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विदेश की नौकरी छोड़कर की तैयारी, पहले प्रयास में बने आईपीएस - विदेश की नौकरी

उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के एसपी अजय कुमार पांडे अपनी कार्यशैली को लेकर चर्चा में हैं. उनके कामों और अपराध को मिटाने की रणनीति को लेकर ईटीवी भारत ने उनसे खास बातचीत की.

अजय कुमार पांडे
अजय कुमार पांडे
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Published : Jun 12, 2021, 5:45 PM IST

लखनऊ : मैकेनिकल इंजीनियरिंग कर अच्छी-खासी सैलरी पर विदेश चले गए थे लेकिन जनता की सेवा करने का जुनून वापस दिल्ली ले आया. एक साल बेरोजगार रह कर यूपीएससी की तैयारी की और पहले ही प्रयास में एग्जाम क्लियर कर आईपीएस बन गए.

यह कोई फिल्मी कहानी नहीं बल्कि हरदोई के नए एसपी अजय कुमार पांडे का वास्तविक जीवन है. ईटीवी से हुई खास बातचीत में अजय पांडे ने अपने कार्य करने के अंदाज की चर्चा की. साथ ही अपने संघर्ष के दौर का भी जिक्र किया. उन्होंने युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि अगर जनता का सेवक बनना है, तभी सिविल सर्विस को जॉइन करें. अगर भ्रष्ट बनकर अपनी जेबें भरनी हैं तो जेल जाने के लिए तैयार रहें.

एसपी अजय कुमार पांडे का इंटरव्यू

सख्ती का संदेश
इसी के साथ उन्होंने कहा कि अपराधी उनकी गिरफ्त से ज्यादा दिनों तक नहीं बच सकते. कच्ची शराब से लेकर जुआ, सट्टा आदि पर अंकुश लगाने का दावा भी कप्तान ने किया है. हालांकि विगत लंबे समय से जिले में फैले सट्टे, जुएं और अवैध शराब जैसे काले कारोबार पर वे किस प्रकार अंकुश लगाएंगे, ये देखने वाली बात जरूर होगी.

एसपी अजय कुमार पांडे ने कहा कि उनके कार्यकाल ने अपराध व अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस सदैव तत्परता से कार्यरत रहेगी. उन्होंने कहा कि मेरे कार्यकाल में अपराधी परेशान रहेंगे. दावा किया कि ऐसे दलालों को भी बेनकाब किया जाएगा, जो जनता से उनके काम करवाने के नाम पर धनउगाही करते हैं. जिस कार्यशैली की बात एसपी कर रहे हैं, उस पर उन्होंने बीते तीन से चार दिनों में काम भी किया है. जिले के कुख्यात अपराधी व एक राजनीतिक दल के नेता की तकरीबन 2 करोड़ 50 लाख की संपत्ति पर कुर्की की कार्रवाई भी कर दी.

नए एसपी अजय कुमार पांडे ने कहा कि वे अपराध को शुरुआती दौर में ही मालूम कर उसे नियंत्रित करने पर काम करेंगे, जिससे किसी भी प्रकार का मुद्दा बढ़ने से पहले ही सुलझ सके और अपराध का रूप न लेने पाए. उन्होंने बताया कि इसी के दृष्टिगत अब उन्होंने विशेष रणनीति तैयार की है. उन्होंने 'हाल चाल दस्ता' का गठन किया है. इस हालचाल दस्ते में 12 महिलाएं कार्य करेंगी. प्रत्येक महिला दो थानों पर ध्यान देंगी. इनका मुख्य कार्य यहां आने वाले लोगों से बातचीत करना रहेगा. इसी के साथ गांव-गांव जाकर ये महिलाएं वहां का हालचाल जानेंगी, जिससे ये पता लगाया जा सके कि कहां पर किस प्रकार की गतिविधियां व्याप्त हैं. कहां जुआ, सट्टा इत्यादि अवैध प्रकार के कार्य हो रहे हैं. प्रत्येक महिला रोजाना 100 से 150 लोगों से बातकर उनकी समस्याओं को जानेंगी. एसपी ने कहा कि रोजाना करीब 2 हजार लोगों से बात करने का लक्ष्य इन महिलाओं का रहेगा. इससे मामले को शुरुआती दौर में ही जानकर उसका निराकरण किया जा सके.

