पटना : बुधवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समय से पहले लोकसभा चुनाव कराने वाला बयान देकर खलबली मचा दी. शुक्रवार फिर उन्होंने ऐसा ही बयान दिया है. हालांकि इस बार के बयान में वो 'डर' से चुनाव कराने की बात करते दिख रहे हैं. दरअसल, जब नीतीश कुमार रत्नेश सदा के शपथ ग्रहण समारोह से लौट रहे थे, तो उनसे मीडिया कर्मियों समय से पूर्व लोकसभा चुनाव कराने को लेकर फिर पूछा. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वो तो ऐसे ही कह रहे थे. हालांकि, उन्होंने ये इशारों-इशारों में कहा कि बीजेपी डरकर ऐसा कर सकती है.
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''विपक्षी एकजुटता की मीटिंग को देखते हुए उन लोगों (बीजेपी) को लग रहा है कि कुछ बड़ा होगा और उससे चुनाव में ज्यादा नुकसान होगा. इसलिए वो पहले भी चुनाव करा सकते हैं. हम तो ऐसे ही कह रहे थे. हमने यह थोड़े ही कहा था कि वो पहले ही चुनाव करा देंगे. हालांकि, इसकी संभावना पूरी रहती है. इसलिए मैंने सभी पार्टियों को अलर्ट कर दिया है कि आप समझ लीजिए आप सभी मिलकर चुनाव लड़ेंगे तभी बीजेपी से मुक्ति मिलेगी.''- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार
'नुकसान के डर से होगा समय से पहले चुनाव' : नीतीश कुमार ने अपने बयान को स्पष्ट करते हुए कहा कि अगर बीजेपी को लगेगा कि 23 जून के बाद उन्हें नुकसान पहुंच सकता हैतो वो जरूर समय से पहले चुनाव कराएंगे. वैसे भी समय से पहले चुनाव कराने का अधिकार बहुमत वाली सरकार को है. उन्होंने अटल सरकार का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्हीं की पार्टी के लोगों ने तीन चार महीने पहले ही चुनाव करा लिया था. हालांकि ऐसा चुनाव अटल जी नहीं चाहते थे.
23 जून को बनेगी 2024 की रणनीति : बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 में अप्रैल-मई तक संपन्न हो सकते हैं. नीतीश के मुताबिक अगर बीजेपी सरकार चुनाव पहले कराएगी तो उनकी तैयारी पूरी रहनी चाहिए. नीतीश कुमार मोदी सरकार को पटखनी देने के लिए विपक्षी एकजुटता की बैठक करा रहे हैं. वहां सभी दल एक साथ बैठकर बीजेपी के खिलाफ रणनीति बनाएंगे. इसमें एक फॉर्मूले की चर्चा चल रही है कि जो जहां कमजोर है वहां मजबूत पक्ष को समर्थन दे.