई. ओएनजीसी की फायर टीम ने बड़ी घटना होने से पहले ही आग पर काबू पा लिया.

Borewell fire extinguished in six hours
आंध्र प्रदेश में बोरवेल में लगी आग
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Published : Jul 15, 2023, 9:01 PM IST

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कोनसीमा: कोनसीमा जिले के शिवकोडु गांव में तालाब किनारे लगी बोरवेल में आग लग गई. पुलिस, अग्निशमन सेवाओं और ओएनजीसी के अधिकारियों ने उसे सफलतापूर्वक बुझा दिया है.

पुलिस ने शनिवार को बताया कि आग बुझाने के बाद 350 फुट गहरे बोरवेल को सीमेंट से बंद कर दिया गया है.

कोथापेटा उपविभागीय पुलिस अधिकारी के वी रमन्ना ने बताया कि 'ओएनजीसी के अधिकारियों ने आग बुझाने के लिए पानी और मिट्टी का भी इस्तेमाल किया. इसे जल्दी बुझाने के बजाय, उन्होंने इसे कुछ समय के लिए भड़कने दिया ताकि इसे आसान बनाया जा सके और आसपास की गैस बाहर निकल सके.' आग पर करीब छह घंटे में काबू पाया गया (Borewell fire extinguished in six hours).

उन्होंने बताया कि जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ है, न ही कोई घायल हुआ. उऩ्होंने बताया कि आग ऐसी जगह लगी थी जहां लोग नहीं थे या पेड़ नहीं थे, इस वजह से नुकसान नहीं हुआ. आग रज़ोल मंडल में मानव बस्तियों से दूर स्थित पुराने बोरवेल से बाहर निकल रही थी.

पुलिस ने बताया कि इसकी शुरुआत सुबह हुई जब एक जलकृषि विशेषज्ञ (aquaculturist) ने लंबे समय के बाद बोरवेल का संचालन किया. कोनसीमा जिले के पुलिस अधीक्षक पी श्रीधर ने कहा, 'यह मछली के तालाब के किनारे एक बोरवेल है. यह एक पुराना बोरवेल है. किसान ने पुराना बोरवेल चालू किया तो पहले पानी आया और बाद में गैस निकलने लगी.'

एक तकनीकी टीम आग लगने के कारण और गैस के स्रोत का पता लगा रही है. टीम के अधिकारी जांच कर रहे हैं कि क्या किसान ने किनारे पर ताजा खुदाई की थी या कोई और कारण है.

पश्चिम गोदावरी जिले के नरसापुर के पास रुस्तुमबाड़ा गांव की ओएनजीसी की एक टीम ने आग बुझाने का काम किया. इससे पहले, श्रीधर ने देखा कि तालाब के आसपास कोई ओएनजीसी पाइपलाइन नहीं थी, लेकिन उन्होंने बताया कि 'गैस किक' (आमतौर पर ड्रिलिंग के दौरान दबाव में बदलाव के कारण बोरवेल में गैस का अप्रत्याशित प्रवेश) है. ये आग लगने का संभावित कारण हो सकता है.

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कोनसीमा: कोनसीमा जिले के शिवकोडु गांव में तालाब किनारे लगी बोरवेल में आग लग गई. पुलिस, अग्निशमन सेवाओं और ओएनजीसी के अधिकारियों ने उसे सफलतापूर्वक बुझा दिया है.

पुलिस ने शनिवार को बताया कि आग बुझाने के बाद 350 फुट गहरे बोरवेल को सीमेंट से बंद कर दिया गया है.

कोथापेटा उपविभागीय पुलिस अधिकारी के वी रमन्ना ने बताया कि 'ओएनजीसी के अधिकारियों ने आग बुझाने के लिए पानी और मिट्टी का भी इस्तेमाल किया. इसे जल्दी बुझाने के बजाय, उन्होंने इसे कुछ समय के लिए भड़कने दिया ताकि इसे आसान बनाया जा सके और आसपास की गैस बाहर निकल सके.' आग पर करीब छह घंटे में काबू पाया गया (Borewell fire extinguished in six hours).

उन्होंने बताया कि जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ है, न ही कोई घायल हुआ. उऩ्होंने बताया कि आग ऐसी जगह लगी थी जहां लोग नहीं थे या पेड़ नहीं थे, इस वजह से नुकसान नहीं हुआ. आग रज़ोल मंडल में मानव बस्तियों से दूर स्थित पुराने बोरवेल से बाहर निकल रही थी.

पुलिस ने बताया कि इसकी शुरुआत सुबह हुई जब एक जलकृषि विशेषज्ञ (aquaculturist) ने लंबे समय के बाद बोरवेल का संचालन किया. कोनसीमा जिले के पुलिस अधीक्षक पी श्रीधर ने कहा, 'यह मछली के तालाब के किनारे एक बोरवेल है. यह एक पुराना बोरवेल है. किसान ने पुराना बोरवेल चालू किया तो पहले पानी आया और बाद में गैस निकलने लगी.'

एक तकनीकी टीम आग लगने के कारण और गैस के स्रोत का पता लगा रही है. टीम के अधिकारी जांच कर रहे हैं कि क्या किसान ने किनारे पर ताजा खुदाई की थी या कोई और कारण है.

पश्चिम गोदावरी जिले के नरसापुर के पास रुस्तुमबाड़ा गांव की ओएनजीसी की एक टीम ने आग बुझाने का काम किया. इससे पहले, श्रीधर ने देखा कि तालाब के आसपास कोई ओएनजीसी पाइपलाइन नहीं थी, लेकिन उन्होंने बताया कि 'गैस किक' (आमतौर पर ड्रिलिंग के दौरान दबाव में बदलाव के कारण बोरवेल में गैस का अप्रत्याशित प्रवेश) है. ये आग लगने का संभावित कारण हो सकता है.

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