नागपुर: सरोगेसी के नाम पर नवजात बच्ची को 7 लाख रुपये में बेचने के आरोप में नागपुर पुलिस ने एक डॉक्टर और दो लोगों को गिरफ्तार किया है. मामले में डॉक्टर ने नवजात शिशु को बेचने वालों को बताया कि बच्चे का जन्म सरोगेट मदर से हुआ है. इस संबंध में पुलिस ने डॉक्टर विलास भोयर, राहुल निमजे और नरेश राउत को गिरफ्तार किया है.
नागपुर शहर के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार (Police Commissioner Amitesh Kumar) के मुताबिक, नागपुर की एक महिला प्रेम प्रसंग में गर्भवती हो गई थी. महिला ने अनैतिक गर्भधारण के कारण अबॉर्शन के लिए आरोपी डॉक्टर विलास भोयर से संपर्क किया था. इस बीच, डॉक्टर को पता चला कि हैदराबाद का एक दंपति सरोगेसी के जरिए बच्चा पैदा करना चाहता था क्योंकि उनके बच्चे नहीं थे. इसके बाद डॉक्टर ने महिला को बच्चा पैदा करने के लिए राजी किया, जिसका अर्थ था कि उसे काम के लिए बड़ी रकम मिलेगी. वहीं महिला के बच्चे को जन्म देने के लिए तैयार होने के बाद आरोपी डॉक्टर ने हैदराबाद में दंपति से संपर्क किया और उन्हें बताया कि एक महिला सरोगेसी के लिए तैयार है. इसके एवज में डॉक्टर ने दंपति से सात लाख रुपये लिए थे.
दंपति का डॉक्टर द्वारा इलाज किया गया और शुक्राणु आदि लिए गए जिससे दंपति को किसी तरह का संदेह न हो. इसी क्रम में 28 जनवरी को महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया. वहीं डॉक्टर ने नवजात बच्ची के बारे में झूठे दस्तावेज तैयार किए और सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद नवजात बच्ची को 7 लाख रुपये लेकर हैदराबाद के एक दंपत्ति को बेच दिया.
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मामले में पुलिस के सूचना मिली थी कि एक डॉक्टर ने एक नवजात बच्ची को सात लाख रुपये में बेच दिया है. इस पर पुलिस ने शिकायत की जांच बेहद गोपनीय तरीके से की. जिसके बाद आरोपों के तथ्य में सत्यता पाए जाने के बाद पुलिस ने तुरंत एक टीम हैदराबाद भेजी और नवजात बेटी के साथ दंपति को नागपुर लाया गया है. इसी आधार पर डॉ. विलास भोयर समेत अन्य लोगों की भी गिरफ्तारी की गई.