मुंबई : सामाजिक न्याय मंत्री धनंजय मुंडे की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है. मुंडे के खिलाफ एक महिला द्वारा शिकायत वापस लेने के एक हफ्ते बाद, अब उसकी बड़ी बहन ने आरोप लगाया है कि उसके पति का उत्पीड़न उत्पीडन किया जा रहा है और साथ ही उसके दो बच्चों को सरकारी बंगले में कैद कर रखा गया है.
इस सिलसिले में महिला ने पुलिस आयुक्त और पुलिस महानिदेशक से संपर्क कर शिकायत की है कि मुंडे ने उसके दो बच्चों को अपने बंगले में कैद कर रखा है और उनसे मिलने भी नहीं दिया जा रहा है. मैं बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हूं. उसने कहा कि उसकी छोटी बहन ने 12 जनवरी को मुंडे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें लंबे समय तक उसका यौन उत्पीड़न का दावा किया गया था. लेकिन उसने भाजपा के कृष्णा हेगड़े सहित दो प्रमुख राजनेताओं के सामने अपनी शिकायत वापस ले ली. उसने खुलासा किया कि उसे तीन से चार साल से ब्लैकमेल कर किया जा रहा था.
वहीं मुंडे ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा, उनके द्वारा दायर याचिका के बाद, उच्च न्यायालय ने मद्रास हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश वी. के. ताहिलरामनी द्वारा मध्यस्थता की जा रही है, ऐसे में उनके खिलाफ मीडिया से संपर्क करना गलत था. बच्चों की हिरासत सहित सभी मुद्दों की मध्यस्थता की जा रही है. ऐसी परिस्थिति में न्यायाधीश द्नारा दिया जाने वाला निर्णय हमारे लिए अंतिम होगा.
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मुंडे ने कहा कि उन्होंने अपने और महिला के बीच विवाद को सुलझाने के लिए बॉम्बे उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, इसलिए एक मध्यस्थ भी नियुक्त किया गया था. न्यायमूर्ति ताहिलरामनी ने दो बैठकें कीं, जबकि तीसरी 13 फरवरी को निर्धारित है. मुझे यकीन है कि बैठक में सभी विवादों का हल निकल जाएगा. मुंडे ने कहा ऐसी परिस्थितियों में, पुलिस प्रमुख से शिकायत करना मुझे बदनाम करने और मीडिया ट्रायल का सहारा लेने की कोशिश मात्र थी.