पढ़ें :- 'मन की बात' से प्रेरित माधव भट ने झील निर्माण पर खर्च की जीवनभर की कमाई

एसपी अजय कुमार ने अपने संघर्षों पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि आज के युवाओं को उसी ओर जाने की जरूरत है, जिस ओर उनकी रुचि हो. कहा कि अगर लोग जनता की सेवा करना चाहते हैं व उन्हें न्याय दिलाना चाहते हैं, तभी सिविल सर्विसेज को जॉइन करें. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार करने के लिए व लोगों की जेबों पर डाका डालकर अपना खजाना भरने वाले इस सेवा में न आएं, अन्यथा एक समय के बाद उन्हें निश्चित ही जेल जाना पड़ जाएगा. उन्होंने युवाओं को ये संदेश दिया कि अगर वे कम खर्चे में गुजारा कर जनता की सेवा करना चाहते हैं तभी यूपीएससी को जॉइन करें, अन्यथा वे हताश और निराश हो जाएंगे.

एसपी पांडे ने बताया कि उन्होंने मैकेनिकल से बीटेक किया था. इसके बाद उन्होंने तीन से चार बड़ी कंपनियों में एक अच्छे पद पर काम किया. यहां तक कि वे विदेश में जाकर एक अच्छे सैलेरी पैकेज पर भी काम करने लगे लेकिन उनकी रुचि हमेशा से ही जनता की सेवा कर एक सेवक बनने में रही. इसी वजह से उन्होंने अपनी हाई प्रोफाइल निजी नौकरी को छोड़ दिया व त्याग पत्र देकर अपने परिवार के साथ वे दिल्ली आ गए. उन्होंने एक वर्ष तक बेरोजगार रहकर जी-जान से मेहनत की और एक मुकाम हासिल कर लिया. उन्होंने बताया कि वे अपनी बचत के आधार पर ही अपने परिवार का भरण पोषण करते रहे. बेरोजगारी के दौर में उनके जेहन में ये सवाल भी आता था कि अगर वे असफल रहे तो भविष्य में किन मुसीबतों से उन्हें गुजरना पड़ेगा. हालांकि वे संघर्षशील रहे और अंततः एक वर्ष की कड़ी मेहनत के बाद उन्होंने पहले प्रयास में ही यूपीएससी क्लियर कर एक मुकाम हासिल किया. वह 2011 बैच के आईपीएस हैं. शामली और फिरोजाबाद जैसे जिलों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. अब हरदोई की बागडोर संभाल रहे हैं.

लखनऊ : मैकेनिकल इंजीनियरिंग कर अच्छी-खासी सैलरी पर विदेश चले गए थे लेकिन जनता की सेवा करने का जुनून वापस दिल्ली ले आया. एक साल बेरोजगार रह कर यूपीएससी की तैयारी की और पहले ही प्रयास में एग्जाम क्लियर कर आईपीएस बन गए.

यह कोई फिल्मी कहानी नहीं बल्कि हरदोई के नए एसपी अजय कुमार पांडे का वास्तविक जीवन है. ईटीवी से हुई खास बातचीत में अजय पांडे ने अपने कार्य करने के अंदाज की चर्चा की. साथ ही अपने संघर्ष के दौर का भी जिक्र किया. उन्होंने युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि अगर जनता का सेवक बनना है, तभी सिविल सर्विस को जॉइन करें. अगर भ्रष्ट बनकर अपनी जेबें भरनी हैं तो जेल जाने के लिए तैयार रहें.

एसपी अजय कुमार पांडे का इंटरव्यू

सख्ती का संदेश
इसी के साथ उन्होंने कहा कि अपराधी उनकी गिरफ्त से ज्यादा दिनों तक नहीं बच सकते. कच्ची शराब से लेकर जुआ, सट्टा आदि पर अंकुश लगाने का दावा भी कप्तान ने किया है. हालांकि विगत लंबे समय से जिले में फैले सट्टे, जुएं और अवैध शराब जैसे काले कारोबार पर वे किस प्रकार अंकुश लगाएंगे, ये देखने वाली बात जरूर होगी.

