श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी के अध्यक्ष और राज्य के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत पर जोर दिया. अनंतनाग मुठभेड़ के बारे में बात करते हुए अब्दुल्ला ने गुरुवार को कहा कि दोनों देशों को चर्चा करनी चाहिए और दोनों देशों में शांति लाने का रास्ता खोजना चाहिए.
अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार कहती है कि उग्रवाद खत्म हो गया है, कृपया मुझे बताएं कि क्या उग्रवाद खत्म हो गया है? यह तब तक खत्म नहीं होगा जब तक हम शांति का कोई रास्ता नहीं खोज लेते. हम लड़कर नहीं, बल्कि चर्चा करके शांति पा सकते हैं. दोनों देशों को आपस में बात करनी होगी. उन्होंने कहा कि मुझसे नहीं बात करें. दो देशों को बात करनी होगी जिनमें मतभेद हैं.
फारूक अब्दुल्ला ने गुरुवार को कहा कि यह हमारे देश के लिए बहुत बड़ा झटका है. एक कर्नल, एक मेजर और एक डीएसपी शहीद हो गए हैं और कई लोग अस्पताल में भर्ती हैं जो अपनी जिंदगी के लिए लड़ रहे हैं. इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह विनाश लंबे समय से चल रहा है. लेकिन मुझे इसका कोई अंत नहीं दिख रहा है.
उन्होंने कहा कि आज भी राजौरी और अनंतनाग में मुठभेड़ हो रही है, यह हर रोज हो रहा है. लेकिन सरकार कहती है कि उग्रवाद खत्म हो गया है, कृपया मुझे बताएं कि क्या उग्रवाद खत्म हो गया है? यह तब तक खत्म नहीं होगा जबतक हम शांति पाने का रास्ता नहीं ढूंढते हैं. उन्होंने कहा कि हम शांति को लड़कर नहीं, बल्कि बातचीत करके हासिल कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि दोनों देशों को आपस में बात करनी होगी, मुझसे नहीं. जिन दो देशों में मतभेद हैं, उन्हें बात करनी होगी. जब से भारत को आजादी मिली है, तब से यह मुद्दा बना हुआ है. इसका रास्ता निकालना जरूरी है.
यह पूछे जाने पर कि भारत जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराता है. अब्दुल्ला ने कहा कि पाकिस्तान भारत सरकार के फैसलों को स्वीकार नहीं करता है. उन्होंने कहा कि वे (पाकिस्तान) आप पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव उछालते हैं. आपने जो किया है उसे वे स्वीकार नहीं करते. आप क्या करेंगे.
उन्होंने कहा कि पूरी तरह से प्रशिक्षित लोग कश्मीर में प्रवेश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मुझे डर है कि वे किसी दूसरे देश से आ रहे होंगे. जब उनसे पूछा गया कि क्या उनका इशारा अफगानिस्तान की तरफ है तो उन्होंने कहा कि उनका इशारा किसी देश की तरफ नहीं है. उन्होंने कहा, जो लोग समझते हैं वे बेहतर समझ सकते हैं कि वे कहां से आ रहे होंगे.
उन्होंने कहा कि हमें इस खतरे का सामना करना होगा. हर दिन हमारे जवान और अधिकारी मारे जा रहे हैं. हमारे लोग भी पीड़ित हैं. इन आतंकवादियों की गतिविधियों के बारे में जानकारी देने के लिए उनसे (सुरक्षा एजेंसियां) पूछताछ करती है. जब एक पत्रकार ने कहा कि भारत सरकार पीओके को भारत में मिलाने पर जोर दे रही है तो उन्होंने पूछा कि क्या यह समस्या का समाधान है. और ऐसा करने से उन्हें किसने रोका है. फारूक अब्दुल्ला उन्हें रोकने वाले कौन होते हैं? अगर उन्हें लगता है कि इससे इस समस्या का समाधान हो सकता है तो उन्हें ऐसा करने दीजिए.
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इससे पहले बुधवार को अधिकारियों ने यहां बताया कि घाटी में कोकोरेनाग इलाके के ऊंचे इलाकों में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में एक बटालियन के कमांडिंग कर्नल और एक मेजर और जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक उपाधीक्षक सहित तीन सैन्यकर्मी मारे गए, जबकि एक सैनिक लापता है. प्रतिबंधित रेजिस्टेंस फ्रंट, जिसे पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा का शैडो ग्रुप माना जाता है ने हमले की जिम्मेदारी ली है. अधिकारियों का मानना है कि यह वही आतंकवादियों का समूह है, जिन्होंने 4 अगस्त को कुलगाम जिले के हलाण वन क्षेत्र के ऊंचे इलाकों में सेना के जवानों पर हमला किया था, जिसमें तीन जवान शहीद हो गए थे.