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भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल ने कहा- पेरिस ओलंपिक में लहराएगा तिरंगा

टोक्यो ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन कर भारतीय महिला हॉकी टीम देश लौट आई है. टोक्यो ओलंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम ने काफी कुछ सीखा है. इस एक्सपीरियंस का फायदा आने वाले सालों में होगा. महिला हॉकी टीम के खिलाड़ियों का कहना है कि देश के लिये 2024 ओलंपिक में पदक जीतने का प्रयास रहेगा.

टोक्यो
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Published : Aug 10, 2021, 8:54 PM IST

Updated : Aug 10, 2021, 9:44 PM IST

नई दिल्लीः टोक्यो ओलंपिक में इस बार भारतीय महिला हॉकी टीम ने जबरदस्त प्रदर्शन कर इतिहास के पन्नों में अपना नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज करा लिया है.

दरअसल, इस बार भारतीय महिला हॉकी टीम ओलंपिक में सेमीफाइनल तक पहुंची थी, जो इतिहास में पहली बार हुआ था. इसके बाद महिला हॉकी टीम को बधाई देने वालाें का सोशल मीडिया पर तांता लग गया. लोग टीम को मशहूर फिल्म चक दे इंडिया की महिला हॉकी टीम से कंपेयर भी करने लगे थे.

पेरिस ओलंपिक में लहराएगा तिरंगा

भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल ने ईटीवी भारत के साथ हुए स्पेशल इंटरव्यू में बताया कि इस बार का ओलंपिक भारतीय महिला टीम के लिए बेहद शानदार रहा है. किसी को भी भारतीय महिला हॉकी टीम से इस तरह के शानदार खेल की उम्मीद नहीं थी, लेकिन टीम को पूरा कॉन्फिडेंस था और यूरोपियन टीम के साथ मैच होने के बाद टीम का हौसला न सिर्फ बढ़ा, बल्कि प्रदर्शन में भी लगातार सुधार हुआ. हालांकि, पदक जीतने में कामयाबी न मिलने की वजह से थोड़े निराश जरूर हैं, लेकिन हौसले बुलंद हैं.

रानी रामपाल ने बताया कि टोक्यो ओलंपिक के दौरान सभी खिलाड़ियों में काफी अच्छी फील थी. इसके चलते सेमीफाइनल तक पहुंचे. हालांकि, पदक नहीं जीत पाए, लेकिन इस बार के ओलंपिक में प्रदर्शन से न सिर्फ पूरी टीम का कॉन्फिडेंस बढ़ेगा, बल्कि आने वाले टूर्नामेंट के प्रदर्शन में भी सुधार देखने को मिलेगा.

भारतीय महिला हॉकी टीम ने अपने प्रदर्शन से देश भर में महिला खिलाड़ियाें को प्रेरित किया है. यूरोपियन देशों की महिला टीम भारतीय महिला हॉकी टीम से काफी मजबूत है, लेकिन जब से टीम से साउथ अफ्रीकन कोच जुड़े हैं, तब से टीम की फिटनेस में काफी इंप्रूवमेंट हुई.

ओलंपिक में दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीमों के साथ मैच खेल कर, टीम का कॉन्फिडेंस चरम पर है. इसका असर आने वाले टूर्नामेंट में विश्व स्तरीय टीमों के खिलाफ मैच में भी दिखेगा. टीम इंडिया जीत दर्ज करने का पूरा प्रयास करेगी.

ओलंपिक के बाद यह भी पता लग गया है कि किस टीम की क्या गेम है और विपक्षी टीम को कैसे टैकल करना है. आने वाले चार वर्षों में भारतीय महिला हॉकी टीम सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की कोशिश करेगी, ताकि पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर सकें और देश के लिए पदक जीत सकें.

राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड किये जाने पर रानी रामपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बहुत अच्छा फैसला किया है. यह गर्व की बात है कि हॉकी प्लेयर हूं और हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद के नाम पर खेल रत्नअवॉर्ड का नाम रखा गया है.

भारतीय महिला हॉकी टीम के कोच शॉर्ड मारिन ने कहा कि किसी ने भी यह एक्सपैक्ट नहीं किया था कि भारतीय महिला हॉकी टीम इस कदर खेल में इंप्रूवमेंट करके, विराेधियाें को चौंका देगी और सेमीफाइनल तक पहुंच पाएगी.

