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भारत बंद : कौन-कौन हैं शामिल और सेवाएं कितनी होंगी प्रभावित, जानें - भारत बंद

मंगलवार को भारत बंद रखा गया है. किसान संगठनों के द्वारा बुलाए गए बंद को 10 ट्रेड यूनियन और 11 विपक्षी पार्टियां समर्थन कर रहीं हैं. व्यापारियों के संगठन कैट ने इसमें शामिल नहीं होने का फैसला किया है. सामान्य सेवाएं कितनी प्रभावित होंगी, पढ़िए पूरी खबर.

farmer protests against farm laws
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का भारत बंद
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Published : Dec 7, 2020, 7:54 PM IST

हैदराबाद : केंद्र सरकार से तीन नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर किसान संगठनों ने मंगलवार को भारत बंद बुलाया है. इन्होंने चार दिसंबर को ही इसकी घोषणा कर दी थी. नौ दिसंबर को किसानों और सरकार के बीच छठे दौर की होने वाली बातचीत से पहले भारत बंद के जरिए किसान केंद्र सरकार को बड़ा संदेश देना चाहते हैं.

किसान नेताओं का कहना है कि वे हर हाल में तीनों कानूनों की वापसी चाहते हैं. साथ ही 23 फसलों पर दिए जाने वाले एमएसपी को जारी रखने के लिए कानून बहाली की मांग कर रहे हैं. मोदी सरकार ने विरोध कर रहे किसानों को कानून में संशोधन का भरोसा दिया है. सरकार ने संकेत दिए हैं कि कानून की वापसी संभव नहीं है. लेकिन किसान अपनी मांगों पर अडिग है.

इससे पहले किसानों के आंदोलन की वजह से ही 2015 में मोदी सरकार ने भूमि अधिग्रहण पर संशोधन को वापस लिया था. किसान फिर से ऐसी ही उम्मीद कर रहे हैं.

खुले रहेंगे बाजार

व्यापारियों के संगठन कॉनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने सोमवार को कहा कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ मंगलवार को किसानों के 'भारत बंद' के दौरान दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में बाजार खुले रहेंगे. ऑल इंडिया ट्रांसपोर्टस वेलफेयर एसोसिएशन (एआईटीडब्ल्यू) ने भी घोषणा की है कि बंद के दौरान परिवहन या ट्रांसपोर्ट क्षेत्र का परिचालन भी सामान्य रहेगा.

पंजाब में बंद रहेंगे पेट्रोल पंप

पंजाब पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने सुबह आठ बजे से शाम के छह बजे तक पेट्रोल पंप बंद रखने का फैसला किया है.

विपक्षी दलों का समर्थन

कांग्रेस, राजद, वाम पार्टियां, एनसीपी, टीआरएस, डीएमके और आप ने किसानों के बंद का समर्थन किया है.

10 ट्रेड यूनियनों ने भी अपना समर्थन दिया है. इन सभी यूनियनों ने श्रमिक कोड और कृषि कानूनों के खिलाफ 26 नवंबर को भी देशव्यापी हड़ताल रखी थी.

ये संगठन हैं- इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस, ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस, हिंद मजदूर सभा, भारतीय व्यापार संघ का केंद्र, ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड सेंटर, एआईयूटीयूसी, ट्रेड यूनियन को-ऑर्डिनेशन सेंटर, सेल्फ-एम्प्लॉयड वुमेन्स एसोसिएशन, ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस, लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन और यूनाइटेड स्टेट यूनियन कांग्रेस.

ट्रेड यूनियन ने अपने संयुक्त वक्तव्य में कहा - हम किसान संगठनों के दृढ़ संकल्प का स्वागत करते हैं. हम 8 दिसंबर, 2020 को 'भारत बंद' के उनके आह्वान के लिए समर्थन प्रदान करते हैं. हम 27 नवंबर से ही पूरे देश में सभी राज्यों के मजदूरों और कर्मचारियों की यूनियनों के साथ संघर्षरत हैं.

सुप्रीम कोर्ट बार का समर्थन

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दुष्यंत दवे ने केंद्र के कृषि कानूनों को 'असंवैधानिक और गैरकानूनी' करार दिया है. उन्होंने किसानों के लिए अपनी सेवाएं मुफ्त में देने की पेशकश की है. शीर्ष अदालत पहले ही कानूनों को चुनौती देने वाली दलीलों को सुनने का फैसला कर चुकी है.

विपक्षी नेताओं का समर्थन

सोनिया गांधी (कांग्रेस), शरद पवार (एनसीपी), एमके स्टालिन (डीएमके), तेजस्वी यादव (राजद), फारुक अब्दुल्ला (एनसी), अखिलेश यादव (एसपी), सीताराम येचुरी (सीपीएम), डी राजा (सीपीआई), दीपांकर भट्टाचार्य (माले), देबब्रत बिस्वास (फॉरवर्ड ब्लॉक) और मनोज भट्टाचार्य (आरएसपी) ने बयान जारी कर समर्थन जारी किया है.

