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जंतर-मंतर पर टिकैत बोले, देश का किसान न कमजोर था, न है और न ही कमजोर रहेगा

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Published : Jul 22, 2021, 6:52 AM IST

Updated : Jul 22, 2021, 5:14 PM IST

कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान का आज से जंतर-मंतर पर प्रदर्शन शुरू हो गया है. किसानों को रोजाना सुबह 11 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक प्रदर्शन की अनुमति दी गई है. यह अनुमति इस आश्वासन के साथ दी गई है कि यह शांतिपूर्ण रहेगा.

किसान नेता राकेश टिकैत
किसान नेता राकेश टिकैत

नई दिल्लीः कृषि कानून (Farm Laws) के विरोध में किसान संगठन दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने के लिए पहुंचे. दिल्ली के जंतर मंतर पर किसानों का जत्था किसान संसद के लिए पहुंचा. 11 बजे से 5 बजे तक का समय धरना प्रदर्शन के लिए निर्धारित है लेकिन किसानों की बसें 12:10 पर जंतर मंतर पहुंचीं.

किसान नेता राकेश टिकैत सुनिए क्या बोले

किसान नेताओं की गाड़ियों के आगे दिल्ली पुलिस की गाड़ियां भी चल रही थीं. भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत भी जंतर मंतर पहुंच चुके हैं. किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार सीधी बात करे. हम कंडीशनल बात नहीं करेंगे. हम कमजोर नहीं हैं. देश का किसान न कमजोर था, न है और न ही कमजोर रहेगा. हमारी पंचायत हो रही है. जब तक संसद चलेगी. हमारी पंचायत चलेगी.

किसान नेता टिकैत से बातचीत

बैरिकेड तक पहुंचे किसान

किसान संसद को लेकर दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं. कई लेयर की बैरिकेडिंग और भारी संख्या में दिल्ली पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं. किसान नेताओं ने बार-बार कहा है कि जंतर मंतर पर किसान संसद शांतिपूर्ण और अनुसाशन के साथ चलेगी. लेकिन तस्वीरें इससे उलट दिखाई दीं. धरना प्रदर्शन शांतिपूर्ण होने की बजाय हंगामे के साथ शुरू हुआ. मीडिया के कैमरों पर आने के लिए किसान झंडों के साथ सुरक्षा बैरिकेडिंग तक पहुंच गए और नारेबाजी के साथ-साथ बैरिकेड को भी धक्का देने लगे. अफरा तफरी के बीच मौके पर तैनात सुरक्षाकर्मी व्यवस्था बनाने के लिए संघर्ष करते दिखे.

शुरुआत में मीडिया को भी मंच के आस पास जाने की अनुमति नहीं दी गई और कवरेज के लिए एक अलग से घेरा बनाया गया जो मुख्य मंच से लगभग 50 मीटर था. वहां से किसान नेताओं से सीधे बातचीत कर पाना मुश्किल था, जब किसान नेताओं ने इर पर आपत्ति जताई तब पुलिस ने कुछ ढील जरूर दी.

किसान आंदोलन

पहले दिन दो प्रस्ताव पारित
किसान संसद के पहले दिन दो प्रस्ताव पारित किए गए. पहले प्रस्ताव के तहत किसान आंदोलन के दौरान जिन किसानों की मौत हुई उन्हें श्रद्धांजलि दी गई. दूसरे प्रस्ताव में प्रदर्शन स्थल तक मीडिया को न आने देने पर आपत्ति जताई गई है. हालांकि बाद में पुलिस ने मीडिया को मंच तक जाने की अनुमति दे दी.

ब्रिटेन की संसद हमारे मुद्दों पर बहस कर रही हमारी सरकार नहीं : योगेंद्र यादव

किसान नेता योगेंद्र यादव

किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि 200 किसानों के लिये सरकार ने हजारों पुलिस बल की तैनाती की है. उन्हें समझना चाहिए कि हम इसी देश के नागरिक हैं और शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए आए हैं. यदि दिल्ली पुलिस मीडिया को किसान संसद की कवरेज करने के लिए बैरिकेडिंग के अंदर आने नहीं देती है तो वह इसके खिलाफ भी धरने पर बैठ जाएंगे. योगेंद्र यादव ने कहा कि किसान जंतर-मंतर पर सरकार को यह दिखाने के लिए आए हैं कि वे मूर्ख नहीं हैं, ब्रिटेन की संसद हमारे मुद्दों पर बहस कर रही है लेकिन हमारी सरकार नहीं.

