नई दिल्ली : केंद्र सरकार के तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा के साथ ही सिंघु, टिकरी और गाजीपुर सहित विभिन्न स्थानों पर डटे लाखों आंदोलनकारी किसान अपने घर वापस जा रहे हैं. आंदोलन कर रहे नेताओं ने कहा कि यह उनकी बड़ी जीत है. किसान संघ ने गुरुवार को अपना आंदोलन वापस ले लिया था.
एसकेएम नेता पूरन शर्मा (SKM leader Puran Sarma) ने कहा, 'हम केंद्र सरकार से तीन विवादास्पद किसान कानून को वापस लेने की मांग कर रहे थे. अब सरकार ने एमएसपी पर एक समिति बनाने के अलावा अधिनियम को वापस ले लिया है ... अगर सरकार अपने फैसले से पीछे हटती है तो हम फिर से आंदोलन पर बैठेंगे.'
उन्होंने कहा कि कृषि कानून को वापस लेने के संबंध में सरकार के कार्यों की समीक्षा करने के लिए एसकेएम नेता हर 15 दिन पर बैठेंगे. उन्होंने कहा, '40 संगठनों के प्रतिनिधि स्थिति की समीक्षा के लिए 15 दिन बैठेंगे. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि सरकार उनके फैसले को लागू करे.'
एक अन्य किसान नेता ने कहा, 'पिछले साल 25 नवंबर से हम आंदोलन कर रहे थे. अब हमने अपने घर वापस जाने का फैसला किया है क्योंकि सरकार ने अधिनियम को वापस लेने की घोषणा की है. हमारा नारा था लड़ेंगे-जीतेंगे अब हमारा नारा है हम लड़े-हम जीते (we fought we win).'
उन्होंने दोहराया कि उनके पास अभी भी 4 लाख ट्रैक्टर और 25 लाख किसान हैं और जब भी आवश्यक होगा फिर से सड़क पर आ जाएंगे. किसान नेताओं ने यह भी घोषणा की कि वे निश्चित रूप से चुनाव प्रक्रिया में भाग लेंगे. आने वाले चुनाव में वोट डालेंगे.
गाजीपुर सीमा पर एक महिला कार्यकर्ता ने कहा, 'आज हमारे लिए विजय दिवस है और हम सभी अपनी जीत के बाद घर वापस जा रहे हैं. पिछले एक साल के दौरान हमें सरकार द्वारा थोपी गई कई समस्याओं का सामना करना पड़ा.'
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