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जोशीमठ आपदा का पहला वीडियो दिखाने वाले व्यक्ति से ईटीवी भारत की बातचीत - eyewitness of Joshimath disaster

जोशीमठ आपदा का सबसे पहले वीडियो वायरल कर शासन-प्रशासन को सूचना देने वाले मनवर सिंह से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. जानिए, मनवर की जुबानी, आपदा की कहानी.

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Published : Feb 9, 2021, 4:21 PM IST

चमोली : उत्तराखंड के चलोमी जिले के रैणी गांव और तपोवन में सात फरवरी को ग्लेशियर टूटने से आई आपदा ने हड़कंप मचा दिया. आज हम आपको उस शख्स से मिलवाने जा रहे हैं, जिन्होंने सबसे पहले इस सैलाब का वीडियो अपने कैमरे में कैद किया और सोशल मीडिया पर वायरल कर एक बड़े खतरे की जानकारी शासन-प्रशासन को दी.

मनवर सिंह से ईटीवी भारत की बातचीत

हम बात कर रहे हैं रैणी गांव निवासी मनवर सिंह की. मनवर से ईटीवी भारत-उत्तराखंड के ब्यूरो चीफ किरनकांत शर्मा ने खास बातचीत की. मनवर ने बताया, 'सात फरवरी की सुबह करीब 10 बजकर 39 मिनट पर जब मैं अपने ऑफिस मीटिंग के लिए जा रहा था, तभी लोगों की जोर-जोर से चिल्लाने की आवाज सुनाई दी. पहले मुझे लगा कि कोई चट्टान खिसक गई है. जब मैंने पहाड़ी पर जाकर देखा तो सामने पहाड़ों से सैलाब आता दिखाई दिया.'

उन्होंने कहा, 'पानी का सैलाब देखकर मैंने सबसे पहले जिला आपदा अधिकारी को फोन किया. उनका फोन नहीं लगा. तब मैंने फेसबुक लाइव किया. साथ ही इस आपदा के बारे जानकारी दी कि तपोवन में कोई ताल टूटा है, जिसके कारण विष्णुप्रयाग धौलीगंगा नदी में सैलाब आया हुआ है. भयंकर तबाही का मंजर दिखाई दे रहा है.'

इतना ही नहीं मनवर ने श्रीनगर, चमोली और कर्णप्रयाग में अपने मित्रों को इसकी सूचना दी. साथ ही उनसे अपने-अपने क्षेत्र में प्रशासन को सूचना देकर अलर्ट जारी कराने को कहा.

पढ़ें - उत्तराखंड ग्लेशियर हादसे के तीसरे दिन भी रेस्क्यू जारी, अबतक 31 की मौत

उसके बाद मनवर रैणी गांव पहुंचे जहां का भयंकर दृश्य देखकर वह सिहर गए, लेकिन इस दौरान भी उन्होंने तबाही की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर कीं, ताकि प्रशासन तक जल्द से जल्द सूचना पहुंच सके. सैलाब इतना भयानक था कि ऋषिगंगा प्रोजेक्ट और नीति पुल पूरी तरह से ध्वस्त हो गए.

वहीं, मनवर को इस बात का दुख भी है कि हम लोगों को बचा नहीं पाए. चंद सेकंडों में सैलाब ने कई लोगों की जान ले ली. उन्होंने कहा कि पौने ग्यारह बजे के करीब यह घटना हुई और 2 बजे के करीब प्रशासन घटना स्थल पर पहुंचा.

चमोली : उत्तराखंड के चलोमी जिले के रैणी गांव और तपोवन में सात फरवरी को ग्लेशियर टूटने से आई आपदा ने हड़कंप मचा दिया. आज हम आपको उस शख्स से मिलवाने जा रहे हैं, जिन्होंने सबसे पहले इस सैलाब का वीडियो अपने कैमरे में कैद किया और सोशल मीडिया पर वायरल कर एक बड़े खतरे की जानकारी शासन-प्रशासन को दी.

मनवर सिंह से ईटीवी भारत की बातचीत

हम बात कर रहे हैं रैणी गांव निवासी मनवर सिंह की. मनवर से ईटीवी भारत-उत्तराखंड के ब्यूरो चीफ किरनकांत शर्मा ने खास बातचीत की. मनवर ने बताया, 'सात फरवरी की सुबह करीब 10 बजकर 39 मिनट पर जब मैं अपने ऑफिस मीटिंग के लिए जा रहा था, तभी लोगों की जोर-जोर से चिल्लाने की आवाज सुनाई दी. पहले मुझे लगा कि कोई चट्टान खिसक गई है. जब मैंने पहाड़ी पर जाकर देखा तो सामने पहाड़ों से सैलाब आता दिखाई दिया.'

उन्होंने कहा, 'पानी का सैलाब देखकर मैंने सबसे पहले जिला आपदा अधिकारी को फोन किया. उनका फोन नहीं लगा. तब मैंने फेसबुक लाइव किया. साथ ही इस आपदा के बारे जानकारी दी कि तपोवन में कोई ताल टूटा है, जिसके कारण विष्णुप्रयाग धौलीगंगा नदी में सैलाब आया हुआ है. भयंकर तबाही का मंजर दिखाई दे रहा है.'

इतना ही नहीं मनवर ने श्रीनगर, चमोली और कर्णप्रयाग में अपने मित्रों को इसकी सूचना दी. साथ ही उनसे अपने-अपने क्षेत्र में प्रशासन को सूचना देकर अलर्ट जारी कराने को कहा.

पढ़ें - उत्तराखंड ग्लेशियर हादसे के तीसरे दिन भी रेस्क्यू जारी, अबतक 31 की मौत

उसके बाद मनवर रैणी गांव पहुंचे जहां का भयंकर दृश्य देखकर वह सिहर गए, लेकिन इस दौरान भी उन्होंने तबाही की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर कीं, ताकि प्रशासन तक जल्द से जल्द सूचना पहुंच सके. सैलाब इतना भयानक था कि ऋषिगंगा प्रोजेक्ट और नीति पुल पूरी तरह से ध्वस्त हो गए.

वहीं, मनवर को इस बात का दुख भी है कि हम लोगों को बचा नहीं पाए. चंद सेकंडों में सैलाब ने कई लोगों की जान ले ली. उन्होंने कहा कि पौने ग्यारह बजे के करीब यह घटना हुई और 2 बजे के करीब प्रशासन घटना स्थल पर पहुंचा.

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