नई दिल्ली : गणतंत्र दिवस के मौके पर निकाली गई ट्रैक्टर रैली के दौरान फेक न्यूज़ फैलाने के मामले में दिल्ली पुलिस की आईपी स्टेट थाना पुलिस ने पत्रकार राजदीप सरदेसाई और सांसद शशि थरूर सहित लगभग आधा दर्जन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है. आरोप है कि इन लोगों ने किसान को पुलिस द्वारा गोली मारने की झूठी खबर फैलाई, जिसके चलते हिंसा काफी भड़क गई थी. पुलिस पूरे मामले को लेकर जांच कर रही है.
जानकारी के अनुसार, आईपी एस्टेट थाने में चिरंजीव कुमार ने शिकायत देकर कहा कि बीते 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान एक किसान की मौत आईटीओ पर हुई थी. सांसद शशि थरूर के साथ पत्रकार राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडे, पारसनाथ, अनंतनाथ और विनोद. के. जोसे ने गलत जानकारी अपने एवं संस्थान के टि्वटर हैंडल से पोस्ट की है. उन्होंने इसके जरिए ट्रैक्टर चालक को पुलिस द्वारा गोली मारने की बात कही है, जिसकी वजह से प्रदर्शनकारी काफी उग्र हो गए और उन्होंने काफी हिंसा की.
इन धाराओं में दर्ज हुई FIR
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि आरोपियों ने लोगों को यह बताने की कोशिश की कि मारे गए किसान की मृत्यु पुलिस द्वारा हिंसा के जरिए की गई है. यह भी कहा गया कि केंद्र सरकार के इशारे पर उसे मारा गया है. इन लोगों के ट्वीट को बड़ी संख्या में लोगों के द्वारा रिट्वीट किया गया, जिसकी वजह से लोगों में काफी नाराजगी फैली और उन्होंने हिंसा की. शिकायत में कहा गया है कि इस तरह के बयान देकर इन लोगों ने हालात को खराब किया और उनके मैसेज आगे भेज कर लोगों को भड़काया गया. उनकी शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने आईपीसी की धारा 153, 504, 505(1)(बी) और 120 बी के तहत FIR दर्ज कर ली है.
सड़क दुर्घटना में हुई थी मौत
आईटीओ चौक पर बैरिकेड से टकराने के बाद ट्रैक्टर पलटने से यह हादसा हुआ था. इस हादसे में जहां किसानों का आरोप था कि पुलिस ने नवनीत को गोली मारी है, तो वहीं पुलिस ने सड़क दुर्घटना में घायल होने से उसकी मौत होने की बात कही थी. बाद में जब उसके शव का पोस्टमार्टम किया गया तो इस बात की पुष्टि हुई थी कि सड़क हादसे की वजह से उसके सिर में चोट लगी और उसकी वजह से नवनीत की मौत हुई थी. उसके शरीर में कहीं भी गोली लगने का निशान नहीं पाया गया था.