देश की सरकार किसान विरोधी : हन्नान मुल्ला

वहीं, किसान यूनियन के नेता हन्नान मुल्ला ने कहा कि किसानों की बात संसद नहीं सुन रही है इसलिए सभी सांसदों को हमने चिट्ठी दी है कि हमारे वोट से जीते हैं तो ऐसा करें कि हम वोट देते समय याद रखें. ईमानदार हैं तो हमारा सवाल उठाएं. उन्होंने कहा कि यह 13 अगस्त तक लगातार चलेगा. प्रतिदिन 200 किसान सिंघु बॉर्डर से आएंगे और किसानों के मुद्दे पर चर्चा होगी. आज 3 कानूनों के पहले कानून APMC पर चर्चा हुई. इसके बाद हम कानून को संसद में खारिज करेंगे और संसद से अपील करेंगे कि 'किसान संसद' की बात मानकर कानून खारिज करे. उन्होंने कहा कि देश की सरकार किसान विरोधी सरकार है. किसानों को प्रदर्शन करते 8 महीने हो गए हैं लेकिन सरकार के पास समय नहीं है. संसद के सदस्यों को हमने कहा कि आप इस मुद्दे पर दबाव डाले ताकि सरकार बात करें.

पढ़ें- आज एक ऐतिहासिक दिन है, जब किसान देश की संसद के सामने खुद की संसद लगाएंगे: योगेंद्र यादव

बता दें कि दिल्ली से लगे टिकरी बॉर्डर, सिंघू बॉर्डर तथा गाजीपुर बॉर्डर पर किसान पिछले साल नवंबर से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. उनकी मांग है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाए और न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी दी जाए. हालांकि सरकार का कहना है कि ये कानून किसान हितैषी हैं. सरकार और प्रदर्शन कर रहे किसानों के बीच कई दौर की वार्ता बेनतीजा रही है.

नई दिल्लीः कृषि कानून (Farm Laws) के विरोध में किसान संगठन दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने के लिए पहुंचे. दिल्ली के जंतर मंतर पर किसानों का जत्था किसान संसद के लिए पहुंचा. 11 बजे से 5 बजे तक का समय धरना प्रदर्शन के लिए निर्धारित है लेकिन किसानों की बसें 12:10 पर जंतर मंतर पहुंचीं.

किसान नेता राकेश टिकैत सुनिए क्या बोले

किसान नेताओं की गाड़ियों के आगे दिल्ली पुलिस की गाड़ियां भी चल रही थीं. भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत भी जंतर मंतर पहुंच चुके हैं. किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार सीधी बात करे. हम कंडीशनल बात नहीं करेंगे. हम कमजोर नहीं हैं. देश का किसान न कमजोर था, न है और न ही कमजोर रहेगा. हमारी पंचायत हो रही है. जब तक संसद चलेगी. हमारी पंचायत चलेगी.

किसान नेता टिकैत से बातचीत

बैरिकेड तक पहुंचे किसान

किसान संसद को लेकर दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं. कई लेयर की बैरिकेडिंग और भारी संख्या में दिल्ली पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं. किसान नेताओं ने बार-बार कहा है कि जंतर मंतर पर किसान संसद शांतिपूर्ण और अनुसाशन के साथ चलेगी. लेकिन तस्वीरें इससे उलट दिखाई दीं. धरना प्रदर्शन शांतिपूर्ण होने की बजाय हंगामे के साथ शुरू हुआ. मीडिया के कैमरों पर आने के लिए किसान झंडों के साथ सुरक्षा बैरिकेडिंग तक पहुंच गए और नारेबाजी के साथ-साथ बैरिकेड को भी धक्का देने लगे. अफरा तफरी के बीच मौके पर तैनात सुरक्षाकर्मी व्यवस्था बनाने के लिए संघर्ष करते दिखे.

