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कोरोना इफेक्ट : अयोध्या के रामलला दरबार में भक्तों का प्रवेश बन्द - भक्तों का प्रवेश बन्द

कोरोना के बढ़ते खतरों को देखते हुए रामलला के दर्शन के लिए स्थानीय अथवा बाहर से आने वाले भक्तों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है.इस संबंध में रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के न्यासी महन्त दिनेंद्रदास, अयोध्या के राजा बिमलेन्द्र मोहन प्रताप मिश्र, डॉक्टर अनिल मिश्र और महासचिव चम्पत राय ने संयुक्त रूप से बयान जारी किया है.

रामलला
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Published : Apr 19, 2021, 9:50 PM IST

अयोध्या : कोरोना के बढ़ते खतरों को देखते हुए रामलला के दर्शन के लिए स्थानीय अथवा बाहर से आने वाले भक्तों का प्रवेश बन्द कर दिया गया है. कोरोना के कारण मृत्यु दर में हो रही वृद्धि, अस्पतालों में स्थान और चिकित्सा साधन के अभाव को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है. रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के न्यासी महन्त दिनेंद्रदास, अयोध्या के राजा बिमलेन्द्र मोहन प्रताप मिश्र, डॉक्टर अनिल मिश्र और महासचिव चम्पत राय ने संयुक्त रूप से इस बारे में बयान जारी किया. इस दौरान उन्होंने कहा श्रीरामजन्मभूमि परिसर में प्रभु श्री राम की सेवा नित्य की भांति होगी.साथ ही रामलला का जन्मोत्सव परंपरागत तरीके से मुख्य पुजारी सत्येन्द्र दास के मार्गदर्शन में मनाया जाएगा.

संयुक्त रूप से किया बयान जारी
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के न्यासी महन्त दिनेंद्रदास, अयोध्या के राजा बिमलेन्द्र मोहन प्रताप मिश्र, डॉक्टर अनिल मिश्र और महासचिव चम्पत राय ने संयुक्त रूप से यह बयान जारी किया है. बयान में कहा गया है कि यह निर्णय करना कठिन है कि किसके कारण कौन रोग की चपेट में आएगा. हम निरोग रहेंगे तो हमारे बच्चे, परिवार और बुजुर्ग भी सुरक्षित रहेंगे. घर मे आनंद रहेगा, घर में सदैव रामनवमी उत्सव मनाते रहेंगे.

पढ़ें - कोरोना की दोनों लहरों में 70 प्रतिशत से अधिक संक्रमितों की उम्र 40 साल से ज्यादा : सरकार

निर्देशों का पालन करने में स्वयं की भलाई
बयान में कहा गया है कि इससे भगवान राम भी प्रसन्न होंगे. संक्रमण से सबको बचना चाहिए. सरकार के निर्देशों का पालन करने में स्वयं की भलाई है, पूजा पाठ व्रत उपवास घर मे रहकर किए जा सकते हैं. चम्पत राय के अनुसार, रामलला के मुख्य पुजारी परंपरागत तरीके से जैसा जन्मोत्सव करते रहे हैं, वैसा ही करेंगे. भगवान के जन्मोत्सव पर हम सभी के आरोग्य की मंगल कामना करते हैं.

अयोध्या : कोरोना के बढ़ते खतरों को देखते हुए रामलला के दर्शन के लिए स्थानीय अथवा बाहर से आने वाले भक्तों का प्रवेश बन्द कर दिया गया है. कोरोना के कारण मृत्यु दर में हो रही वृद्धि, अस्पतालों में स्थान और चिकित्सा साधन के अभाव को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है. रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के न्यासी महन्त दिनेंद्रदास, अयोध्या के राजा बिमलेन्द्र मोहन प्रताप मिश्र, डॉक्टर अनिल मिश्र और महासचिव चम्पत राय ने संयुक्त रूप से इस बारे में बयान जारी किया. इस दौरान उन्होंने कहा श्रीरामजन्मभूमि परिसर में प्रभु श्री राम की सेवा नित्य की भांति होगी.साथ ही रामलला का जन्मोत्सव परंपरागत तरीके से मुख्य पुजारी सत्येन्द्र दास के मार्गदर्शन में मनाया जाएगा.

संयुक्त रूप से किया बयान जारी
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के न्यासी महन्त दिनेंद्रदास, अयोध्या के राजा बिमलेन्द्र मोहन प्रताप मिश्र, डॉक्टर अनिल मिश्र और महासचिव चम्पत राय ने संयुक्त रूप से यह बयान जारी किया है. बयान में कहा गया है कि यह निर्णय करना कठिन है कि किसके कारण कौन रोग की चपेट में आएगा. हम निरोग रहेंगे तो हमारे बच्चे, परिवार और बुजुर्ग भी सुरक्षित रहेंगे. घर मे आनंद रहेगा, घर में सदैव रामनवमी उत्सव मनाते रहेंगे.

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निर्देशों का पालन करने में स्वयं की भलाई
बयान में कहा गया है कि इससे भगवान राम भी प्रसन्न होंगे. संक्रमण से सबको बचना चाहिए. सरकार के निर्देशों का पालन करने में स्वयं की भलाई है, पूजा पाठ व्रत उपवास घर मे रहकर किए जा सकते हैं. चम्पत राय के अनुसार, रामलला के मुख्य पुजारी परंपरागत तरीके से जैसा जन्मोत्सव करते रहे हैं, वैसा ही करेंगे. भगवान के जन्मोत्सव पर हम सभी के आरोग्य की मंगल कामना करते हैं.

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