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Fake Visa के नाम पर बड़ा फ्रॉड... फर्जी एजेंट 2 करोड़ लेकर फरार - Nizamabad

तेलंगाना के निजामाबाद जिले में एक और फर्जीवाड़ा सामने आया है. एक फर्जी एजेंट ने बेरोजगार लोगों को कंपनी वीजा पर खाड़ी देशों में भेजने का झांसा देकर करीब दो करोड़ रुपये की ठगी कर ली.

Fake Visa
प्रतिकात्मक तस्वीर
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Published : Jan 10, 2023, 12:08 PM IST

निजामाबाद: निजामाबाद जिले में एक और गल्फ फ्रॉड का मामला सामने आया है. एक फर्जी एजेंट ने बेरोजगार लोगों को कंपनी वीजा पर खाड़ी देशों में भेजने का झांसा दिया. उसने उनसे 2 करोड़ रुपये वसूले. एजेंट की पहचान निजामाबाद जिले के शेख बशीर के रूप में हुई है. बताया गया कि एजेंट ने 6 महीने पहले आर.के. ट्रैवल्स नाम से एक दुकान खोली. उसने विज्ञापन दिया कि वह दुबई, कुवैत, सऊदी अरब, ओमान और अन्य देशों में उच्च वेतन देने वाली कंपनियों में रोजगार प्रदान करेगा.

पढ़ें: SC का जोशीमठ मामले में तुरंत सुनवाई से इनकार, 16 जनवरी को केस लिस्ट

उनकी बातों पर विश्वास करने वाले कई बेरोजगारों ने 20 हजार से 50 हजार रुपये तक का भुगतान कर दिया. उन्होंने अपने पासपोर्ट भी एजेंट को सौंप दिए. जिले में बेरोजगारों को लगा कि वह इसके मदद से गल्फ के देशों में जा सकते हैं. लोगों का मानना था कि उन्हें गल्फ में रोजगार मिल जाये तो वे वहां जा कर अच्छे पैसे कमा सकेंगे. कुछ बेरोजगार लोगों ने उसे पैसे देने शुरू कर दिए. ठगों ने एक नहीं, दो नहीं, बल्कि पांच जिलों में पैसा इकट्ठा किया. जिसमें निजामाबाद, करीमनगर, जगित्याला और निर्मल जैसे जिले शामिल थे. अनुमान है कि इस फर्जी एजेंट ने 500 से अधिक पीड़ितों से पैसे वसूले.

पढ़ें: पीएम मोदी 19 जनवरी को तेलंगाना में कई परियोजनाओं की करेंगे शुरुआत

एजेंट ने संबंधित व्यक्तियों से कहा कि पासपोर्ट मिलने के बाद वे सभी कि चिकित्सा जांच कराएंगे और जल्द ही उन्हें वीजा देंगे. उसने रोजगार, वीजा और विदेश यात्रा की तारीखों के बारे में जानकारी साझा करने के लिए उन सभी के साथ व्हाट्सएप ग्रुप बनाए. इसी क्रम में उन्होंने पिछले साल दिसंबर में इनमें से कुछ का मेडिकल टेस्ट भी कराया था. उसने लगभग सौ-सौ लोगों का समूह बनाया और प्रत्येक से एक-एक लाख रुपये वसूले.

पढ़ें: ICICI bank Videocon loan fraud case : चंदा कोचर और उनके पति जमानत पर रिहा

फर्जी एजेंट की बातों पर विश्वास कर बेरोजगार लोगों ने उसे 50-50 हजार रुपये दे दिये. एजेंट ने कहा कि वह इस महीने की 10 तारीख को वीजा जारी करेगा. लेकिन नौ जनवरी की रात उसने सभी व्हाट्सएप ग्रुप डिलीट कर दिए. लोगों ने उससे फोन पर बात करने की कोशिश की लेकिन फोन भी बंद मिला. पीड़ित सोमवार सुबह डिचपल्ली में स्थित दुकान पर गये तो उसे बी बंद पाया. अंत में पीड़ितों ने डिचपल्ली पुलिस से शिकायत की.

पढ़ें: दिल्ली सहित देश के कई राज्यों में घना कोहरा, जीरो विजिबिलिटी के चलते ट्रेनें, उड़ानें प्रभावित

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उनकी बातों पर विश्वास करने वाले कई बेरोजगारों ने 20 हजार से 50 हजार रुपये तक का भुगतान कर दिया. उन्होंने अपने पासपोर्ट भी एजेंट को सौंप दिए. जिले में बेरोजगारों को लगा कि वह इसके मदद से गल्फ के देशों में जा सकते हैं. लोगों का मानना था कि उन्हें गल्फ में रोजगार मिल जाये तो वे वहां जा कर अच्छे पैसे कमा सकेंगे. कुछ बेरोजगार लोगों ने उसे पैसे देने शुरू कर दिए. ठगों ने एक नहीं, दो नहीं, बल्कि पांच जिलों में पैसा इकट्ठा किया. जिसमें निजामाबाद, करीमनगर, जगित्याला और निर्मल जैसे जिले शामिल थे. अनुमान है कि इस फर्जी एजेंट ने 500 से अधिक पीड़ितों से पैसे वसूले.

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एजेंट ने संबंधित व्यक्तियों से कहा कि पासपोर्ट मिलने के बाद वे सभी कि चिकित्सा जांच कराएंगे और जल्द ही उन्हें वीजा देंगे. उसने रोजगार, वीजा और विदेश यात्रा की तारीखों के बारे में जानकारी साझा करने के लिए उन सभी के साथ व्हाट्सएप ग्रुप बनाए. इसी क्रम में उन्होंने पिछले साल दिसंबर में इनमें से कुछ का मेडिकल टेस्ट भी कराया था. उसने लगभग सौ-सौ लोगों का समूह बनाया और प्रत्येक से एक-एक लाख रुपये वसूले.

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फर्जी एजेंट की बातों पर विश्वास कर बेरोजगार लोगों ने उसे 50-50 हजार रुपये दे दिये. एजेंट ने कहा कि वह इस महीने की 10 तारीख को वीजा जारी करेगा. लेकिन नौ जनवरी की रात उसने सभी व्हाट्सएप ग्रुप डिलीट कर दिए. लोगों ने उससे फोन पर बात करने की कोशिश की लेकिन फोन भी बंद मिला. पीड़ित सोमवार सुबह डिचपल्ली में स्थित दुकान पर गये तो उसे बी बंद पाया. अंत में पीड़ितों ने डिचपल्ली पुलिस से शिकायत की.

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