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देसी टीका कोवैक्सीन की प्रक्रिया की पूरी तस्वीर आई सामने

कोरोना महामारी से बचाव के लिए विकसित किए जा रहे टीकों में स्वदेशी टीका कोवैक्सीन सुर्खियों में है. टीकों के प्रयोग से पहले क्लीनिकल ट्रायल भी हो रहे हैं. कोवैक्सीन के ट्रायल के दौरान हरियाणा में प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर डॉ. एके पांडे ने ईटीवी भारत को भारत बायोटेक की को-वैक्सीन दिखाई. ये वही वैक्सीन है जो आने वाले समय में लोगों को लगाई जाएगी.

स्वदेशी कोरोना टीका कोवैक्सीन
स्वदेशी कोरोना टीका कोवैक्सीन
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Published : Jan 7, 2021, 10:36 PM IST

फरीदाबाद: को-वैक्सीन को लेकर देश के 26 क्लिनिकल ट्रायल सेंटर पर चल रहे परीक्षण का पहला फेज पूरा हो चुका है. पहले फेज में हरियाणा के फरीदाबाद में 1200 लोगों को डोज दी गई है. बताया जा रहा है कि जनवरी के अंत तक दूसरी डोज भी दे दी जाएगी. यह पूरी तरह से सुरक्षित और सफल रहा है. आईसीएमआर और भारत बायोटेक की तरफ से को-वैक्सीन बनाई जा रही है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

जनवरी के अंत तक दे दी जाएगी दूसरी डोज

फरीदाबाद के ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज में क्लीनिकल ट्रायल सेंटर में लोगों को को-वैक्सीन की पहली डोज दी जा चुकी है. सभी लोगों पर इसका सकारात्मक प्रभाव रहा है और जनवरी के अंत तक इसकी दूसरी डोज भी लोगों को दे दी जाएगी. बता दें कि यह पूरी तरह से स्वदेशी वैक्सीन है. जिसको आईसीएमआर भारत बायोटेक के द्वारा बनाया जा रहा है.

डॉ. एके पांडे ने कैमरे पर दिखाई को-वैक्सीन

ईटीवी भारत ने ईएसआई मेडिकल कॉलेज में क्लीनिकल ट्रायल के प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर डॉ. एके पांडे से खास बातचीत की. इस बातचीत के दौरान डॉ. एके पांडे ने पहली बार को-वैक्सीन को कैमरे पर दिखाया. ये वही वैक्सीन है जो आने वाले समय में लोगों को लगेगी.

ये पढ़ें- उत्तर भारत में करनाल बना कोरोना वैक्सीन का सेंट्रल स्टोर, जानें कैसे आपके शहर तक पहुंचेगी वैक्सीन

डॉ. एके पांडे ने बताया कि भारतीय को-वैक्सीन दुनिया की सबसे सुरक्षित वैक्सीन है. आज तक देश में सबसे बड़ा ट्रायल इस वैक्सीन को लेकर किया गया है. उन्होंने कहा की यह वैक्सीन सुरक्षा के मानकों को पूरी तरह से पूरा करती है और अब इसको सरकार के द्वारा इमरजेंसी मंजूरी मिल चुकी है.

फरीदाबाद: को-वैक्सीन को लेकर देश के 26 क्लिनिकल ट्रायल सेंटर पर चल रहे परीक्षण का पहला फेज पूरा हो चुका है. पहले फेज में हरियाणा के फरीदाबाद में 1200 लोगों को डोज दी गई है. बताया जा रहा है कि जनवरी के अंत तक दूसरी डोज भी दे दी जाएगी. यह पूरी तरह से सुरक्षित और सफल रहा है. आईसीएमआर और भारत बायोटेक की तरफ से को-वैक्सीन बनाई जा रही है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

जनवरी के अंत तक दे दी जाएगी दूसरी डोज

फरीदाबाद के ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज में क्लीनिकल ट्रायल सेंटर में लोगों को को-वैक्सीन की पहली डोज दी जा चुकी है. सभी लोगों पर इसका सकारात्मक प्रभाव रहा है और जनवरी के अंत तक इसकी दूसरी डोज भी लोगों को दे दी जाएगी. बता दें कि यह पूरी तरह से स्वदेशी वैक्सीन है. जिसको आईसीएमआर भारत बायोटेक के द्वारा बनाया जा रहा है.

डॉ. एके पांडे ने कैमरे पर दिखाई को-वैक्सीन

ईटीवी भारत ने ईएसआई मेडिकल कॉलेज में क्लीनिकल ट्रायल के प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर डॉ. एके पांडे से खास बातचीत की. इस बातचीत के दौरान डॉ. एके पांडे ने पहली बार को-वैक्सीन को कैमरे पर दिखाया. ये वही वैक्सीन है जो आने वाले समय में लोगों को लगेगी.

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डॉ. एके पांडे ने बताया कि भारतीय को-वैक्सीन दुनिया की सबसे सुरक्षित वैक्सीन है. आज तक देश में सबसे बड़ा ट्रायल इस वैक्सीन को लेकर किया गया है. उन्होंने कहा की यह वैक्सीन सुरक्षा के मानकों को पूरी तरह से पूरा करती है और अब इसको सरकार के द्वारा इमरजेंसी मंजूरी मिल चुकी है.

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