एसपी अजय कुमार पांडे ने कहा कि उनके कार्यकाल ने अपराध व अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस सदैव तत्परता से कार्यरत रहेगी. उन्होंने कहा कि मेरे कार्यकाल में अपराधी परेशान रहेंगे. दावा किया कि ऐसे दलालों को भी बेनकाब किया जाएगा, जो जनता से उनके काम करवाने के नाम पर धनउगाही करते हैं. जिस कार्यशैली की बात एसपी कर रहे हैं, उस पर उन्होंने बीते तीन से चार दिनों में काम भी किया है. जिले के कुख्यात अपराधी व एक राजनीतिक दल के नेता की तकरीबन 2 करोड़ 50 लाख की संपत्ति पर कुर्की की कार्रवाई भी कर दी.

नए एसपी अजय कुमार पांडे ने कहा कि वे अपराध को शुरुआती दौर में ही मालूम कर उसे नियंत्रित करने पर काम करेंगे, जिससे किसी भी प्रकार का मुद्दा बढ़ने से पहले ही सुलझ सके और अपराध का रूप न लेने पाए. उन्होंने बताया कि इसी के दृष्टिगत अब उन्होंने विशेष रणनीति तैयार की है. उन्होंने 'हाल चाल दस्ता' का गठन किया है. इस हालचाल दस्ते में 12 महिलाएं कार्य करेंगी. प्रत्येक महिला दो थानों पर ध्यान देंगी. इनका मुख्य कार्य यहां आने वाले लोगों से बातचीत करना रहेगा. इसी के साथ गांव-गांव जाकर ये महिलाएं वहां का हालचाल जानेंगी, जिससे ये पता लगाया जा सके कि कहां पर किस प्रकार की गतिविधियां व्याप्त हैं. कहां जुआ, सट्टा इत्यादि अवैध प्रकार के कार्य हो रहे हैं. प्रत्येक महिला रोजाना 100 से 150 लोगों से बातकर उनकी समस्याओं को जानेंगी. एसपी ने कहा कि रोजाना करीब 2 हजार लोगों से बात करने का लक्ष्य इन महिलाओं का रहेगा. इससे मामले को शुरुआती दौर में ही जानकर उसका निराकरण किया जा सके.

पढ़ें :- 'मन की बात' से प्रेरित माधव भट ने झील निर्माण पर खर्च की जीवनभर की कमाई

एसपी अजय कुमार ने अपने संघर्षों पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि आज के युवाओं को उसी ओर जाने की जरूरत है, जिस ओर उनकी रुचि हो. कहा कि अगर लोग जनता की सेवा करना चाहते हैं व उन्हें न्याय दिलाना चाहते हैं, तभी सिविल सर्विसेज को जॉइन करें. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार करने के लिए व लोगों की जेबों पर डाका डालकर अपना खजाना भरने वाले इस सेवा में न आएं, अन्यथा एक समय के बाद उन्हें निश्चित ही जेल जाना पड़ जाएगा. उन्होंने युवाओं को ये संदेश दिया कि अगर वे कम खर्चे में गुजारा कर जनता की सेवा करना चाहते हैं तभी यूपीएससी को जॉइन करें, अन्यथा वे हताश और निराश हो जाएंगे.

एसपी पांडे ने बताया कि उन्होंने मैकेनिकल से बीटेक किया था. इसके बाद उन्होंने तीन से चार बड़ी कंपनियों में एक अच्छे पद पर काम किया. यहां तक कि वे विदेश में जाकर एक अच्छे सैलेरी पैकेज पर भी काम करने लगे लेकिन उनकी रुचि हमेशा से ही जनता की सेवा कर एक सेवक बनने में रही. इसी वजह से उन्होंने अपनी हाई प्रोफाइल निजी नौकरी को छोड़ दिया व त्याग पत्र देकर अपने परिवार के साथ वे दिल्ली आ गए. उन्होंने एक वर्ष तक बेरोजगार रहकर जी-जान से मेहनत की और एक मुकाम हासिल कर लिया. उन्होंने बताया कि वे अपनी बचत के आधार पर ही अपने परिवार का भरण पोषण करते रहे. बेरोजगारी के दौर में उनके जेहन में ये सवाल भी आता था कि अगर वे असफल रहे तो भविष्य में किन मुसीबतों से उन्हें गुजरना पड़ेगा. हालांकि वे संघर्षशील रहे और अंततः एक वर्ष की कड़ी मेहनत के बाद उन्होंने पहले प्रयास में ही यूपीएससी क्लियर कर एक मुकाम हासिल किया. वह 2011 बैच के आईपीएस हैं. शामली और फिरोजाबाद जैसे जिलों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. अब हरदोई की बागडोर संभाल रहे हैं.

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