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असम में हथियार प्रशिक्षण के आरोप में बजरंग दल के खिलाफ एफआईआर दर्ज - असम बजरंग दल हथियार प्रशिक्षण

असम में हथियार चलाने का प्रशिक्षण देने के आरोप में बजरंग दल के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. बजरंग दल की इस गतिविधि की कई राजनीतिक दलों ने आलोचना की.

FIR lodged against Bajrang Dal for imparting arms training in Darrang district of Assam
असम में हथियार चलाने का प्रशिक्षण देने के आरोप में बजरंग दल के खिलाफ एफआईआर दर्ज
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Published : Aug 1, 2023, 11:57 AM IST

गुवाहाटी: बजरंग दल द्वारा पुलिस प्रशासन की अनुमति के बिना दरांग जिले के मंगलदोई में महर्षि विद्यामंदिर में हथियार प्रशिक्षण देने के मुद्दे पर राज्यव्यापी प्रतिक्रिया सामने आई. इस मुद्दे पर राजनीतिक हलकों में भी व्यापक बहस छिड़ गई है. कई विपक्षी नेताओं ने बजरंग दल की गतिविधियों पर असंतोष जताया और असम पुलिस की भूमिका की आलोचना की.

घटना पर विवाद पैदा होने के बाद असम के पुलिस महानिदेशक जीपी सिंह ने जांच के आदेश दिए. शीर्ष पुलिस अधिकारी ने ट्विटर पर कहा कि दरांग जिले के पुलिस अधीक्षक को आवश्यक कानूनी धाराओं के तहत मामला दर्ज करने और घटना की जांच करने का निर्देश दिया गया है. दरांग पुलिस ने बिना अनुमति हथियार प्रशिक्षण के लिए बजरंग दल के खिलाफ मंगलदोई पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की धारा 153 ए/34, केस संख्या 357 के तहत मामला दर्ज किया है. महर्षि विद्यामंदिर के अधिकारियों ने कहा कि बजरंग दल ने एक आवेदन के माध्यम से स्कूल का उपयोग करने की अनुमति ली थी लेकिन इसमें केवल योग प्रशिक्षण देने का उल्लेख था. लेकिन योग प्रशिक्षण की जगह हथियार प्रशिक्षण देकर बजरंग दल विवादों में घिर गया है.

बीजेपी नेता और असम के मंत्री जयंत मल्ला बरुआ ने बजरंग दल के हथियार प्रशिक्षण पर प्रतिक्रिया दी. लखीमपुर में एक कार्यक्रम में बोलते हुए, जयंत मल्ला बरुआ ने कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण आत्मरक्षा के लिए आवश्यक है. मठों और मंदिरों की सुरक्षा के लिए ऐसी व्यवस्था की जरूरत है. अपनी सुरक्षा के लिए इस तरह के प्रशिक्षण को जरूरी बताते हुए मंत्री बरुआ ने कहा कि यह सनातन संस्कृति का मामला है.

मंत्री ने मंगलदोई की ट्रेनिंग के फोटो और वीडियो पर भी संदेह जताया. असम प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष मीरा बोरठाकुर ने बजरंग दल के हथियार प्रशिक्षण पर प्रतिक्रिया व्यक्त की और इसे गंभीर भविष्य का संकेत बताया. उन्होंने कहा, 'बजरंग दल ने दरांग जिले के मंगलदोई में एक स्कूल में हथियारों का प्रशिक्षण दिया है. जब हमने दरांग जिले के पुलिस अधीक्षक से पूछा, तो उन्होंने हमें बताया कि उनके पास ऐसी कोई अनुमति नहीं है.' बोरठाकुर ने पूछा पुलिस की अनुमति के बिना आप हथियारों के साथ प्रशिक्षण कैसे ले सकते हैं या बैनर के साथ सड़क पर जुलूस कैसे निकाल सकते हैं?'

ये भी पढ़ें- रोहिंग्या घुसपैठ: एसटीएफ असम ने रोहिंग्याओं को फर्जी दस्तावेज मुहैया कराने वाले 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया

इस बीच रायजोर दल के अध्यक्ष और शिवसागर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक अखिल गोगोई ने इस कृत्य को सरकार प्रायोजित हिंदू कट्टरवाद करार दिया. गोगोई ने कहा, महर्षि विद्या मंदिर में बजरंग दल के हथियार प्रशिक्षण ने असम में मणिपुर जैसी भयानक स्थिति पैदा कर दी है और असम को भयानक दिशा में ले गया. रायजोर दल के विधायक अखिल गोगोई ने यह भी आरोप लगाया कि दरांग के पुलिस अधीक्षक के मौन समर्थन से मंगलदोई के महर्षि विद्या मंदिर में इस तरह का प्रशिक्षण दिया गया.

