पटना/थिरुवरुर: पटना में 23 जून को होने वाली विपक्षी दलों की बैठक में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन भी शामिल होंगे. बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और बिहार सरकार के मंत्री संजय झा ने चेन्नई में स्टालिन से मुलाकात की और विपक्षी एकता की बैठक में शामिल होने का न्योता दिया. सूत्रों की माने तो तेजस्वी के निमंत्रण को तमिलनाडु सीएम एम के स्टालिन ने स्वीकार कर लिया है. क्योंकि कार्यक्रम में सीएम नीतीश के निमंत्रण पत्र को तमिल भाषा में पढ़ा गया.
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स्टालिन से मिलने क्यों नहीं गए नीतीश? : दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को तमिलनाडु सीएम एम के स्टालिन स्व. पिता एम करुणानिधि की याद याद में थिरुवरुर में कार्यक्रम में शामिल होना था. तेजस्वी यादव तय समय पर एयरपोर्ट पहुंच चुके थे. तभी नीतीश कुमार का अचानक रद्द हो गया. पार्टी की ओर से बताया कि उनकी तबीयत बिगड़ गई है. इसलिए तेजस्वी के साथ बिहार सरकार के मंत्री संजय झा तमिलनाडु के लिए रवाना हुए.
''किसी की तबीयत कभी भी बिगड़ सकती है. मुख्यमंत्री ने तमिलनाडु सीएम स्टालिन से फोन पर बात की और उन्हें स्थिति से अवगत करा दिया है.'' - विजय कुमार चौधरी, वित्त मंत्री, बिहार सरकार
तेजस्वी ने चेन्नई में किया संबोधित : इस बीच, तमिलनाडु पहुंचे डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और बिहार सरकार में मंत्री संजय झा 'करुणानिधि कोट्टम' और पूर्व डीएमके प्रमुख करुणानिधि की प्रतिमा के अनावरण उद्घाटन कार्यक्रम में भाग लिया. इस दौरान तेजस्वी ने मंच से अपने संबोधन में कहा कि, ''यह महत्वपूर्ण है कि हम करुणानिधि जी के शासन के मॉडल की भावना को राष्ट्रीय स्तर पर आत्मसात करें. हमें सामाजिक न्याय समानता के ताने-बाने को एक साथ लहराना चाहिए और हमारी शासन संरचना के मूल में समानुभूति होनी चाहिए."
पटना में 23 जून को विपक्षी दलों की बैठक : बता दें कि 23 जून को पटना में 18 विपक्षी दलों की बैठक है. सीएम नीतीश ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार, महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, फारुख अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती सईद भी बैठक में शामिल होंगी. सभी को निमंत्रण जा चुका है. तमिलनाडु के सीएम स्टालिन भी मौजूद रहेंगे.
स्टालिन कांग्रेस से नाराज थे तेजस्वी ने मना लिया ? : दरअसल राजनीतिक घटनाक्रम देखें तो स्टालिन कांग्रेस से नाराज चल रहे थे. इसलिए, वो कांग्रेस के साथ एडजस्ट नहीं कर पा रहे थे. कहीं न कहीं 'डीएमके' के मन में कांग्रेस को लेकर 'कंफर्ट फीलिंग' नहीं आ रही थी. लेकिन, तेजस्वी ने चेन्नई जाकर उन्हें मना लिया. यह घटना 23 जून को होने वाली बैठक के लिए बड़ा टर्निंग पॉइंट के रूप में देखी जा रही है. सीएम नीतीश द्वारा लिखे गए पत्र को करुणानिधि कोट्टम कार्यक्रम में पढ़ा गया जिसमें नीतीश ने कहा कि-
सियासी रोड़े खत्म कर पाएंगे नीतीश ? : वैसे 18 दलों में कोई न कोई दल किसी न किसी दल के लिए रोड़ा बना खड़ा है. नीतीश इसी 'सियासी रोड़ेबाजी' को खत्म कर 'पीएम की वैंकेंसी' खोलना चाहते हैं. अभी सभी दलों में सिर्फ सहमति पर चर्चा होगी. बाद में किस चेहरे पर चुनाव लड़ा जाएगा उसपर विचार किया जाएगा. नीतीश पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि वो पीएम उम्मीदवार नहीं हैं. कांग्रेस और केजरीवाल की लड़ाई भी धीरे-धीरे ठंडे बस्ते में जाती दिख रही है. ममता बनर्जी को लेकर सियासी जानकार कुछ नहीं समझ पा रहे हैं. सोरेन तैयार हैं और फारुख अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती सईद अपनी मर्जी से समर्थन को तैयार खड़ी हैं. सबकुछ ठीक रहा तो 23 जून को सामंजस्य के बाद 18 दल किसी नतीजे पर पहुंचेंगे.