शुरुआत में मीडिया को भी मंच के आस पास जाने की अनुमति नहीं दी गई और कवरेज के लिए एक अलग से घेरा बनाया गया जो मुख्य मंच से लगभग 50 मीटर था. वहां से किसान नेताओं से सीधे बातचीत कर पाना मुश्किल था, जब किसान नेताओं ने इर पर आपत्ति जताई तब पुलिस ने कुछ ढील जरूर दी.

किसान आंदोलन

पहले दिन दो प्रस्ताव पारित
किसान संसद के पहले दिन दो प्रस्ताव पारित किए गए. पहले प्रस्ताव के तहत किसान आंदोलन के दौरान जिन किसानों की मौत हुई उन्हें श्रद्धांजलि दी गई. दूसरे प्रस्ताव में प्रदर्शन स्थल तक मीडिया को न आने देने पर आपत्ति जताई गई है. हालांकि बाद में पुलिस ने मीडिया को मंच तक जाने की अनुमति दे दी.

ब्रिटेन की संसद हमारे मुद्दों पर बहस कर रही हमारी सरकार नहीं : योगेंद्र यादव

किसान नेता योगेंद्र यादव

किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि 200 किसानों के लिये सरकार ने हजारों पुलिस बल की तैनाती की है. उन्हें समझना चाहिए कि हम इसी देश के नागरिक हैं और शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए आए हैं. यदि दिल्ली पुलिस मीडिया को किसान संसद की कवरेज करने के लिए बैरिकेडिंग के अंदर आने नहीं देती है तो वह इसके खिलाफ भी धरने पर बैठ जाएंगे. योगेंद्र यादव ने कहा कि किसान जंतर-मंतर पर सरकार को यह दिखाने के लिए आए हैं कि वे मूर्ख नहीं हैं, ब्रिटेन की संसद हमारे मुद्दों पर बहस कर रही है लेकिन हमारी सरकार नहीं.

देश की सरकार किसान विरोधी : हन्नान मुल्ला

वहीं, किसान यूनियन के नेता हन्नान मुल्ला ने कहा कि किसानों की बात संसद नहीं सुन रही है इसलिए सभी सांसदों को हमने चिट्ठी दी है कि हमारे वोट से जीते हैं तो ऐसा करें कि हम वोट देते समय याद रखें. ईमानदार हैं तो हमारा सवाल उठाएं. उन्होंने कहा कि यह 13 अगस्त तक लगातार चलेगा. प्रतिदिन 200 किसान सिंघु बॉर्डर से आएंगे और किसानों के मुद्दे पर चर्चा होगी. आज 3 कानूनों के पहले कानून APMC पर चर्चा हुई. इसके बाद हम कानून को संसद में खारिज करेंगे और संसद से अपील करेंगे कि 'किसान संसद' की बात मानकर कानून खारिज करे. उन्होंने कहा कि देश की सरकार किसान विरोधी सरकार है. किसानों को प्रदर्शन करते 8 महीने हो गए हैं लेकिन सरकार के पास समय नहीं है. संसद के सदस्यों को हमने कहा कि आप इस मुद्दे पर दबाव डाले ताकि सरकार बात करें.

पढ़ें- आज एक ऐतिहासिक दिन है, जब किसान देश की संसद के सामने खुद की संसद लगाएंगे: योगेंद्र यादव

बता दें कि दिल्ली से लगे टिकरी बॉर्डर, सिंघू बॉर्डर तथा गाजीपुर बॉर्डर पर किसान पिछले साल नवंबर से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. उनकी मांग है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाए और न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी दी जाए. हालांकि सरकार का कहना है कि ये कानून किसान हितैषी हैं. सरकार और प्रदर्शन कर रहे किसानों के बीच कई दौर की वार्ता बेनतीजा रही है.

Last Updated : Jul 22, 2021, 5:14 PM IST
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