क्या कहा विपक्षी नेताओं ने

इन नेताओं ने कहा कि संसद में पारित कृषि कानून बड़े पैमाने पर लोकतांत्रिक तरीके से भारत की खाद्य सुरक्षा को खतरे में डालते हैं. एमएसपी को समाप्त करने और भारतीय कृषि और हमारे बाजारों को बहुराष्ट्रीय कृषि-व्यवसाय निगमों के हाथों सौंपने की तैयारी हो रही है.

शरद पवार ने कहा कि सरकार जल्द ही आवश्यक कदम उठाए. अगर ऐसा नहीं हुआ, तो ये आंदोलन दिल्ली से बाहर भी फैल सकता है. पवार ने कहा कि पंजाब और हरियाणा के किसान सबसे अधिक उत्पादन करते हैं, लिहाजा उनकी बातों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.

प्रतिष्ठा का विषय न बनाएं पीएम : अधीर

लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन ने पीएम मोदी से इस मुद्दे को सम्मान का विषय ना बनाने की मांग की है.

टैक्सी और कैब संघ का समर्थन

कुछ टैक्सी और कैब संघों ने एक दिन की हड़ताल में भाग लेने का फैसला किया है. कारोबारियों का एक समूह भी किसानों की मांग का समर्थन कर रहा है. जिसके कारण बड़ी सब्जी एवं फल मंडियों में काम बाधित होने की आशंका है.

बंद रह सकती है मंडी

आजादपुर मंडी के अध्यक्ष आदिल खान ने कहा कि मुझे कई कारोबारी संघों ने मंगलवार की हड़ताल के लेकर फोन किया है. मुझे लगता है कि गाजीपुर, ओखला और नरेला की मंडियां किसानों द्वारा बुलाए 'भारत बंद' के कारण बंद रहेंगी. खान ने कहा कि उन्होंने निजी तौर पर लोगों से अपील की है कि वे देश को भोजन देने वाले किसानों का समर्थन करें.

बैंकिंग सेवाएं सामान्य रहेंगी

  • बैंक यूनियनों का एक धड़ा बंद के समर्थन में है. हालांकि, बैंकिंग सेवाएं प्रभावित नहीं होंगी.
  • महाराष्ट्र में वशी एग्रिकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमेटी बंद रहेगी. मुंबई में फलों और दूध की सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं.

सबसे अधिक बंद का यहां रहेगा असर

बंद का सबसे अधिक असर पंजाब, कर्नाटक, तेलंगाना, महाराष्ट्र, असम और त्रिपुरा में दिख सकता है.

हैदराबाद : केंद्र सरकार से तीन नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर किसान संगठनों ने मंगलवार को भारत बंद बुलाया है. इन्होंने चार दिसंबर को ही इसकी घोषणा कर दी थी. नौ दिसंबर को किसानों और सरकार के बीच छठे दौर की होने वाली बातचीत से पहले भारत बंद के जरिए किसान केंद्र सरकार को बड़ा संदेश देना चाहते हैं.

किसान नेताओं का कहना है कि वे हर हाल में तीनों कानूनों की वापसी चाहते हैं. साथ ही 23 फसलों पर दिए जाने वाले एमएसपी को जारी रखने के लिए कानून बहाली की मांग कर रहे हैं. मोदी सरकार ने विरोध कर रहे किसानों को कानून में संशोधन का भरोसा दिया है. सरकार ने संकेत दिए हैं कि कानून की वापसी संभव नहीं है. लेकिन किसान अपनी मांगों पर अडिग है.

इससे पहले किसानों के आंदोलन की वजह से ही 2015 में मोदी सरकार ने भूमि अधिग्रहण पर संशोधन को वापस लिया था. किसान फिर से ऐसी ही उम्मीद कर रहे हैं.

खुले रहेंगे बाजार

व्यापारियों के संगठन कॉनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने सोमवार को कहा कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ मंगलवार को किसानों के 'भारत बंद' के दौरान दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में बाजार खुले रहेंगे. ऑल इंडिया ट्रांसपोर्टस वेलफेयर एसोसिएशन (एआईटीडब्ल्यू) ने भी घोषणा की है कि बंद के दौरान परिवहन या ट्रांसपोर्ट क्षेत्र का परिचालन भी सामान्य रहेगा.

पंजाब में बंद रहेंगे पेट्रोल पंप

पंजाब पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने सुबह आठ बजे से शाम के छह बजे तक पेट्रोल पंप बंद रखने का फैसला किया है.

विपक्षी दलों का समर्थन

कांग्रेस, राजद, वाम पार्टियां, एनसीपी, टीआरएस, डीएमके और आप ने किसानों के बंद का समर्थन किया है.

