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देशमुख की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, परमबीर की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई

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Published : Mar 24, 2021, 6:48 AM IST

Updated : Mar 24, 2021, 7:29 AM IST

महाराष्ट्र में सियासी तूफान थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे को लिखे आठ पन्नों के एक पत्र में दावा किया था कि देशमुख चाहते थे कि पुलिस अधिकारी बार और होटलों से हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करें. आज सुप्रीम कोर्ट में देशमुख के खिलाफ परमबीर की याचिका पर सुनवाई होनी है.

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देशमुख के खिलाफ CBI जांच

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ 'निष्पक्ष एवं स्वतंत्र' सीबीआई जांच की मांग करने वाली मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह की याचिका पर बुधवार यानी की आज सुनवाई करेगा.

मामलों की सुनवाई सूची न्यायालय की वेबसाइट पर उपलब्ध कराई गई है, जिसके अनुसार सिंह की याचिका सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति आर एस रेड्डी की पीठ के समक्ष आएगी.

सिंह, 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. उन्होंने याचिका के जरिए न्यायालय से मुंबई के पुलिस आयुक्त पद से उनके तबादले को 'मनमाना' और 'गैरकानूनी' होने का आरोप लगाते हुए इस आदेश को रद्द करने का भी अनुरोध किया है.

सिंह ने एक अंतरिम राहत के तौर पर अपने तबादला आदेश पर रोक लगाने और राज्य सरकार, केंद्र तथा सीबीआई को देशमुख के आवास की सीसीटीवी फुटेज फौरन कब्जे में लेने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया है.

उन्होंने अपनी याचिका में कहा है, याचिकाकर्ता ने साक्ष्यों को नष्ट कर दिये जाने से पहले, महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के कदाचार की पूर्वाग्रह रहित, अप्रभावित, निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच कराने का इस अदालत से अनुरोध करते हुए रिट अधिकार क्षेत्र का सहारा लिया है.

सिंह ने आरोप लगाया है, देशमुख ने अपने आवास पर फरवरी 2021 में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की अनदेखी करते हुए अपराध खुफिया इकाई, मुंबई के सचिन वाजे और समाज सेवा शाखा, मुंबई के एसीपी संजय पाटिल सहित अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की तथा उन्हें हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करने का लक्ष्य दिया था. साथ ही, विभिन्न प्रतिष्ठानों एवं अन्य स्रोतों से भी उगाही करने का निर्देश दिया था.

सिंह ने कहा है कि इस बारे में विश्वसनीय जानकारी है कि टेलीफोन बातचीत की निगरानी के आधार पर पदस्थापना/तबादला में देशमुख के कदाचार को 24-25 अगस्त 2020 को राज्य खुफिया विभाग की खुफिया आयुक्त रश्मि शुक्ला ने पुलिस महानिदेशक के संज्ञान में लाया था, जिन्होंने इससे अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह विभाग, महाराष्ट्र सरकार को अवगत कराया था.

उन्होंने कहा कि इसके बाद 17 मार्च को महाराष्ट्र सरकार की एक अधिसूचना के जरिये उनका मुंबई के पुलिस आयुक्त पद से होम गार्ड विभाग में मनमाने और गैरकानूनी तरीके से तबादला कर दिया गया, जबकि उन्होंने उस पद पर दो साल का न्यूनतम निधार्रित कार्यकाल भी पूरा नहीं किया था.

पढ़ें : संजय राउत ने कहा- ...मुश्किल होगा सरकार चलाना, एजेंसियों के दुरुपयोग पर खुद भी जलेंगे

सिंह ने उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के पास 25 फरवरी को एक संदिग्ध कार मिलने का जिक्र करते हुए कहा कि इस मामले की जांच अब एनएआई कर रही है. वाहन से जिलेटिन की 20 छड़ें बरामद हुई थीं.

महाराष्ट्र के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने मंगलवार को कहा कि निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे कारोबारी मनसुख हिरन की हत्या के मामले में प्रमुख आरोपी है और उसकी हिरासत मांगने के लिए यहां एनआईए अदालत से संपर्क किया जाएगा.

एटीएस प्रमुख जयजीत सिंह ने यहां कहा कि मामले में और भी लोग गिरफ्तार किए जा सकते हैं.

इस बीच, महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने मंगलवार शाम मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से उनके आधिकारिक आवास पर मुलाकात की.

