गुवाहाटी: 'मणिपुर अब रहने के लिए नरक जैसा हो गया है. धन्यवाद @नरेंद्रमोदी जी. आपकी चुप्पी आग में और घी डालने का काम कर रही है.' यह मणिपुर की एक किशोरी का गुस्सा है, जो अपने प्रिय राज्य को समूह संघर्ष से त्रस्त देखकर दुखी है. इस किशोरी का नाम लिसिप्रिया कंगुजम है, जो हाई स्कूल की छात्रा है और मणिपुर के बसिहखोंग गांव में रहती है. वह एक भारतीय बाल पर्यावरण कार्यकर्ता भी है, जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसा मिली है.
वह मणिपुर की मैतेई जनजाति की लड़की है, जो संघर्ष की शिकार थी. मणिपुर का मुद्दा बुधवार से पूरे देश में सुर्खियों में है. बुधवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में राज्य में चल रहे जातीय संघर्ष के बीच दो आदिवासी महिलाओं को नग्न अवस्था में घुमाते हुए दिखाया गया है. इस घटना ने भारत को विश्व समुदाय के सामने शर्मसार कर दिया है. देश की संसद के मानसून सत्र के दौरान मणिपुर में हुई हिंसा और वीडियो के बाद विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मणिपुर पर शुरू से ही चुप्पी को जिम्मेदार ठहराते हुए विरोध प्रदर्शन किया.
इस बीच मणिपुर की किशोरी लिसिप्रिया के प्रधानमंत्री मोदी को लेकर किए गए ट्वीट ने सबका ध्यान खींचा है. ट्वीट्स की एक श्रृंखला में लिसिप्रिया बुधवार से मणिपुर में ज्वलंत स्थिति को लेकर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला कर रही हैं. अपने पहले ट्वीट में उसने लिखा कि मणिपुर अब रहने के लिए नरक की जगह है. धन्यवाद @नरेंद्रमोदी जी. आपकी चुप्पी आग में और घी डालने का काम कर रही है.
एक अन्य ट्वीट में उसने कहा कि नरेंद्र मोदी जी कब इस्तीफा देंगे? लिसिप्रिया ने सिलसिलेवार ट्वीट कर प्रधानमंत्री की आलोचना की. मणिपुर की किशोर पर्यावरण कार्यकर्ता ने मणिपुर में इंटरनेट बंद करने को लेकर योग दिवस पर मोदी की अमेरिका यात्रा पर भी कटाक्ष किया. संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन 2019 में जलवायु परिवर्तन से संबंधित तत्काल उपायों पर विश्व समुदाय को संबोधित करने वाली दुनिया की सबसे युवा वैश्विक जलवायु कार्यकर्ताओं में से एक के रूप में लिसिप्रिया कंगुजम की सराहना की गई.
लिसिप्रिया 2018 से भारत में जलवायु प्रणाली के संरक्षण के लिए अभियान चला रही हैं. यह निश्चित नहीं है कि किशोरी का यह व्यंग्यात्मक और गुस्से वाला ट्वीट राजधानी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंच पाएगा या नहीं. लिसिप्रिया ने कुछ विशेष पुरस्कार हासिल किए हैं, जिनमें डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम बाल पुरस्कार (2019), विश्व बाल शांति पुरस्कार (2019), राइजिंग स्टार ऑफ अर्थ डे नेटवर्क (2019), ग्लोबल चाइल्ड प्रोडिजी अवार्ड (2020), नोबेल सिटीजन अवार्ड (2020) आदि शामिल हैं.