10 ट्रेड यूनियनों ने भी अपना समर्थन दिया है. इन सभी यूनियनों ने श्रमिक कोड और कृषि कानूनों के खिलाफ 26 नवंबर को भी देशव्यापी हड़ताल रखी थी.

ये संगठन हैं- इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस, ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस, हिंद मजदूर सभा, भारतीय व्यापार संघ का केंद्र, ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड सेंटर, एआईयूटीयूसी, ट्रेड यूनियन को-ऑर्डिनेशन सेंटर, सेल्फ-एम्प्लॉयड वुमेन्स एसोसिएशन, ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस, लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन और यूनाइटेड स्टेट यूनियन कांग्रेस.

ट्रेड यूनियन ने अपने संयुक्त वक्तव्य में कहा - हम किसान संगठनों के दृढ़ संकल्प का स्वागत करते हैं. हम 8 दिसंबर, 2020 को 'भारत बंद' के उनके आह्वान के लिए समर्थन प्रदान करते हैं. हम 27 नवंबर से ही पूरे देश में सभी राज्यों के मजदूरों और कर्मचारियों की यूनियनों के साथ संघर्षरत हैं.

सुप्रीम कोर्ट बार का समर्थन

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दुष्यंत दवे ने केंद्र के कृषि कानूनों को 'असंवैधानिक और गैरकानूनी' करार दिया है. उन्होंने किसानों के लिए अपनी सेवाएं मुफ्त में देने की पेशकश की है. शीर्ष अदालत पहले ही कानूनों को चुनौती देने वाली दलीलों को सुनने का फैसला कर चुकी है.

विपक्षी नेताओं का समर्थन

सोनिया गांधी (कांग्रेस), शरद पवार (एनसीपी), एमके स्टालिन (डीएमके), तेजस्वी यादव (राजद), फारुक अब्दुल्ला (एनसी), अखिलेश यादव (एसपी), सीताराम येचुरी (सीपीएम), डी राजा (सीपीआई), दीपांकर भट्टाचार्य (माले), देबब्रत बिस्वास (फॉरवर्ड ब्लॉक) और मनोज भट्टाचार्य (आरएसपी) ने बयान जारी कर समर्थन जारी किया है.

क्या कहा विपक्षी नेताओं ने

इन नेताओं ने कहा कि संसद में पारित कृषि कानून बड़े पैमाने पर लोकतांत्रिक तरीके से भारत की खाद्य सुरक्षा को खतरे में डालते हैं. एमएसपी को समाप्त करने और भारतीय कृषि और हमारे बाजारों को बहुराष्ट्रीय कृषि-व्यवसाय निगमों के हाथों सौंपने की तैयारी हो रही है.

शरद पवार ने कहा कि सरकार जल्द ही आवश्यक कदम उठाए. अगर ऐसा नहीं हुआ, तो ये आंदोलन दिल्ली से बाहर भी फैल सकता है. पवार ने कहा कि पंजाब और हरियाणा के किसान सबसे अधिक उत्पादन करते हैं, लिहाजा उनकी बातों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.

प्रतिष्ठा का विषय न बनाएं पीएम : अधीर

लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन ने पीएम मोदी से इस मुद्दे को सम्मान का विषय ना बनाने की मांग की है.

टैक्सी और कैब संघ का समर्थन

कुछ टैक्सी और कैब संघों ने एक दिन की हड़ताल में भाग लेने का फैसला किया है. कारोबारियों का एक समूह भी किसानों की मांग का समर्थन कर रहा है. जिसके कारण बड़ी सब्जी एवं फल मंडियों में काम बाधित होने की आशंका है.

बंद रह सकती है मंडी

आजादपुर मंडी के अध्यक्ष आदिल खान ने कहा कि मुझे कई कारोबारी संघों ने मंगलवार की हड़ताल के लेकर फोन किया है. मुझे लगता है कि गाजीपुर, ओखला और नरेला की मंडियां किसानों द्वारा बुलाए 'भारत बंद' के कारण बंद रहेंगी. खान ने कहा कि उन्होंने निजी तौर पर लोगों से अपील की है कि वे देश को भोजन देने वाले किसानों का समर्थन करें.

बैंकिंग सेवाएं सामान्य रहेंगी

  • बैंक यूनियनों का एक धड़ा बंद के समर्थन में है. हालांकि, बैंकिंग सेवाएं प्रभावित नहीं होंगी.
  • महाराष्ट्र में वशी एग्रिकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमेटी बंद रहेगी. मुंबई में फलों और दूध की सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं.

सबसे अधिक बंद का यहां रहेगा असर

बंद का सबसे अधिक असर पंजाब, कर्नाटक, तेलंगाना, महाराष्ट्र, असम और त्रिपुरा में दिख सकता है.

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