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देश के लिए गोल्ड जीतने वाली असुंता टोप्पो की आर्थिक स्थिति खराब, मलेशिया में होने वाले चैंपियनशिप में भाग लेने के लिए भी नहीं हैं पैसे - Jharkhand news

देश के लिए गोल्ड मेडल जीतने वाली असुंता टोप्पो आज आर्थिक तंगी से जूझ रहीं हैं. उनके पास इतने भी पैसे नहीं है कि वे खुद से मलेशिया जाने के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकें.

financial condition of Asunta Toppo
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Published : Jul 7, 2023, 5:16 PM IST

Updated : Jul 7, 2023, 8:01 PM IST

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गुमला: थ्रो बॉल प्रतियोगिता में देश के लिए गोल्ड जीतने वाली असुंता टोप्पो आर्थिक तंगी से जूझ रहीं हैं. उनकी आर्थिक हालत इतनी खराब है कि मलेशिया में 27 से 31 जुलाई तक होने वाले पैरा थ्रो बॉल प्रतियोगिता में चयनित होने के बाद भी वह नहीं जा पा रही हैं.

ये भी पढ़ें: बेटी के नाम से बनने वाली सड़क में मां बाप कर रहे मजदूरी, जानें क्या है कहानी

यह विडंबना ही है कि देश में खिलाड़ियों को उचित सम्मान नहीं मिल पा रहा है. कई खिलाड़ी आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. उन्हीं में से एक हैं असुंता टोप्पो. इन्होंने भारत के लिए गोल्ड मेडल भी जीता है. लेकिन अब इनके पास इतने पैसे नहीं हैं कि ये मलेशिया में होने वाली प्रतियोगिता में हिस्सा ले सकें. असुंता टोप्पो ने बताया कि उसका सिलेक्शन मलेशिया में हो रहे पैरा थ्रो बॉल प्रतियोगिता के लिए हुआ है. मगर मलेशिया जाने के लिए रजिस्ट्रेशन कराने में 66 हजार रुपए का खर्च आ रहा है. वे आर्थिक रूप से बेहद कमजोर हैं इसलिए 66 हजार रुपए रजिस्ट्रेशन के लिए देने में असमर्थ हैं. असुंता बताती हैं कि रजिस्ट्रेशन चार्ज देखने के बाद उन्होंने खेल के प्रति जुनून को अपने अंदर ही दबा दिया.

नहीं मिलती सरकारी मदद: असुंता बताती हैं कि सरकार की ओर से खेलने जाने के लिए फंड नहीं मिलता है. जितने भी खिलाड़ी खेलने जाते हैं उन्हें अपने पैसे से ही खेलने जाना पड़ता है. असुंता ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और गुमला उपायुक्त सुशांत गौरव से ही मदद की गुहार लगाई है.

"असुंता की हर स्तर पर मदद की जाएगी, प्रशासन इस मामले को देख रहा है, वह जरूर ही मलेशिया खेलने के लिए जा सकेगी." -उपायुक्त गुमला

आर्थिक स्थिति खराब: असुंता टोप्पो एक पैर से दिव्यांग हैं और माता पिता की मौत के बाद काफी आर्थिक तंगी भी झेल रही हैं. दिव्यांग पेंशन में मिलने वाले 1000 रुपए और बड़ी बहनों द्वारा समय-समय पर मिलने वाले कुछ आर्थिक सहयोग के सहारे ही वह पीजी तक की पढ़ाई कर पाईं हैं.

खेल के लिए जुनून: खेल के प्रति असुंता का जुनून बचपन से ही था, हर बाधा को पीछे छोड़ते हुए उन्होंने अपनी काबिलियत और मेहनत के बलबूते बेहतर प्रदर्शन दिखाते हुए पैरा थ्रोबॉल इंडिया टीम में जगह बनाई. जिसके बाद 19 से 21 फरवरी 2023 को हुए भारत-नेपाल प्रतियोगिता में चयन हुआ. यहां भी आर्थिक तंगी असुंता को नेपाल खेलने जाने से रोक रहा था, जिसके बाद असुंता ने कई सरकारी दरवाजे खटखटाए मगर कहीं से मदद की कोई उम्मीद नजर नहीं आई. जिसके बाद असुंता ने कई दोस्त और रिश्तेदारों से मदद लेकर नेपाल गईं और गोल्ड मेडल जीता.

