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अपनों को बचाने के लिए भटक रहे परिजन, दवाईयों की अनुपलब्धता से निराश

देश भर में कोरोना महामारी के दूसरे दौर में लोगों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. देश की राजधानी दिल्ली में भी संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच दवाइयों और ऑक्सीजन की कमी लगातार बनी हुई है. ईटीवी भारत दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में पहुंचकर लोगों के सामने आ रही समस्याओं को दिखा रहा है.

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Published : Apr 23, 2021, 7:56 PM IST

Families
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नई दिल्ली : टीम ईटीवी भारत आज नॉर्थ दिल्ली के दो ऐसे मेडिसिन सेंटर्स पर पहुंची जहां रेमडेसिविर की उपलब्धता के बारे में अलग अलग माध्यमों से जानकारी प्रेषित की गई थी. लेकिन इन केंद्रों पर पहुंचकर पता चला कि यहां भी कोरोना मरीजों के परिजनों को निराशा ही हाथ लग रही है.

यहां सुबह से सैंकड़ो लोग बैरंग लौट चुके हैं. दरअसल, नॉर्थ दिल्ली के वजीरपुर इंडस्ट्रियल एरिया, लॉरेन्स रोड स्थित ब्रिटिश मेडिडील्स पर रेमडेसिविर उपलब्ध होने की जानकारी जैसे ही लोगों तक पहुंची तो अलग अलग इलाकों से लोग यहां पहुंचने शुरू हो गए. लेकिन इंजेक्शन उपलब्ध न होने के कारण उन्हें खाली हाथ ही लौटना पड़ा. परिजनों की शिकायत है कि जो फोन नंबर्स मैसेज के साथ सर्कुलेट हुए हैं वे या तो वह बंद पाए जाते हैं या कोई जवाब नहीं आता. यदि फोन पर ही उपलब्धता या अनुपलब्धता का पता चल जाये तो उन्हें दूर से आकर निराश होकर वापस नहीं जाना पड़ेगा.

अपनों को बचाने के लिए भटक रहे परिजन

यहां हमें पंजाबी बाग से आए एक ऐसे शख्स भी मिले जिन्होंने बड़ी मुश्किल से ऑक्सीजन सिलिंडर का इंतजाम किया. सिलिंडर खरीदने के बाद अगला संघर्ष ऑक्सीजन भरवाने का था लेकिन कई जगह कोशिश करने पर उन्हें ऑक्सीजन भी मिल गया. कोरोना मरीज उनके भाई को ऑक्सीजन की सख्त जरूरत थी लेकिन इंतजाम होने के बाद भी उन्हें ऑक्सीजन किट न मिल पाने के कारण वे भाई तक ऑक्सीजन नहीं पहुंचा पा रहे हैं.

इससे दवाई डिस्टिब्यूटर भी हैं परेशान हैं. ब्रिटिश मेडिडील्स के प्रबंधक राज साहनी ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि लोगों को निराश वापस भेजना उनकी मजबूरी है. दवाई कंपनियां लगातार कोशिश कर रही हैं लेकिन रेमडेसिविर की मांग में अचानक से अप्रत्याशित बढ़ोतरी के कारण वह इस बढ़ती मांग को तुरंत पूरा नहीं कर पा रहे हैं.

यह भी पढ़ें-वेंटिलेशन की जरूरत वाले मरीजों पर रेमडेसिविर प्रभावी नहीं : पीजीआई डॉक्टर

राज साहनी के मुताबिक अब तक हजारों की संख्या में वह लोगों को दवाई उपलब्ध करवा चुके हैं लेकिन बहरहाल उनके पास स्टॉक में रेमडेसिविर उपलब्ध नहीं है.

नई दिल्ली : टीम ईटीवी भारत आज नॉर्थ दिल्ली के दो ऐसे मेडिसिन सेंटर्स पर पहुंची जहां रेमडेसिविर की उपलब्धता के बारे में अलग अलग माध्यमों से जानकारी प्रेषित की गई थी. लेकिन इन केंद्रों पर पहुंचकर पता चला कि यहां भी कोरोना मरीजों के परिजनों को निराशा ही हाथ लग रही है.

यहां सुबह से सैंकड़ो लोग बैरंग लौट चुके हैं. दरअसल, नॉर्थ दिल्ली के वजीरपुर इंडस्ट्रियल एरिया, लॉरेन्स रोड स्थित ब्रिटिश मेडिडील्स पर रेमडेसिविर उपलब्ध होने की जानकारी जैसे ही लोगों तक पहुंची तो अलग अलग इलाकों से लोग यहां पहुंचने शुरू हो गए. लेकिन इंजेक्शन उपलब्ध न होने के कारण उन्हें खाली हाथ ही लौटना पड़ा. परिजनों की शिकायत है कि जो फोन नंबर्स मैसेज के साथ सर्कुलेट हुए हैं वे या तो वह बंद पाए जाते हैं या कोई जवाब नहीं आता. यदि फोन पर ही उपलब्धता या अनुपलब्धता का पता चल जाये तो उन्हें दूर से आकर निराश होकर वापस नहीं जाना पड़ेगा.

अपनों को बचाने के लिए भटक रहे परिजन

यहां हमें पंजाबी बाग से आए एक ऐसे शख्स भी मिले जिन्होंने बड़ी मुश्किल से ऑक्सीजन सिलिंडर का इंतजाम किया. सिलिंडर खरीदने के बाद अगला संघर्ष ऑक्सीजन भरवाने का था लेकिन कई जगह कोशिश करने पर उन्हें ऑक्सीजन भी मिल गया. कोरोना मरीज उनके भाई को ऑक्सीजन की सख्त जरूरत थी लेकिन इंतजाम होने के बाद भी उन्हें ऑक्सीजन किट न मिल पाने के कारण वे भाई तक ऑक्सीजन नहीं पहुंचा पा रहे हैं.

इससे दवाई डिस्टिब्यूटर भी हैं परेशान हैं. ब्रिटिश मेडिडील्स के प्रबंधक राज साहनी ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि लोगों को निराश वापस भेजना उनकी मजबूरी है. दवाई कंपनियां लगातार कोशिश कर रही हैं लेकिन रेमडेसिविर की मांग में अचानक से अप्रत्याशित बढ़ोतरी के कारण वह इस बढ़ती मांग को तुरंत पूरा नहीं कर पा रहे हैं.

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राज साहनी के मुताबिक अब तक हजारों की संख्या में वह लोगों को दवाई उपलब्ध करवा चुके हैं लेकिन बहरहाल उनके पास स्टॉक में रेमडेसिविर उपलब्ध नहीं है.

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