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एमबीएस ग्रुप ऑफ कंपनीज और मुसद्दीलाल ज्वैलर्स पर ED के छापे

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के मामलों में हैदराबाद सहित तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में 20 स्थानों पर एमबीएस ग्रुप ऑफ कंपनीज और मुसद्दीलाल ज्वैलर्स पर छापे मारे.

एमबीएस ग्रुप ऑफ कंपनीज और मुसद्दीलाल ज्वैलर्स पर ED के छापे
एमबीएस ग्रुप ऑफ कंपनीज और मुसद्दीलाल ज्वैलर्स पर ED के छापे
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Published : Oct 18, 2022, 1:51 PM IST

Updated : Oct 18, 2022, 3:33 PM IST

नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के मामलों में हैदराबाद सहित तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में 20 स्थानों पर एमबीएस ग्रुप ऑफ कंपनीज और मुसद्दीलाल ज्वैलर्स पर छापे मारे. एमबीएस समूह और उसके निदेशक सुकेश गुप्ता और सहयोगी कंपनियों ने 5% अतिरिक्त कर का भुगतान किए बिना विदेशी मुद्रा स्थिति बनाए रखने के लिए क्रेडिट पर एमएमटीसी से सोना प्राप्त किया, जिससे निगम को नुकसान हुआ.

साल 2014 में ईडी के अधिकारियों ने सीबीआई द्वारा प्राथमिकी के आधार पर मामले दर्ज किए और मामले की जांच कर रहे हैं. ईडी अधिकारियों ने भारी मात्रा में सोना और हीरे के आभूषण जब्त किए हैं. 3 शोरूम से 100 करोड़ रुपये से अधिक का सोना और हीरे जब्त किए गए. अधिकारियों ने पाया कि 50 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्तियां हैं. ईडी अधिकारियों ने सुकेश गुप्ता और अनुराग गुप्ता की संपत्तियों को जब्त कर लिया है.

सीबीआई पहले ही सुकेश गुप्ता और अनुराग गुप्ता के खिलाफ मामला दर्ज कर चुकी है. ईडी ने सीबीआई की चार्जशीट के आधार पर इन दोनों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है और जांच कर रही है. ईडी ने पाया कि सोने की बिक्री से प्राप्त आय को अन्य कंपनियों में निवेश किया गया था. पिछले साल इसने 323 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी.

पढ़ें: मनी लॉन्ड्रिंग केस : SC ने माणिक भट्टाचार्य की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा

इससे पहले ईडी अधिकारियों ने मुसद्दीलाल ज्वैलर्स के खिलाफ मामला दर्ज किया था. नोटबंदी की अवधि के दौरान नकली बिल बनाने और नकदी प्रसारित करने के आरोप में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया गया था और पिछले साल फरवरी में 130 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गई थी. विमुद्रीकरण के समय मुसद्दीलाल ज्वैलर्स के प्रबंधन ने उनके खाते में बड़ी राशि जमा की थी.

नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के मामलों में हैदराबाद सहित तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में 20 स्थानों पर एमबीएस ग्रुप ऑफ कंपनीज और मुसद्दीलाल ज्वैलर्स पर छापे मारे. एमबीएस समूह और उसके निदेशक सुकेश गुप्ता और सहयोगी कंपनियों ने 5% अतिरिक्त कर का भुगतान किए बिना विदेशी मुद्रा स्थिति बनाए रखने के लिए क्रेडिट पर एमएमटीसी से सोना प्राप्त किया, जिससे निगम को नुकसान हुआ.

साल 2014 में ईडी के अधिकारियों ने सीबीआई द्वारा प्राथमिकी के आधार पर मामले दर्ज किए और मामले की जांच कर रहे हैं. ईडी अधिकारियों ने भारी मात्रा में सोना और हीरे के आभूषण जब्त किए हैं. 3 शोरूम से 100 करोड़ रुपये से अधिक का सोना और हीरे जब्त किए गए. अधिकारियों ने पाया कि 50 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्तियां हैं. ईडी अधिकारियों ने सुकेश गुप्ता और अनुराग गुप्ता की संपत्तियों को जब्त कर लिया है.

सीबीआई पहले ही सुकेश गुप्ता और अनुराग गुप्ता के खिलाफ मामला दर्ज कर चुकी है. ईडी ने सीबीआई की चार्जशीट के आधार पर इन दोनों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है और जांच कर रही है. ईडी ने पाया कि सोने की बिक्री से प्राप्त आय को अन्य कंपनियों में निवेश किया गया था. पिछले साल इसने 323 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी.

पढ़ें: मनी लॉन्ड्रिंग केस : SC ने माणिक भट्टाचार्य की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा

इससे पहले ईडी अधिकारियों ने मुसद्दीलाल ज्वैलर्स के खिलाफ मामला दर्ज किया था. नोटबंदी की अवधि के दौरान नकली बिल बनाने और नकदी प्रसारित करने के आरोप में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया गया था और पिछले साल फरवरी में 130 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गई थी. विमुद्रीकरण के समय मुसद्दीलाल ज्वैलर्स के प्रबंधन ने उनके खाते में बड़ी राशि जमा की थी.

Last Updated : Oct 18, 2022, 3:33 PM IST
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