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स्वच्छ गंगा राष्ट्रीय मिशन : 1145 करोड़ की 14 परियोजनाओं को मंजूरी

जल शक्ति मंत्रालय ने शनिवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि स्वच्छ गंगा राष्ट्रीय मिशन (एनएमसीजी) ने सीवरेज प्रबंधन, औद्योगिक प्रदूषण उन्मूलन, जैव विविधता संरक्षण, वनीकरण, रिवर फ्रंट विकास और विकेंद्रीकृत अपशिष्ट जल उपचार से संबंधित 14 परियोजनाओं को मंजूरी दी है.

स्वच्छ गंगा राष्ट्रीय मिशन
स्वच्छ गंगा राष्ट्रीय मिशन
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Published : Oct 1, 2022, 2:27 PM IST

नई दिल्ली: जल शक्ति मंत्रालय ने शनिवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि स्वच्छ गंगा राष्ट्रीय मिशन (एनएमसीजी) ने सीवरेज प्रबंधन, औद्योगिक प्रदूषण उन्मूलन, जैव विविधता संरक्षण, वनीकरण, रिवर फ्रंट विकास और विकेंद्रीकृत अपशिष्ट जल उपचार से संबंधित 14 परियोजनाओं को मंजूरी दी है. इन परियोजनाओं की अनुमानित लागत लगभग 1145 करोड़ रुपये है. इनमें पांच मुख्य गंगा बेसिन राज्यों - उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में सीवरेज प्रबंधन की आठ परियोजनाएं शामिल हैं.

सीवरेज प्रबंधन के लिए उत्तर प्रदेश में 55 एमएलडी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का निर्माण कर वाराणसी में अस्सी नाले सहित चार परियोजनाओं के लिए 308.09 करोड़ को मंजूरी दी गई है. उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के लिए सीवरेज प्रबंधन की एक-एक परियोजना को भी मंजूरी दी गई है. जिसमें रामगढ़ शहर, झारखंड में आवश्यक सहायक बुनियादी ढांचे, स्काडा और ऑनलाइन निगरानी प्रणाली आदि सहित 2 एसटीपी (17 एमएलडी और 23 एमएलडी) का निर्माण 284.80 करोड़ रुपये की लागत से शामिल है.

पढ़ें: जल शक्ति मंत्रालय के लिए ऐतिहासिक रहा 2021: शेखावत

67.06 करोड़ की लागत से केओरापुकुर, पश्चिम बंगाल में 50 एमएलडी एसटीपी का निर्माण और मौजूदा संरचनाओं के नवीनीकरण संबंधी योजना को मंजूरी दी गई है. 24.97 करोड़ की अनुमानित लागत पर उत्तर प्रदेश के चार जिलों - हापुड़, बुलंदशहर, बदायूं और मिर्जापुर में चार जैव विविधता पार्कों की स्थापना के लिए एक बड़ी परियोजना को भी स्वीकृत किया गया है. सभी चार स्थान गंगा के बाढ़ के मैदानों के साथ स्थित हैं. जैव विविधता पार्क देशी पौधों और जानवरों की प्रजातियों के संयोजन के साथ जंगल का अनूठा परिदृश्य भी प्रदान करेंगे. जहां एक क्षेत्र में बनाए गए आत्मनिर्भर जैविक समुदायों का निर्माण होगा.

एक बयान में कहा गया है कि गंगा जैव विविधता पार्कों के समग्र परिणाम से पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं, जैव विविधता और बेसिन पैमाने पर गंगा नदी के कायाकल्प को बनाए रखने में मदद मिलेगी. आयोग ने गंगा बेसिन राज्यों में विकेंद्रीकृत अपशिष्ट जल उपचार प्रणालियों की स्थापना के लिए 45 करोड़ रुपये के सांकेतिक धन को भी मंजूरी दी. उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के लिए फंड को 10-10 करोड़ रुपये और झारखंड को 5 करोड़ रुपये दिये जायेंगे. NMCG के महानिदेशक अध्यक्षता में कार्यकारी समिति की 45 वीं बैठक में यह फैसला लिया गया है.

नई दिल्ली: जल शक्ति मंत्रालय ने शनिवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि स्वच्छ गंगा राष्ट्रीय मिशन (एनएमसीजी) ने सीवरेज प्रबंधन, औद्योगिक प्रदूषण उन्मूलन, जैव विविधता संरक्षण, वनीकरण, रिवर फ्रंट विकास और विकेंद्रीकृत अपशिष्ट जल उपचार से संबंधित 14 परियोजनाओं को मंजूरी दी है. इन परियोजनाओं की अनुमानित लागत लगभग 1145 करोड़ रुपये है. इनमें पांच मुख्य गंगा बेसिन राज्यों - उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में सीवरेज प्रबंधन की आठ परियोजनाएं शामिल हैं.

सीवरेज प्रबंधन के लिए उत्तर प्रदेश में 55 एमएलडी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का निर्माण कर वाराणसी में अस्सी नाले सहित चार परियोजनाओं के लिए 308.09 करोड़ को मंजूरी दी गई है. उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के लिए सीवरेज प्रबंधन की एक-एक परियोजना को भी मंजूरी दी गई है. जिसमें रामगढ़ शहर, झारखंड में आवश्यक सहायक बुनियादी ढांचे, स्काडा और ऑनलाइन निगरानी प्रणाली आदि सहित 2 एसटीपी (17 एमएलडी और 23 एमएलडी) का निर्माण 284.80 करोड़ रुपये की लागत से शामिल है.

पढ़ें: जल शक्ति मंत्रालय के लिए ऐतिहासिक रहा 2021: शेखावत

67.06 करोड़ की लागत से केओरापुकुर, पश्चिम बंगाल में 50 एमएलडी एसटीपी का निर्माण और मौजूदा संरचनाओं के नवीनीकरण संबंधी योजना को मंजूरी दी गई है. 24.97 करोड़ की अनुमानित लागत पर उत्तर प्रदेश के चार जिलों - हापुड़, बुलंदशहर, बदायूं और मिर्जापुर में चार जैव विविधता पार्कों की स्थापना के लिए एक बड़ी परियोजना को भी स्वीकृत किया गया है. सभी चार स्थान गंगा के बाढ़ के मैदानों के साथ स्थित हैं. जैव विविधता पार्क देशी पौधों और जानवरों की प्रजातियों के संयोजन के साथ जंगल का अनूठा परिदृश्य भी प्रदान करेंगे. जहां एक क्षेत्र में बनाए गए आत्मनिर्भर जैविक समुदायों का निर्माण होगा.

एक बयान में कहा गया है कि गंगा जैव विविधता पार्कों के समग्र परिणाम से पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं, जैव विविधता और बेसिन पैमाने पर गंगा नदी के कायाकल्प को बनाए रखने में मदद मिलेगी. आयोग ने गंगा बेसिन राज्यों में विकेंद्रीकृत अपशिष्ट जल उपचार प्रणालियों की स्थापना के लिए 45 करोड़ रुपये के सांकेतिक धन को भी मंजूरी दी. उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के लिए फंड को 10-10 करोड़ रुपये और झारखंड को 5 करोड़ रुपये दिये जायेंगे. NMCG के महानिदेशक अध्यक्षता में कार्यकारी समिति की 45 वीं बैठक में यह फैसला लिया गया है.

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