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Shocking ! मौत के डेढ़ साल बाद SDM ने मृतक को भेजा नोटिस, कोर्ट में पेश होने के आदेश - मृत व्यक्ति को नोटिस

राजस्थान के बहरोड़ से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. एसडीएम ने एक मृत व्यक्ति को नोटिस भेजा है, जिसमें कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए गए हैं. इस नोटिस से मृतक के परिजन भी हैरान हैं. यहां जानिए पूरा मामला...

SDM sent notice to the deceased
SDM ने मृतक को भेजा नोटिस
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 6, 2023, 1:58 PM IST

बहरोड़. विधानसभा चुनाव के तहत क्षेत्र में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसको जो भी सुन रहा है, हैरान हो जा रहा है. बहरोड़ प्रशासन को एक मृतक व्यक्ति से अशांति का डर है. मौत के डेढ़ साल बाद प्रशासन ने उसे नोटिस जारी कर कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है. इस बीच मृतक के परिजन परेशान है कि मृतक व्यक्ति को कहां से लाएं.

दरअसल, 25 नवंबर को राज्य में विधानसभा चुनाव की वोटिंग होनी है. न्यायालय उपखंड मजिस्ट्रेट की ओर से बहरोड़, नीमराना, मांढण और बहरोड़ सदर थाना क्षेत्र में निवास करने वाले ऐसे लोगों को छह महीने के लिए पाबंद किया गया है, जो चुनाव के दौरान व्यवधान डालें या जिनसे शांति व्यवस्था को खराब होने की संभावना हो. इस दौरान पुलिस ने बहरोड़ उपखंड के कांकर छाजा गांव के विनोदी पुत्र कंदनलाल यादव को भी नोटिस भेजा है, जबकि उसका निधन 27 जून 2022 को हो चुका है. परिवार के लोगों ने 11 जनवरी 2023 को उसका मृत्यु प्रमाण पत्र भी बना लिया है.

SDM sent notice to the deceased
SDM ने मृतक को भेजा नोटिस

जीवित थे, तब भी नहीं आया कोई समन : मृतक के बेटे रामचन्द्र यादव ने बताया कि रविवार शाम को उनके पास कोर्ट का नोटिस आया तो वो सकते में आ गए. उसने कहा कि उनके पिता के खिलाफ कभी कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है. पिता विनोदी लाल किसान थे. उनका गांव में अच्छा व्यवहार रहा है. जब पिताजी जीवित थे तब चुनाव के दौरान कभी भी कोई समन नहीं आया और ना ही कभी उन्हें पाबंद किया गया है, लेकिन उनके निधन के बाद पहली बार समन लेकर पुलिस का जवान आया तो वो भौंचक्के रह गया. उसने कहा कि उसके घर समन भेजकर जिम्मेदार अधिकारियों की ओर से परिवार की स्वच्छ और साफ छवि को खराब किया जा रहा है.

पढ़ें : विवादित बयान देने पर भाजपा प्रत्याशी नौक्षम चौधरी को नोटिस, ये है पूरा मामला

आचार संहिता से लेकर 5 नवंबर तक न्यायालय उपखंड मजिस्ट्रेट बहरोड़ को करीब 382 इस्तगासे मिले हैं, जिनमें 618 लोगों के खिलाफ शिकायत मिली है. थाना प्रभारी राजपाल यादव ने बताया कि मामले में जानकारी ले रहे हैं कि कहां गलती हुई है. उसके बारे में पता कर रहे हैं. वहीं, उपखंड अधिकारी सचिन यादव से इस मामले में पता करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कॉल नहीं उठाया.

बहरोड़. विधानसभा चुनाव के तहत क्षेत्र में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसको जो भी सुन रहा है, हैरान हो जा रहा है. बहरोड़ प्रशासन को एक मृतक व्यक्ति से अशांति का डर है. मौत के डेढ़ साल बाद प्रशासन ने उसे नोटिस जारी कर कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है. इस बीच मृतक के परिजन परेशान है कि मृतक व्यक्ति को कहां से लाएं.

दरअसल, 25 नवंबर को राज्य में विधानसभा चुनाव की वोटिंग होनी है. न्यायालय उपखंड मजिस्ट्रेट की ओर से बहरोड़, नीमराना, मांढण और बहरोड़ सदर थाना क्षेत्र में निवास करने वाले ऐसे लोगों को छह महीने के लिए पाबंद किया गया है, जो चुनाव के दौरान व्यवधान डालें या जिनसे शांति व्यवस्था को खराब होने की संभावना हो. इस दौरान पुलिस ने बहरोड़ उपखंड के कांकर छाजा गांव के विनोदी पुत्र कंदनलाल यादव को भी नोटिस भेजा है, जबकि उसका निधन 27 जून 2022 को हो चुका है. परिवार के लोगों ने 11 जनवरी 2023 को उसका मृत्यु प्रमाण पत्र भी बना लिया है.

SDM sent notice to the deceased
SDM ने मृतक को भेजा नोटिस

जीवित थे, तब भी नहीं आया कोई समन : मृतक के बेटे रामचन्द्र यादव ने बताया कि रविवार शाम को उनके पास कोर्ट का नोटिस आया तो वो सकते में आ गए. उसने कहा कि उनके पिता के खिलाफ कभी कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है. पिता विनोदी लाल किसान थे. उनका गांव में अच्छा व्यवहार रहा है. जब पिताजी जीवित थे तब चुनाव के दौरान कभी भी कोई समन नहीं आया और ना ही कभी उन्हें पाबंद किया गया है, लेकिन उनके निधन के बाद पहली बार समन लेकर पुलिस का जवान आया तो वो भौंचक्के रह गया. उसने कहा कि उसके घर समन भेजकर जिम्मेदार अधिकारियों की ओर से परिवार की स्वच्छ और साफ छवि को खराब किया जा रहा है.

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आचार संहिता से लेकर 5 नवंबर तक न्यायालय उपखंड मजिस्ट्रेट बहरोड़ को करीब 382 इस्तगासे मिले हैं, जिनमें 618 लोगों के खिलाफ शिकायत मिली है. थाना प्रभारी राजपाल यादव ने बताया कि मामले में जानकारी ले रहे हैं कि कहां गलती हुई है. उसके बारे में पता कर रहे हैं. वहीं, उपखंड अधिकारी सचिन यादव से इस मामले में पता करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कॉल नहीं उठाया.

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