भारतीय महिला हॉकी टीम पूरे टूर्नामेंट में डार्क हॉर्स की तरह खेली है, जो काबिले तारीफ है. पिछले कुछ सालों में टीम ने परफॉर्मेंस में जबरदस्त सुधार किया है, बल्कि खिलाड़ियों में कॉन्फिडेंस भी काफी ज्यादा बढ़ा है.

शॉर्ड मारिन ने कहा कि जब आप से किसी को एक्सपेक्टेशन नहीं होती, तो आपके ऊपर खेल के दौरान परफॉर्म करने का दबाव भी कम होता है. इसकी वजह से खिलाड़ी अच्छा परफॉर्म कर पाते हैं. ओलंपिक विश्व में होने वाले सभी प्रकार के खेल प्रतियोगिताओं में से सबसे मुश्किल होता है. पूरे विश्व भर के खिलाड़ी और टीम भाग लेती हैं. ऐसे में माइंड सेट को पहले से ही इसके लिए पूरी तरीके से तैयार कर लिया था.

भारतीय हॉकी टीम की महिला सदस्यों ने कहा कि टोक्यो ओलंपिक में भाग लेने के बाद काफी कुछ सीखने को मिला है. यह एक्सपीरियंस आने वाले बड़े टूर्नामेंट में काम आएगा. उन्हें विश्व स्तरीय टीमों से मुकाबलों के दौरान न सिर्फ मदद मिलेगी, बल्कि उनकी वीकनेस भी अब भारतीय टीम को पता होगी.

महिला खिलाड़ियों ने कहा कि सेमीफाइनल मैच मुश्किल टीम के साथ था. यहां सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश की. हालांकि, चीजें उस तरह से नहीं हुई, जो एक्सपेक्ट की थी.

वहीं, ब्रॉन्ज मेडल के लिए हुए मैच में भी टीम को जो मौके मिले थे, उसे भुना नहीं पाए और यह खेल का एक पार्ट है. पेरिस ओलंपिक के लिये टीम पूरी कोशिश करेंगे कि न सिर्फ क्वालीफाई करें, बल्कि शानदार प्रदर्शन को जारी रखते हुए देश के लिए पदक अर्जित कर सकें.

नई दिल्लीः टोक्यो ओलंपिक में इस बार भारतीय महिला हॉकी टीम ने जबरदस्त प्रदर्शन कर इतिहास के पन्नों में अपना नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज करा लिया है.

दरअसल, इस बार भारतीय महिला हॉकी टीम ओलंपिक में सेमीफाइनल तक पहुंची थी, जो इतिहास में पहली बार हुआ था. इसके बाद महिला हॉकी टीम को बधाई देने वालाें का सोशल मीडिया पर तांता लग गया. लोग टीम को मशहूर फिल्म चक दे इंडिया की महिला हॉकी टीम से कंपेयर भी करने लगे थे.

पेरिस ओलंपिक में लहराएगा तिरंगा

भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल ने ईटीवी भारत के साथ हुए स्पेशल इंटरव्यू में बताया कि इस बार का ओलंपिक भारतीय महिला टीम के लिए बेहद शानदार रहा है. किसी को भी भारतीय महिला हॉकी टीम से इस तरह के शानदार खेल की उम्मीद नहीं थी, लेकिन टीम को पूरा कॉन्फिडेंस था और यूरोपियन टीम के साथ मैच होने के बाद टीम का हौसला न सिर्फ बढ़ा, बल्कि प्रदर्शन में भी लगातार सुधार हुआ. हालांकि, पदक जीतने में कामयाबी न मिलने की वजह से थोड़े निराश जरूर हैं, लेकिन हौसले बुलंद हैं.

रानी रामपाल ने बताया कि टोक्यो ओलंपिक के दौरान सभी खिलाड़ियों में काफी अच्छी फील थी. इसके चलते सेमीफाइनल तक पहुंचे. हालांकि, पदक नहीं जीत पाए, लेकिन इस बार के ओलंपिक में प्रदर्शन से न सिर्फ पूरी टीम का कॉन्फिडेंस बढ़ेगा, बल्कि आने वाले टूर्नामेंट के प्रदर्शन में भी सुधार देखने को मिलेगा.

