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Short Selling in Adani Group : ईडी ने सौंपी रिपोर्ट, 'टैक्स हेवन स्थित कंपनियों ने अडाणी ग्रुप में की थी शॉर्ट सेलिंग'

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 29, 2023, 5:47 PM IST

शॉर्ट सेलिंग के जरिए 12 कंपनियों ने अडाणी ग्रुप की कंपनियों से बड़ा लाभ कमाया. ई़डी ने अपनी रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी है. इनमें से तीन कंपनियां भारत में स्थित हैं, अन्य कंपनियां टैक्स हेवन देशों में स्थित हैं.

Industrialist Gautam Adani, File Photo
उद्योगपति गौतम अडाणी, फाइल फोटो

नई दिल्ली : हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट के बाद अडाणी ग्रुप की कंपनियों में शॉर्ट सेलिंग कर 12 कंपनियों ने सबसे ज्यादा मुनाफा कमाए. इनमें तीन भारतीय कंपनियां भी शामिल हैं. यह खुलासा ईडी की रिपोर्ट में हुआ है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार टैक्स हेवन में स्थित इन कंपनियों ने शेयरों की बिकवाली की. उससे उन्हें खूब मुनाफा हुआ.

इन कंपनियों में एफपीआई और एफआईआई दोनों शामिल हैं. एफपीआई (फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर- विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक) और एफआईआई (फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर- विदेशी संस्थागत निवेशक).

शॉर्ट सेलिंग का अर्थ होता है कि शेयर भाव में तात्कालिक गिरावट से फायदा उठाना. इन कंपनियों को पहले से अंदाजा होता है कि शेयर के भाव गिरेंगे. इसलिए वे शेयर को उधार ले लेते हैं. उसके बाद जैसे ही शेयर के भाव में गिरावट आती है, वे उस शेयर को वापस खरीद लेते हैं. इस लेन-देन में वे भारी मुनाफा कमाते हैं.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार जिन 12 कंपनियों की ओर इशारा किया गया है, उनमें से चार कंपनियां मॉरीशस में हैं. फ्रांस, आयरलैंड, लंदन, केमैन द्वीप और हांगकांग में एक-एक कंपनियां हैं. तीन कंपनियां भारत में स्थित हैं. इन तीन में एक कंपनी विदेशी बैंक की भारतीय शाखा है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इन कंपनियों ने, एफपीआई या फिर एफआईआई, अभी तक इनकम टैक्स अधिकारियों के सामने अपने होल्डिंग्स स्ट्रक्चर, स्वामित्व संरचना, की जानकारी नहीं दी है. ऑनलाइन मीडिया में प्रकाशित खबरों के मुताबिक इनमें से एक कंपनी ने जुलाई 2020 से लेकर सितंबर 2021 तक कोई भी व्यावसायिक गतिविधि नहीं की थी. इसे जुलाई 2020 में ही रजिस्टर्ड कराया गया था.

इसके बाद अचानक ही इस कंपनी ने अगले छह महीने में, यानी सितंबर 2021 से लेकर मार्च 2022 तक, 31000 करोड़ रु का कारोबार कर लिया. इसके बाद कंपनी ने 1100 करोड़ रु. की इनकम को सार्वजनिक किया.

ईडी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि एक वैश्विक बैंक की भारतीय शाखा वाली कंपनी ने अडाणी ग्रुप के शेयरों की बिकवाली से 122 करोड़ रु. की कमाई की. इसने बतौर एफआईआई के तौर पर 9700 करोड़ रु. कमाए. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इनमें से सबसे अधिक कमाई केमैन द्वीप में रजिस्टर्ड कंपनी को हुआ. यह एक टैक्स हेवन देश है. इस कंपनी को अमेरिका दोषी ठहरा चुका है. उसे इनसाइडर ट्रेडिंग में दोषी पाया गया था. अमेरिका ने इस कंपनी पर 1.8 बि. डॉलर का फाइन किया था.

आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इन कंपनियों में से किसी ने 20 जनवरी, तो किसी ने 23 जनवरी को अडाणी ग्रुप में शेयर की खरीददारी कर ली. उसके बाद तुरंत अपना खेल चालू कर दिया. मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि जिन तीन भारतीय कंपनियों के नाम शामिल हैं, उनमें से एक मुंबई और एक दिल्ली में रजिस्टर्ड हैं. इन कंपनियों को बाजार में हेरफेर का दोषी ठहराया गया है.

