चंडीगढ़ : सेना के बम निरोधक विशेषज्ञों ने चंडीगढ़ में मिले विस्फोटक को मंगलवार को उस स्थान से हटा दिया, जहां इसे रखा गया था. विशेषज्ञ इसे विश्लेषण के लिए अपने साथ ले गए (Experts from Army remove live bombshell from Chandigarh site). यह विस्फोटक सोमवार को पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों के हेलीकॉप्टर के लिए उपयोग में लाए गए हेलीपैड के पास बरामद हुआ था. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.
चंडीगढ़ के आपदा प्रबंधन नोडल अधिकारी संजीव कोहली ने संवाददाताओं को बताया कि सुबह सेना के बम निरोधक विशेषज्ञ जांच के सिलसिले में मौके पर पहुंचे थे. निरीक्षण करने के बाद विशेषज्ञों ने विस्फोटक को अपने साथ ले जाने का निर्णय लिया.
विस्फोटक के निष्क्रिय नहीं होने के सवाल पर उन्होंने कहा, 'सेना की विशेषज्ञ टीम ने यह फैसला लिया. वे इसे विश्लेषण करने के लिए नजदीक ही सेना की उत्तरी कमान ले जा रहे हैं. यह उनकी प्रक्रिया का तकनीकी हिस्सा है जिसके बाद वे इसे निष्क्रिय कर देंगे.'
विस्फोटक को सैन्य वाहन में ले जाते हुए देखा गया, जिसके साथ पुलिस की गाड़ियां भी थीं. मौके पर मौजूद एक अन्य अधिकारी ने कहा, 'लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विस्फोटक को पहले किसी निर्जन स्थान पर रखा जाएगा.' विशेषज्ञों ने उस जगह से विस्फोटक को हटाने के लिए एक रोबोटिक उपकरण का उपयोग किया था, जहां इसे सुरक्षित रखा गया था.
सेना के विशेषज्ञों और बम निरोधक दस्ते के अधिकारियों ने पुलिस के घेरे में सुरक्षा के बीच विस्फोटक का निरीक्षण किया. इस दौरान मौके पर दमकल विभाग की एक गाड़ी और एम्बुलेंस भी मौजूद थी. विस्फोटक को हटाने से पहले विशेषज्ञ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से चर्चा करते भी नजर आए. जिस इलाके में यह विस्फोटक बरामद हुआ है, वह चंडीगढ़-पंजाब सीमा के पास चंडीगढ़ क्षेत्र में आता है.
सोमवार को यह विस्फोटक नयागांव-कंसल टी-पॉइंट पर आम के बाग में पाया गया था. इस जगह से लगभग एक किलोमीटर दूर हेलीपैड है और लगभग दो किलोमीटर दूर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान तथा हरियाणा में उनके समकक्ष मनोहर लाल खट्टर के आधिकारिक आवास हैं. सूत्रों ने बताया कि इस संबंध में पुलिस ने आसपास के इलाकों में कई कबाड़ी वालों समेत विभिन्न लोगों से पूछताछ की. अति-संवेदनशील इलाके में बम जैसी वस्तु के मिलने की सूचना मिलते ही पुलिस अधिकारियों ने मौके पर जाकर क्षेत्र की घेराबंदी कर दी थी. स्थानीय प्रशासन ने बाद में सेना को सूचित किया.
चंडीगढ़ के आपदा प्रबंधन नोडल अधिकारी संजीव कोहली ने इससे पहले कहा था, 'हमने मौके पर आकर जांच की तो पता चला कि यह विस्फोटक है. हमने पूरे इलाके की जांच कर ली है. यह जांच का विषय है कि विस्फोटक यहां कैसे पहुंचा.' उन्होंने बताया कि पुलिस और बम निरोधक दस्ते की सहायता से विस्फोटक को एक ड्रम में रख दिया गया और उसे रेत की बोरियों से ढक कर सेना को सूचित कर दिया गया.
कोहली के अनुसार, कबाड़ बीनने वालों द्वारा इसे यहां फेंके जाने की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता. इससे पहले भी कबाड़ व्यापारियों के सैन्य फायरिंग रेंज के क्षेत्र से उपयोग की गई गोलियों के खोल इकट्ठा करने के मामले आए हैं. उन्होंने बताया कि इलाके में कई कबाड़ कारोबारी हैं जिनसे पूछताछ की जा रही है. पंजाब के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) एके पांडे ने सोमवार को घटनास्थल का मुआयना करने के बाद कहा था कि 'प्रतीत होता है कि निशाना चूकने से यह विस्फोटक संभवत: यहां गिरा.'
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