लखनऊ: राजधानी लखनऊ में खाकी को शर्मशार करने वाला एक मामला सामने आया है. यहां लंबे समय तक तैनात रहे एक इंस्पेक्टर ने पहले एक युवती से दोस्ती की और फिर उसके साथ अवैध संबंध बनाए. युवती के गर्भवती होने पर उसका अश्लील वीडियो बनाकर गर्भपात करवाने का दबाव बनाया. इसमें इंस्पेक्टर की पत्नी ने भी साथ दिया. पीड़िता ने बच्ची को जन्म दिया. इंस्पेक्टर के जुल्मों से तंग आकर छह माह पूर्व पीड़िता ने पुलिस कमिश्नर से शिकायत की थी. जांच में दोषी पाए जाने पर इंस्पेक्टर महेश दुबे और उसकी पत्नी के खिलाफ रविवार को रेप समेत कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है. आरोपी इंस्पेक्टर पत्नी के साथ पीड़िता की बच्ची को लेकर फरार है.
एडीसीपी अभीजीत आर शंकर के मुताबिक विकासनगर निवासी पीड़िता ने आरोप लगाया है कि 2021 में कृष्णानगर कोतवाली में थाना प्रभारी के पद पर तैनात रहे महेश दुबे ने उससे दोस्ती की और उसका अश्लील वीडियो बना लिया. इसमें इंस्पेक्टर की पत्नी शिखा पांडेय ने भी उसका साथ दिया था. पीड़िता के मुताबिक वीडियो के आधार पर महेश दुबे उसका रेप करने लगा और इसी दौरान वह प्रेगनेंट हो गई. इसके बाद महेश दुबे ने पत्नी के साथ गर्भपात करने का दबाव बनाया.
पीड़िता ने बताया कि महेश दुबे उस दौरान थाना प्रभारी था. इस वजह से वह बहुत डरी हुई थी और घर में ही रहती थी. इसी बीच उसने एक बच्ची को जन्म दिया. इसकी भनक इंस्पेक्टर को लग गई और वह उसके घर आया व बच्ची को जबरदस्ती अपने साथ लेकर फरार हो गया. पीड़िता ने आरोप लगाया कि आरोपी इंस्पेक्टर आए दिन फोन पर बच्ची का फोटो भेजकर धमकाता है कि अगर मेरे खिलाफ बोलोगी तो तुम्हारी बच्ची को जान से मार देंगे. इसके बाद पीड़िता ने सितंबर 2022 में आरोपी इंस्पेक्टर के खिलाफ शिकायत की. जांच में दोषी पाए जाने पर आरोपी इंस्पेक्टर और उसकी पत्नी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई.
विवादों में रहा है आरोपी इंस्पेक्टर
राजधानी में कई थानों में तैनात रहे इंस्पेक्टर महेश दुबे का कार्यकाल हमेशा विवादों में रहा है. कृष्णानगर थाने में ही तैनाती के दौरान एक ओला कैब ड्राइवर की एक महिला ने पिटाई कर दी, जिसके बाद पूरे देश में महिला की आलोचना हुई और हंगामा बरपा था. इसमें तत्कालीन कृष्णानगर इंस्पेक्टर महेश दुबे पर पीड़ित ओला ड्राइवर की गाड़ी थाने ले जाने और फिर घूस लेकर उसे छोड़ने का आरोप लगा था. मामला तूल पकड़ने पर तत्कालीन पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने महेश दुबे को लाइन हाजिर कर दिया था.
इसके बाद महेश दुबे को राजधानी के ही मोहन लाल गंज थाने का प्रभारी बनाया तो यहां भी उन पर घूस लेने का आरोप लगा था. दरअसल, विधान सभा के सामने खनन ठेकेदार ने आत्मदाह करने का प्रयास किया था. पूछताछ में ठेकेदार ने बताया था कि मोहन लाल गंज इंस्पेक्टर महेश दुबे उसकी गाड़ियां जानबूझ कर सीज कर देते हैं और फिर घूस मांगते हैं. कमिश्नर ने जांच कराकर एक बार फिर महेश दुबे को निलंबित कर दिया था. फिलहाल मौजूदा समय महेश दुबे बांदा जिले में एंटी करप्शन विभाग में तैनात है.
कमिश्नर से को शिकायत तो बैठी जांच
पीड़िता के मुताबिक, धमकियों से तंग आकर उसने पुलिस कमिश्नर से अपने साथ हुए अत्याचारों की शिकायत की थी, जिस पर कमिश्नर ने इसकी जांच एसीपी महानगर को सौंपी थी. जांच में महेश दुबे पर लगाए गए आरोप सही पाए गए. इसके बाद विकास नगर थाने में महेश दुबे और पत्नी शिखा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया. विकास नगर इंस्पेक्टर के मुताबिक, पीड़िता की तहरीर पर महेश दुबे और शिखा पांडे के खिलाफ आईपीसी की धारा 376, 354 (ख), 323,328 और 506 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. आरोपी इंस्पेक्टर और पत्नी फरार हैं.
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