ये भी पढ़ें : Adani-Hindenburg Issue : एससी की एक्सपर्ट कमिटी ने सौंपी रिपोर्ट, कहा SEBI की विफलता पर कुछ भी कहना मुश्किल

नई दिल्ली : हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट के बाद अडाणी ग्रुप की कंपनियों में शॉर्ट सेलिंग कर 12 कंपनियों ने सबसे ज्यादा मुनाफा कमाए. इनमें तीन भारतीय कंपनियां भी शामिल हैं. यह खुलासा ईडी की रिपोर्ट में हुआ है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार टैक्स हेवन में स्थित इन कंपनियों ने शेयरों की बिकवाली की. उससे उन्हें खूब मुनाफा हुआ.

इन कंपनियों में एफपीआई और एफआईआई दोनों शामिल हैं. एफपीआई (फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर- विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक) और एफआईआई (फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर- विदेशी संस्थागत निवेशक).

शॉर्ट सेलिंग का अर्थ होता है कि शेयर भाव में तात्कालिक गिरावट से फायदा उठाना. इन कंपनियों को पहले से अंदाजा होता है कि शेयर के भाव गिरेंगे. इसलिए वे शेयर को उधार ले लेते हैं. उसके बाद जैसे ही शेयर के भाव में गिरावट आती है, वे उस शेयर को वापस खरीद लेते हैं. इस लेन-देन में वे भारी मुनाफा कमाते हैं.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार जिन 12 कंपनियों की ओर इशारा किया गया है, उनमें से चार कंपनियां मॉरीशस में हैं. फ्रांस, आयरलैंड, लंदन, केमैन द्वीप और हांगकांग में एक-एक कंपनियां हैं. तीन कंपनियां भारत में स्थित हैं. इन तीन में एक कंपनी विदेशी बैंक की भारतीय शाखा है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इन कंपनियों ने, एफपीआई या फिर एफआईआई, अभी तक इनकम टैक्स अधिकारियों के सामने अपने होल्डिंग्स स्ट्रक्चर, स्वामित्व संरचना, की जानकारी नहीं दी है. ऑनलाइन मीडिया में प्रकाशित खबरों के मुताबिक इनमें से एक कंपनी ने जुलाई 2020 से लेकर सितंबर 2021 तक कोई भी व्यावसायिक गतिविधि नहीं की थी. इसे जुलाई 2020 में ही रजिस्टर्ड कराया गया था.

इसके बाद अचानक ही इस कंपनी ने अगले छह महीने में, यानी सितंबर 2021 से लेकर मार्च 2022 तक, 31000 करोड़ रु का कारोबार कर लिया. इसके बाद कंपनी ने 1100 करोड़ रु. की इनकम को सार्वजनिक किया.

ईडी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि एक वैश्विक बैंक की भारतीय शाखा वाली कंपनी ने अडाणी ग्रुप के शेयरों की बिकवाली से 122 करोड़ रु. की कमाई की. इसने बतौर एफआईआई के तौर पर 9700 करोड़ रु. कमाए. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इनमें से सबसे अधिक कमाई केमैन द्वीप में रजिस्टर्ड कंपनी को हुआ. यह एक टैक्स हेवन देश है. इस कंपनी को अमेरिका दोषी ठहरा चुका है. उसे इनसाइडर ट्रेडिंग में दोषी पाया गया था. अमेरिका ने इस कंपनी पर 1.8 बि. डॉलर का फाइन किया था.

आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इन कंपनियों में से किसी ने 20 जनवरी, तो किसी ने 23 जनवरी को अडाणी ग्रुप में शेयर की खरीददारी कर ली. उसके बाद तुरंत अपना खेल चालू कर दिया. मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि जिन तीन भारतीय कंपनियों के नाम शामिल हैं, उनमें से एक मुंबई और एक दिल्ली में रजिस्टर्ड हैं. इन कंपनियों को बाजार में हेरफेर का दोषी ठहराया गया है.

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