नई दिल्ली : किसानों ने आंदोलन तेज करने के लिए कई कार्यक्रमों की घोषणा की है. प्रस्तावित कार्यक्रम के तहत आज 'पगड़ी संभाल' दिवस है. केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने अपना आंदोलन तेज करने के लिए 23 से 27 फरवरी के बीच कई कार्यक्रम आयोजित करने घोषणा की.
उन्होंने यह भी कहा कि वे प्रदर्शन को लंबे समय तक चलाने के लिए जल्द ही नई रणनीति तैयार करेंगे.
प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनके प्रस्तावित कार्यक्रम के तहत 23 फरवरी को ‘पगड़ी संभाल दिवस’ और 24 फरवरी को दमन विरोधी दिवस मनाया जाएगा और इस दौरान इस बात पर जोर दिया जाएगा कि किसानों का सम्मान किया जाए और उनके खिलाफ कोई दमनकारी कार्रवाई नहीं की जाए.
मोर्चा ने कहा कि 26 फरवरी को ‘युवा किसान दिवस’ और 27 फरवरी को ‘मजदूर किसान एकता दिवस’ मनाया जाएगा.
किसान नेता दर्शनपाल ने कहा कि 23 फरवरी को 'पगड़ी संभाल दिवस' मनाया जाएगा जो चाचा अजीत सिंह और सहजानंद सरस्वती की याद में मनाया जाएगा. इस दिन किसान अपने क्षेत्र की पगड़ी पहनेंगे.
उन्होंने कहा, '24 फरवरी को 'दमन विरोधी दिवस' मनाया जाएगा जिसमें किसान और नागरिक, किसान आंदोलन को दबाने के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे. इस दिन तहसील और जिला मुख्यालयों के जरिए भारत के राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा जाएगा.'
पाल ने कहा, 26 फरवरी को इस आंदोलन में युवाओं के योगदान का सम्मान करते हुए, 'युवा किसान दिवस' आयोजित किया जाएगा. इस दिन एसकेएम के सभी मंचों का संचालन युवा करेंगे.
उन्होंने कहा, 27 फरवरी को गुरु रविदास जयंती और शहीद चंद्रशेखर आज़ाद के शहादत दिवस के मौके पर 'किसान मजदूर एकता दिवस' मनाया जाएगा.
स्वराज इंडिया के नेता योगेन्द्र यादव ने कहा, सरकार प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी, उन्हें हिरासत में लेने और उनके खिलाफ मामले दर्ज कर हर दमनकारी उपाय अपना रही है. सिंघू बॉर्डर पर किलेबंदी कर दी गई है और वह एक अंतरराष्ट्रीय सीमा की तरह प्रतीत होता है.
उन्होंने कहा, संसद के आठ मार्च से शुरू हो रहे सत्र के मद्देनजर आंदोलन के लिए दीर्घकालिक योजना पर चर्चा की जाएगी और एसकेएम की अगली बैठक में रणनीति साझा की जाएगी.
पाल ने भी सरकार पर दमन का आरोप लगाया.
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उन्होंने बताया कि गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय राजधानी में ‘ट्रैक्टर परेड’ के दौरान हुई हिंसा और तोड़फोड़ के मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए 122 लोगों में से 32 को जमानत मिल चुकी है.
वहीं दिल्ली बाॅर्डर पर किसान आंदोलन की कमान संभाल रहे भारतीय किसान यूनियन भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत आगरा में भी हुंकार भरेंगे. भाकियू के आगरा के पदाधिकारियों ने किसान नेता राकेश टिकैत की किसान महापंचायत की तैयारी शुरू कर दी हैं. किसान महापंचायत किरावली के मिनी स्टेडियम मौनी बाबा आश्रम में होगी.
किसानों की डिमांड थी राकेश टिकैत को बुलाने की
भारतीय किसान यूनियन के आगरा जिला अध्यक्ष राजवीर सिंह लवानियां ने बताया कि केंद्र सरकार के कृषि के तीन काले कानून के विरोध में देश उबल रहा है. जनता में आक्रोश है. किसान आंदोलनरत है. दिल्ली में किसान आंदोलन की कमान भाकियू के राष्ट्र्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत संभाल रहे हैं. हमने कृषि विधेयक को लेकर नुक्कड सभाएं कीं, जिसमें लोगों ने आगरा में सभा कराने की मांग की. इस पर हमने भाकियू के प्रवक्ता राकेश टिकैत से आग्रह किया था. जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया. 24 फरवरी को बुधवार को राकेश टिकैत की किसान महापंचायत होगी. जिसमें आगरा के किसान और मजदूर शामिल होंगे.
12 बजे टिकैत भरेंगे हुंकार
भाकियू के आगरा जिलाध्यक्ष राजवीर लवानियां ने बताया कि, राकेश टिकैत के साथ आज देश का हर किसान है. भले ही आज किसान खेतों पर काम कर रहे हैं. मगर, एक दिन बुधवार को दो घंटे काम छोड कर किसान महापंचायत में आएं. दो घंटे तक किसान नेता राकेश टिकैत को सुनें. जिससे कृषि विधेयक की आपत्तियां जा सकें. केंद्र सरकार का यह काला कानून किसानों के लिए सही नहीं हैं. इसलिए किसानों की आवाज यूं ही उठाई जा सके.