पाली. राजस्थान के पाली जिले के पशुपालकों ने आपदा की इस स्थिति में भी हार नहीं मानी. उन्होंने दूध सप्लाई के लिए संकट की नदी को भी पार करने का जुगाड़ बना लिया. दरअसल, बीते कई दिनों से जारी भारी भारिश के चलते पाली में नदी का पुल टूटने से गांवों का शहर से संपर्क भी टूट गया. इस बीच यहां के पशुपालकों ने दूध सप्लाई करने का देसी जुगाड़ लगाया और मंगलवार को पानी की पाइप के जरिए बहती नदी के पार दूध पहुंचाया.
नदी भी नहीं रोक सकी दूध की सप्लाई : बिपरजॉय तूफान के चलते जिले सहित पूरे प्रदेश में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. शनिवार के बाद से पाली शहर के आस-पास के गांव का संपर्क जिला मुख्यालय से टूटा हुआ है. ऐसे में रोज दूध बेचकर गुजर बसर करने वाले पशुपालकों को चिंता सताने लगी. इसके बाद पशुपालकों ने आर्थिक नुकसान से बचने की जुगत में एक अनोखा रास्ता अख्तियार किया और पाली तक दूध सप्लाई को आसान बनाया. नदी पर बना पुल टूटने की वजह से गांव और शहर का संपर्क कट गया है. मंगलवार को इन पशुपालकों ने एक छोर से दूसरे छोर तक पाइपलाइन बिछा दी और इसके जरिए नदी के पार दूध की सप्लाई की.
3 दिनों से टूटा संपर्क : पूरा राजस्थान बिपरजॉय तूफान के बाद हालात से निपटने में लगा हुआ है. पश्चिमी राजस्थान के पाली जिले के कई इलाके अब भी जलमग्न हैं. स्थानीय नदियों में भी पानी तेज रफ्तार से बह रहा है. हालात यह है कि कई गांवों का 3 दिन से जिला मुख्यालय से संपर्क कटा हुआ है. इन गांवों में जिला मुख्यालय के नजदीक खैरवा, लाम्बिया और बालेलाव गांवों का हेमावास बांध में जाने वाली नदी का पुल टूटने के कारण पाली शहर से संपर्क कट गया है. ऐसे में गांव से शहर तक रोजाना दूध सप्लाई करने वाले पशुपालक भी परेशान थे, जिसके बाद इन पशुपालकों ने एक जुगाड़ के जरिए बहती नदी के पार दूध पहुंचाया.