श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला (Dr Farooq Abdullah) ने सोमवार को कहा कि 'जनता की शक्ति' ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन को केंद्र शासित प्रदेश में विध्वंस अभियान को रोकने के लिए मजबूर किया (Abdullah on anti encroachment drives ).
श्रीनगर में पार्टी कार्यालय में मीडिया से बात करते हुए फारूक ने कहा, 'लोगों के दबाव में सरकार ने विध्वंस अभियान रोक दिया है. अगर लोगों ने आवाज नहीं उठाई होती तो वे और ढांचों को गिरा देते.' फारूक ने कहा कि ये लोगों की ताकत है.
फारूक का बयान इन खबरों के बीच आया है कि जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव अरुण कुमार मेहता ने यूटी में 'अतिक्रमण विरोधी अभियान' को रोकने के लिए उपायुक्तों और राजस्व विभाग को निर्देश जारी किए.
विशेष रूप से जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने 'प्रभावशाली' लोगों से जम्मू में 12 लाख कनाल और कश्मीर घाटी में चार लाख कनाल सहित अतिक्रमित राज्य भूमि के 16 लाख कनाल से अधिक पर अतिक्रमण हटाने का दावा किया है.
गौरतलब है कि श्रीनगर शहर के हुम्हामा में नेकां के वरिष्ठ नेता अली मोहम्मद सागर से जुड़े एक आवास और दक्षिण कश्मीर में पार्टी के एक अन्य नेता के स्वामित्व वाले एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के एक हिस्से को विध्वंस अभियान के तहत ध्वस्त कर दिया गया था.
जम्मू और कश्मीर में अतिक्रमण हटाओ अभियान जनवरी में शुरू हुआ था. इसका व्यापक विरोध हुआ. हालांकि लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा ने कहा था कि ड्राइव में गरीबों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा.
नवनियुक्त संभागीय आयुक्त कश्मीर विजय कुमार बिधूड़ी ने रविवार को कहा कि कब्जा छुड़ाई गई जमीन का उपयोग लोगों के कल्याण के लिए किया जाएगा. उन्होंने कहा कि अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान किसी भी गरीब का घर या दुकान नहीं तोड़ा गया, बल्कि हजारों कनाल जमीन अमीरों से मुक्त कराई गई.
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