भारतीय महिला हॉकी टीम ने अपने प्रदर्शन से देश भर में महिला खिलाड़ियाें को प्रेरित किया है. यूरोपियन देशों की महिला टीम भारतीय महिला हॉकी टीम से काफी मजबूत है, लेकिन जब से टीम से साउथ अफ्रीकन कोच जुड़े हैं, तब से टीम की फिटनेस में काफी इंप्रूवमेंट हुई.

ओलंपिक में दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीमों के साथ मैच खेल कर, टीम का कॉन्फिडेंस चरम पर है. इसका असर आने वाले टूर्नामेंट में विश्व स्तरीय टीमों के खिलाफ मैच में भी दिखेगा. टीम इंडिया जीत दर्ज करने का पूरा प्रयास करेगी.

ओलंपिक के बाद यह भी पता लग गया है कि किस टीम की क्या गेम है और विपक्षी टीम को कैसे टैकल करना है. आने वाले चार वर्षों में भारतीय महिला हॉकी टीम सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की कोशिश करेगी, ताकि पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर सकें और देश के लिए पदक जीत सकें.

राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड किये जाने पर रानी रामपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बहुत अच्छा फैसला किया है. यह गर्व की बात है कि हॉकी प्लेयर हूं और हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद के नाम पर खेल रत्नअवॉर्ड का नाम रखा गया है.

भारतीय महिला हॉकी टीम के कोच शॉर्ड मारिन ने कहा कि किसी ने भी यह एक्सपैक्ट नहीं किया था कि भारतीय महिला हॉकी टीम इस कदर खेल में इंप्रूवमेंट करके, विराेधियाें को चौंका देगी और सेमीफाइनल तक पहुंच पाएगी.

भारतीय महिला हॉकी टीम पूरे टूर्नामेंट में डार्क हॉर्स की तरह खेली है, जो काबिले तारीफ है. पिछले कुछ सालों में टीम ने परफॉर्मेंस में जबरदस्त सुधार किया है, बल्कि खिलाड़ियों में कॉन्फिडेंस भी काफी ज्यादा बढ़ा है.

शॉर्ड मारिन ने कहा कि जब आप से किसी को एक्सपेक्टेशन नहीं होती, तो आपके ऊपर खेल के दौरान परफॉर्म करने का दबाव भी कम होता है. इसकी वजह से खिलाड़ी अच्छा परफॉर्म कर पाते हैं. ओलंपिक विश्व में होने वाले सभी प्रकार के खेल प्रतियोगिताओं में से सबसे मुश्किल होता है. पूरे विश्व भर के खिलाड़ी और टीम भाग लेती हैं. ऐसे में माइंड सेट को पहले से ही इसके लिए पूरी तरीके से तैयार कर लिया था.

भारतीय हॉकी टीम की महिला सदस्यों ने कहा कि टोक्यो ओलंपिक में भाग लेने के बाद काफी कुछ सीखने को मिला है. यह एक्सपीरियंस आने वाले बड़े टूर्नामेंट में काम आएगा. उन्हें विश्व स्तरीय टीमों से मुकाबलों के दौरान न सिर्फ मदद मिलेगी, बल्कि उनकी वीकनेस भी अब भारतीय टीम को पता होगी.

महिला खिलाड़ियों ने कहा कि सेमीफाइनल मैच मुश्किल टीम के साथ था. यहां सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश की. हालांकि, चीजें उस तरह से नहीं हुई, जो एक्सपेक्ट की थी.

वहीं, ब्रॉन्ज मेडल के लिए हुए मैच में भी टीम को जो मौके मिले थे, उसे भुना नहीं पाए और यह खेल का एक पार्ट है. पेरिस ओलंपिक के लिये टीम पूरी कोशिश करेंगे कि न सिर्फ क्वालीफाई करें, बल्कि शानदार प्रदर्शन को जारी रखते हुए देश के लिए पदक अर्जित कर सकें.

Last Updated : Aug 10, 2021, 9:44 PM IST
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