चेन्नई: तमिलनाडु सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री और द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) नेता के. पोनमुडी को सोमवार रात यहां प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कार्यालय लाया गया. ईडी के अधिकारी अवैध रेत खनन से जुड़े धन शोधन के मामले में छापेमारी के बाद पोनमुडी को कार्यालय लेकर पहुंचे.
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय पुलिस बल की सुरक्षा के बीच, पोनमुडी को यहां ईडी कार्यालय लाया गया और उनसे पूछताछ किए जाने की संभावना है.
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#WATCH | Enforcement Directorate (ED) officials search Tamil Nadu Higher Education Minister K Ponmudi's residence in Villupuram district. Details awaited. pic.twitter.com/H9bLkYPk7F
— ANI (@ANI) July 17, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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सांसद बेटे गौतम सिगमणि के चेन्नई परिसरों पर भी छापा : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को तमिलनाडु के उच्च शिक्षा मंत्री पोनमुडी और उनके सांसद बेटे गौतम सिगमणि के चेन्नई परिसरों पर छापा मारा. तमिलनाडु के उच्च शिक्षा मंत्री के पोनमुडी हाल के दिनों में ईडी के रडार पर आने वाले दूसरे डीएमके नेता हैं. इससे पहले, तमिलनाडु के मंत्री वी सेंथिल बालाजी को उनकी संपत्तियों पर छापेमारी के बाद ईडी ने गिरफ्तार किया था.
इस महीने की शुरुआत में, पोनमुडी को सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (डीवीएसी) द्वारा उनके और छह अन्य लोगों के खिलाफ दर्ज भूमि कब्जा मामले में बरी कर दिया गया था. उन पर 1996 और 2001 के बीच द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान चेन्नई के सैदापेट में अवैध रूप से सरकारी जमीन हासिल करने का आरोप था.
साल 2007 और 2011 में डीएमके शासन के दौरान जब पोनमुडी खान मंत्री थे तब आरोप था कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया और खदान की शर्तों का उल्लंघन करते हुए विल्लुपुरम में अवैध रूप से 2 लाख 64 हजार 644 लोड लाल रेत ली. विल्लुपुरम जिला अपराध शाखा पुलिस ने इसके जरिए सरकार को 28 करोड़ रुपये से अधिक का मुआवजा देने के आरोप में मंत्री पोनमुडी, उनके बेटे गौतम सिगमणि, चचेरे भाई जयचंद्रन और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था. इसके बाद, विल्लुपुरम जिला अपराध शाखा पुलिस ने 2012 में मंत्री पोनमुडी और जयचंद्रन सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है.
इस मामले की सुनवाई विल्लुपुरम के सांसदों और विधायकों के खिलाफ मामलों की सुनवाई करने वाली विशेष अदालत में हो रही है, मामले में आरोपी पोनमुडी के बेटे गौतम चिकामणि ने मामले की सुनवाई पर रोक लगाने और मामले को रद्द करने की मांग करते हुए मद्रास हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की लेकिन उच्च न्यायालय ने आदेश लागू करने से इनकार कर दिया.
साल 2020 में पोनमुडी के बेटे गौतम सिगामणि ईडी जांच के दायरे में आ गए जब जांच एजेंसी ने उनकी 8.6 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली. उन पर विदेश में अर्जित विदेशी मुद्रा के अवैध अधिग्रहण और वापस न लाने का आरोप था. तमिलनाडु में कृषि भूमि, वाणिज्यिक और आवासीय भवन और 8.6 करोड़ रुपये के बैंक खाते और शेयर गौतम के पास थे, जो कल्लाकुरिची निर्वाचन क्षेत्र से सांसद हैं.
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आपको बता दें, तमिलनाडु के मंत्री वी सेंथिल बालाजी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद हैं. उनपर कैश फॉर जॉब घोटाले का आरोप है. हाल ही में मद्रास हाई कोर्ट ने तमिलनाडु के मंत्री वी सेंथिल बालाजी की गिरफ्तारी और इसके बाद एक सत्र अदालत की ओर से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजे जाने को वैध बताया है. मंत्री की गिरफ्तारी से संबंधित याचिका पर खंडपीठ के खंडित फैसले के बाद मामले की सुनवाई करने वाले तीसरे न्यायाधीश न्यायमूर्ति सीवी कार्तिकेयन ने गिरफ्तारी और न्यायिक हिरासत को वैध बताया है.