उधर, राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने दिल्ली में केंद्रीय गृह सचिव से मुलाकात की और महाराष्ट्र पुलिस में तबादलों संबंधी कथित भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच की मांग की.

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ 'निष्पक्ष एवं स्वतंत्र' सीबीआई जांच की मांग करने वाली मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह की याचिका पर बुधवार यानी की आज सुनवाई करेगा.

मामलों की सुनवाई सूची न्यायालय की वेबसाइट पर उपलब्ध कराई गई है, जिसके अनुसार सिंह की याचिका सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति आर एस रेड्डी की पीठ के समक्ष आएगी.

सिंह, 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. उन्होंने याचिका के जरिए न्यायालय से मुंबई के पुलिस आयुक्त पद से उनके तबादले को 'मनमाना' और 'गैरकानूनी' होने का आरोप लगाते हुए इस आदेश को रद्द करने का भी अनुरोध किया है.

सिंह ने एक अंतरिम राहत के तौर पर अपने तबादला आदेश पर रोक लगाने और राज्य सरकार, केंद्र तथा सीबीआई को देशमुख के आवास की सीसीटीवी फुटेज फौरन कब्जे में लेने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया है.

उन्होंने अपनी याचिका में कहा है, याचिकाकर्ता ने साक्ष्यों को नष्ट कर दिये जाने से पहले, महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के कदाचार की पूर्वाग्रह रहित, अप्रभावित, निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच कराने का इस अदालत से अनुरोध करते हुए रिट अधिकार क्षेत्र का सहारा लिया है.

सिंह ने आरोप लगाया है, देशमुख ने अपने आवास पर फरवरी 2021 में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की अनदेखी करते हुए अपराध खुफिया इकाई, मुंबई के सचिन वाजे और समाज सेवा शाखा, मुंबई के एसीपी संजय पाटिल सहित अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की तथा उन्हें हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करने का लक्ष्य दिया था. साथ ही, विभिन्न प्रतिष्ठानों एवं अन्य स्रोतों से भी उगाही करने का निर्देश दिया था.

सिंह ने कहा है कि इस बारे में विश्वसनीय जानकारी है कि टेलीफोन बातचीत की निगरानी के आधार पर पदस्थापना/तबादला में देशमुख के कदाचार को 24-25 अगस्त 2020 को राज्य खुफिया विभाग की खुफिया आयुक्त रश्मि शुक्ला ने पुलिस महानिदेशक के संज्ञान में लाया था, जिन्होंने इससे अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह विभाग, महाराष्ट्र सरकार को अवगत कराया था.

उन्होंने कहा कि इसके बाद 17 मार्च को महाराष्ट्र सरकार की एक अधिसूचना के जरिये उनका मुंबई के पुलिस आयुक्त पद से होम गार्ड विभाग में मनमाने और गैरकानूनी तरीके से तबादला कर दिया गया, जबकि उन्होंने उस पद पर दो साल का न्यूनतम निधार्रित कार्यकाल भी पूरा नहीं किया था.

पढ़ें : संजय राउत ने कहा- ...मुश्किल होगा सरकार चलाना, एजेंसियों के दुरुपयोग पर खुद भी जलेंगे

सिंह ने उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के पास 25 फरवरी को एक संदिग्ध कार मिलने का जिक्र करते हुए कहा कि इस मामले की जांच अब एनएआई कर रही है. वाहन से जिलेटिन की 20 छड़ें बरामद हुई थीं.

महाराष्ट्र के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने मंगलवार को कहा कि निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे कारोबारी मनसुख हिरन की हत्या के मामले में प्रमुख आरोपी है और उसकी हिरासत मांगने के लिए यहां एनआईए अदालत से संपर्क किया जाएगा.

एटीएस प्रमुख जयजीत सिंह ने यहां कहा कि मामले में और भी लोग गिरफ्तार किए जा सकते हैं.

इस बीच, महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने मंगलवार शाम मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से उनके आधिकारिक आवास पर मुलाकात की.

उधर, राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने दिल्ली में केंद्रीय गृह सचिव से मुलाकात की और महाराष्ट्र पुलिस में तबादलों संबंधी कथित भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच की मांग की.

Last Updated : Mar 24, 2021, 7:29 AM IST
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