चेन्नई : तमिलनाडु में युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने और उनकी अंग्रेजी दक्षता में सुधार के लिए नान मुधलवन योजना के तहत ब्रिटिश काउंसिल के सहयोग से अंग्रेजी प्रशिक्षण दिया जाएगा. यह कार्य तमिलनाडु कौशल विकास निगम और ब्रिटिश काउंसिल द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है. मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने तमिलनाडु के छात्रों के कौशल में सुधार और रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए एक मार्च के प्रदेश में 'नान मुधलवन योजना' शुरू की. इसके बाद, तमिलनाडु कौशल विकास निगम ने 8 मार्च को ब्रिटिश काउंसिल के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए.
इस योजना के तहत युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने, उन्हें बौद्धिक लक्ष्यों हासिल करने और तमिलनाडु में आर्थिक विकास के अवसरों प्रदान करने के लिए अंग्रेजी भाषा सीखने और दुनिया भर में शिक्षा और संस्कृति को एकीकृत करने में सक्षम बनाने के लिए समझौता किया गया है.
इस बारे में तमिलनाडु कौशल विकास निगम की प्रबंध निदेशक इनोसेंट दिव्या ने कहा, 'हम अंग्रेजी दक्षता विकसित करने के लिए चेन्नई में ब्रिटिश काउंसिल कार्यालय के साथ काम कर रहे हैं. मुख्यमंत्री का सपना है कि सरकारी स्कूल के छात्र धाराप्रवाह अंग्रेजी बोलें इसलिए भाषण प्रशिक्षण भी होगा. छात्रों की उम्र के अनुसार स्कूल स्तर पर प्रशिक्षण
स्कूली छात्रों को योग्यता के आधार पर प्रशिक्षण दिया जाएगा. कॉलेज के छात्रों को साक्षात्कार के आधार पर प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि स्नातक के बाद नौकरी पाने के लिए भटकना न पड़े. तमिलनाडु के छात्रों को प्रशिक्षित करने के लिए यूके में विश्वविद्यालयों द्वारा छात्रों को पेश किए जाने वाले व्यावसायिक कौशल की पहचान करने की भी योजना है. शिक्षकों को प्रशिक्षण भी दिया जाना है. इसके लिए पाठ्यचर्या तैयार की जाएगी और स्कूल और उच्च शिक्षा के छात्रों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. HCL TechBee योजना को स्कूलों में छात्रों के लिए छात्रवृत्ति प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. इंजीनियरिंग छात्रों को कौशल विकास प्रशिक्षण और उद्यमी बनने के लिए आवश्यक प्रशिक्षण दिया जाता है.
ब्रिटिश काउंसिल साउथ इंडिया की निदेशक जनक पुष्पनाथन ने कहा, 'मैंने तमिलनाडु सरकार के साथ 'नान मुथलवन योजना' के तहत सभी युवाओं को अंग्रेजी सीखने का प्रशिक्षण देने के लिए समझौता किया है. रोजगार के लिए अंग्रेजी का ज्ञान आवश्यक है. चेन्नई में अंग्रेजी शिक्षण केंद्र के माध्यम से सरकारी स्कूल के छात्रों को अंग्रेजी ज्ञान दिया जाएगा. इससे दोनों देशों की संस्कृति को एक दूसरे काे समझने का मौका मिलेगा.'
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