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गुमला: थ्रो बॉल प्रतियोगिता में देश के लिए गोल्ड जीतने वाली असुंता टोप्पो आर्थिक तंगी से जूझ रहीं हैं. उनकी आर्थिक हालत इतनी खराब है कि मलेशिया में 27 से 31 जुलाई तक होने वाले पैरा थ्रो बॉल प्रतियोगिता में चयनित होने के बाद भी वह नहीं जा पा रही हैं.

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यह विडंबना ही है कि देश में खिलाड़ियों को उचित सम्मान नहीं मिल पा रहा है. कई खिलाड़ी आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. उन्हीं में से एक हैं असुंता टोप्पो. इन्होंने भारत के लिए गोल्ड मेडल भी जीता है. लेकिन अब इनके पास इतने पैसे नहीं हैं कि ये मलेशिया में होने वाली प्रतियोगिता में हिस्सा ले सकें. असुंता टोप्पो ने बताया कि उसका सिलेक्शन मलेशिया में हो रहे पैरा थ्रो बॉल प्रतियोगिता के लिए हुआ है. मगर मलेशिया जाने के लिए रजिस्ट्रेशन कराने में 66 हजार रुपए का खर्च आ रहा है. वे आर्थिक रूप से बेहद कमजोर हैं इसलिए 66 हजार रुपए रजिस्ट्रेशन के लिए देने में असमर्थ हैं. असुंता बताती हैं कि रजिस्ट्रेशन चार्ज देखने के बाद उन्होंने खेल के प्रति जुनून को अपने अंदर ही दबा दिया.

नहीं मिलती सरकारी मदद: असुंता बताती हैं कि सरकार की ओर से खेलने जाने के लिए फंड नहीं मिलता है. जितने भी खिलाड़ी खेलने जाते हैं उन्हें अपने पैसे से ही खेलने जाना पड़ता है. असुंता ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और गुमला उपायुक्त सुशांत गौरव से ही मदद की गुहार लगाई है.

"असुंता की हर स्तर पर मदद की जाएगी, प्रशासन इस मामले को देख रहा है, वह जरूर ही मलेशिया खेलने के लिए जा सकेगी." -उपायुक्त गुमला

आर्थिक स्थिति खराब: असुंता टोप्पो एक पैर से दिव्यांग हैं और माता पिता की मौत के बाद काफी आर्थिक तंगी भी झेल रही हैं. दिव्यांग पेंशन में मिलने वाले 1000 रुपए और बड़ी बहनों द्वारा समय-समय पर मिलने वाले कुछ आर्थिक सहयोग के सहारे ही वह पीजी तक की पढ़ाई कर पाईं हैं.

खेल के लिए जुनून: खेल के प्रति असुंता का जुनून बचपन से ही था, हर बाधा को पीछे छोड़ते हुए उन्होंने अपनी काबिलियत और मेहनत के बलबूते बेहतर प्रदर्शन दिखाते हुए पैरा थ्रोबॉल इंडिया टीम में जगह बनाई. जिसके बाद 19 से 21 फरवरी 2023 को हुए भारत-नेपाल प्रतियोगिता में चयन हुआ. यहां भी आर्थिक तंगी असुंता को नेपाल खेलने जाने से रोक रहा था, जिसके बाद असुंता ने कई सरकारी दरवाजे खटखटाए मगर कहीं से मदद की कोई उम्मीद नजर नहीं आई. जिसके बाद असुंता ने कई दोस्त और रिश्तेदारों से मदद लेकर नेपाल गईं और गोल्ड मेडल जीता.

Last Updated : Jul 7, 2023, 8:01 PM IST
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