मेरठ: जनपद में बड़ी संख्या में धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश (conversion in meerut) में लगे 9 आरोपियों के खिलाफ अब पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है. सीओ की जांच रिपोर्ट के आधार पर थाना ब्रह्मपुरी में मुकदमा दर्ज किया गया है. आरोपियों में से एक दिल्ली का पादरी भी बताया जा रहा है, जो कि भोले-भाले और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों और उनके परिवारों को धर्मपरिवर्तन कराने को प्रेरित करता था. पुलिस ने इस मामले में तीन महिलाओं को गिरफ्तार किया है.
जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार को मेरठ में एसएसपी दफ्तर पर काफी संख्या में लोग पहुंचे थे. उन लोगों का आरोप था कि कोरोना काल में बस्ती के लोगों के पास पैसे और काम की परेशानी थी. तब कुछ ईसाई लोग बस्ती में आ गए. उन लोगों ने हम लोगों को खाने-पीने का सामान दिया. पैसे देकर मदद की. जब हम लोग उन पर भरोसा करने लगे तो अब उन्होंने धर्म बदलवाने की कोशिश की. मामले की जानकारी मिलते ही एसएसपी ने जांच के आदेश दिए थे. इसी कड़ी में धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश में लगे नौ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर किया गया है, जिसमें दिल्ली के एक पादरी भी शामिल है.
वहीं, हिन्दूवादी संगठनों से जुड़े नेताओं ने भी अब इस मामले में धर्मपरिवर्तन के लिए प्रेरित करने वालों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान हिंदूवादी नेता सचिन सिरोही ने कहा कि इस कृत्य में जो भी लोग हैं. उन्हें दंडित किया जाए. कहा कि जबरन धर्मपरिवर्तन को रोका जाए, सनातन धर्म को मानने वालों को उनके धर्म का पालन करने से कोई नहीं रोक सकता. हिंदूवादी नेता सचिन सिरोही का आरोप है कि उस बस्ती के भोलेभाले 70 से 80 फीसदी लोगों लालच और पैसा देकर ये लोग धर्म परिवर्तन करा चुके थे, जबकि बाकी लोगों ने विरोध किया तो इनकी पोल खुली है.
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