गुवाहाटी: बजरंग दल द्वारा पुलिस प्रशासन की अनुमति के बिना दरांग जिले के मंगलदोई में महर्षि विद्यामंदिर में हथियार प्रशिक्षण देने के मुद्दे पर राज्यव्यापी प्रतिक्रिया सामने आई. इस मुद्दे पर राजनीतिक हलकों में भी व्यापक बहस छिड़ गई है. कई विपक्षी नेताओं ने बजरंग दल की गतिविधियों पर असंतोष जताया और असम पुलिस की भूमिका की आलोचना की.

घटना पर विवाद पैदा होने के बाद असम के पुलिस महानिदेशक जीपी सिंह ने जांच के आदेश दिए. शीर्ष पुलिस अधिकारी ने ट्विटर पर कहा कि दरांग जिले के पुलिस अधीक्षक को आवश्यक कानूनी धाराओं के तहत मामला दर्ज करने और घटना की जांच करने का निर्देश दिया गया है. दरांग पुलिस ने बिना अनुमति हथियार प्रशिक्षण के लिए बजरंग दल के खिलाफ मंगलदोई पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की धारा 153 ए/34, केस संख्या 357 के तहत मामला दर्ज किया है. महर्षि विद्यामंदिर के अधिकारियों ने कहा कि बजरंग दल ने एक आवेदन के माध्यम से स्कूल का उपयोग करने की अनुमति ली थी लेकिन इसमें केवल योग प्रशिक्षण देने का उल्लेख था. लेकिन योग प्रशिक्षण की जगह हथियार प्रशिक्षण देकर बजरंग दल विवादों में घिर गया है.

बीजेपी नेता और असम के मंत्री जयंत मल्ला बरुआ ने बजरंग दल के हथियार प्रशिक्षण पर प्रतिक्रिया दी. लखीमपुर में एक कार्यक्रम में बोलते हुए, जयंत मल्ला बरुआ ने कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण आत्मरक्षा के लिए आवश्यक है. मठों और मंदिरों की सुरक्षा के लिए ऐसी व्यवस्था की जरूरत है. अपनी सुरक्षा के लिए इस तरह के प्रशिक्षण को जरूरी बताते हुए मंत्री बरुआ ने कहा कि यह सनातन संस्कृति का मामला है.

मंत्री ने मंगलदोई की ट्रेनिंग के फोटो और वीडियो पर भी संदेह जताया. असम प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष मीरा बोरठाकुर ने बजरंग दल के हथियार प्रशिक्षण पर प्रतिक्रिया व्यक्त की और इसे गंभीर भविष्य का संकेत बताया. उन्होंने कहा, 'बजरंग दल ने दरांग जिले के मंगलदोई में एक स्कूल में हथियारों का प्रशिक्षण दिया है. जब हमने दरांग जिले के पुलिस अधीक्षक से पूछा, तो उन्होंने हमें बताया कि उनके पास ऐसी कोई अनुमति नहीं है.' बोरठाकुर ने पूछा पुलिस की अनुमति के बिना आप हथियारों के साथ प्रशिक्षण कैसे ले सकते हैं या बैनर के साथ सड़क पर जुलूस कैसे निकाल सकते हैं?'

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इस बीच रायजोर दल के अध्यक्ष और शिवसागर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक अखिल गोगोई ने इस कृत्य को सरकार प्रायोजित हिंदू कट्टरवाद करार दिया. गोगोई ने कहा, महर्षि विद्या मंदिर में बजरंग दल के हथियार प्रशिक्षण ने असम में मणिपुर जैसी भयानक स्थिति पैदा कर दी है और असम को भयानक दिशा में ले गया. रायजोर दल के विधायक अखिल गोगोई ने यह भी आरोप लगाया कि दरांग के पुलिस अधीक्षक के मौन समर्थन से मंगलदोई के महर्षि विद्या मंदिर में इस तरह का प्रशिक्षण दिया गया.

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