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बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला : ईडी की कई जगहों पर छापेमारी, करोड़ों की नकदी बरामद

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Published : Jul 22, 2022, 8:25 PM IST

Updated : Jul 23, 2022, 6:59 AM IST

ईडी ने पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग और पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड में हुए शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच के सिलसिले में विभिन्न परिसरों में तलाशी अभियान चलाया. इस दौरान केंद्रीय जांच एजेंसी ने करोड़ों की नकदी जब्त की.

ईडी की कई जगहों पर छापेमारी
ईडी की कई जगहों पर छापेमारी

कोलकाता: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को कहा कि उसने कथित शिक्षक भर्ती घोटाले के संबंध में पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी की एक करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के परिसरों पर छापेमारी में 20 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की है. ईडी ने पश्चिम बंगाल के उद्योग और वाणिज्य मंत्री चटर्जी, उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी, शिक्षा राज्य मंत्री परेश सी अधिकारी, विधायक और पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य और कई अन्य लोगों के परिसरों में समन्वित तलाशी शुरू की. ईडी ने एक बयान में कहा, "तलाशी के दौरान, ईडी ने पार्थ चटर्जी की करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के आवासीय परिसर से लगभग 20 करोड़ रुपये की नकदी बरामद की."

ईडी ने एक बयान में आरोप लगाया, "इस धन के स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) घोटाले से जुड़े होने का संदेह है." नोट गिनने वाली मशीन के माध्यम से नकदी की गिनती के लिए जांच टीम बैंक अधिकारियों की मदद ले रही है. बयान में कहा गया है कि जब्त की गई नकदी को मशीन से गिनने के लिए तलाशी दल बैंक अधिकारियों की मदद ले रहा है. ईडी ने कहा, "अर्पिता मुखर्जी के परिसर से 20 से अधिक मोबाइल फोन भी जब्त किए गए हैं, जिसके उद्देश्य और उपयोग का पता लगाया जा रहा है."

  • ED is carrying out search operations at various premises linked to recruitment scam in the West Bengal School Service Commission and West Bengal Primary Education Board. pic.twitter.com/oM4Bc0XTMB

    — ANI (@ANI) July 22, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

यह भी पढ़ें- भर्ती घोटाला : कलकत्ता हाई कोर्ट ने अग्निशमन विभाग में भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाई

जानकारी के मुताबिक, ईडी ने शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच के सिलसिले में शुक्रवार को दो मंत्रियों समेत करीब एक दर्जन लोगों के घरों पर एक साथ छापेमारी की और भारी मात्रा में नकदी जब्त की. वहीं, एजेंसी के एक अधिकारी ने कहा कि अधिकारियों ने यहां पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ मंत्री पार्थ चटर्जी के आवास पर छापा मारा और शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच के संबंध में उनसे 11 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की.

ईडी के अधिकारियों ने राज्य के उत्तरी हिस्से में कूचबिहार जिले में एक अन्य मंत्री परेश अधिकारी के घर का भी दौरा किया और उनके परिवार के सदस्यों से बात की. वह (मंत्री) इस समय कोलकाता में हैं. इसके अलावा, उन्होंने पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) के पूर्व सलाहकार शांति प्रसाद सिन्हा, पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष कल्याणमय गांगुली और नौ अन्य लोगों के घरों पर एक साथ छापे मारे.

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी के आधार पर ईडी ने धन शोधन का मामला दर्ज किया. उच्च न्यायालय के निर्देश पर सीबीआई पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग की सिफारिशों पर सरकार द्वारा प्रायोजित व सहायता प्राप्त स्कूलों में समूह 'सी' और 'डी' के कर्मचारियों व शिक्षकों की भर्ती में हुई कथित अनियमितताओं की जांच कर रहा है. वहीं, प्रवर्तन निदेशालय इस मामले से संबंधित कथित धनशोधन की तफ्तीश में जुटा है.

एजेंसी ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट किया, "ईडी पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग और पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड में भर्ती घोटाले से जुड़े विभिन्न परिसरों में तलाशी अभियान चला रहा है." सूत्र ने कहा कि ईडी के कम से कम सात से आठ अधिकारी सुबह लगभग साढ़े आठ बजे चटर्जी के आवास नकतला पहुंचे और पूर्वाह्न 11 बजे तक छापेमारी की. इस दौरान केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के कर्मी बाहर तैनात रहे. अधिकारियों ने घोटाले के बारे में उनसे 11 घंटे से ज्यादा पूछताछ की.

एक सूत्र ने बताया कि एक समय तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने बेचैनी की शिकायत की थी, जिसके बाद ईडी के अधिकारियों ने सरकारी एसएसकेएम अस्पताल के डॉक्टर की एक टीम को बुलाया था. मंत्री के करीबी सूत्र ने कहा, "मंत्री का ईसीजी कराया गया और उनकी हालत स्थिर है." पूछताछ के दौरान ईडी के अधिकारी मंत्री के निजी सहायक के साथ-साथ सुरक्षा कर्मियों के मोबाइल फोन भी ले गए.

बता दें कि अभी उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पद पर काबिज चटर्जी उस समय शिक्षा मंत्री थे, जब कथित घोटाला हुआ था. सीबीआई दो बार उनसे पूछताछ कर चुकी है. पहली बार पूछताछ 25 अप्रैल, जबकि दूसरी बार 18 मई को की गई थी. ईडी के एक अधिकारी ने कहा कि कूचबिहार जिले के मेखलीगंज में अधिकारी के आवास पर छापेमारी करने वाले एजेंसी के अफसरों ने उनकी अनुपस्थिति में उनकी बेटी अंकिता अधिकारी सहित उनके परिवार के सदस्यों से पूछताछ की.

अंकिता ने हाल ही में एक सरकारी स्कूल में सहायक शिक्षक के रूप में अपनी नौकरी खो दी थी, जहां उन्हें दो साल पहले एसएससी के माध्यम से नियुक्त किया गया था. उच्च न्यायालय द्वारा इसे अवैध पाए जाने के बाद अंकिता को नौकरी गंवानी पड़ी थी. अधिकारी ने पत्रकारों से कहा कि वह फोन पर अपने परिवार से बात नहीं कर पा रहे हैं. मंत्री ने कहा, "उन्होंने आज हमारे घर पहुंचने की योजना के बारे में हमें नहीं बताया था. मैं 21 जुलाई को हुई तृणमूल कांग्रेस की शहीद दिवस रैली के बाद कोलकाता में ही हूं. अगर मैं वहां होता तो उन्हें मूड़ी खिलाता."

इस बीच, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने छापेमारी को राजनीतिक विरोधियों को परेशान करने की भाजपा नीत केंद्र सरकार की 'चाल' बताया. पश्चिम बंगाल के परिवहन मंत्री फिरहाद हाकिम ने कहा, "ईडी की यह छापेमारी शहीद दिवस रैली के एक दिन बाद हुई है, जिसने पूरे देश में हलचल मचा दी थी. यह टीएमसी के नेताओं को परेशान करने व डराने-धमकाने के प्रयास के अलावा और कुछ नहीं है. अदालत के निर्देश के तहत सीबीआई पहले ही उनसे (मंत्रियों से) पूछताछ कर चुकी है और वे सहयोग कर रहे हैं. अब उन्हें बदनाम करने के लिए ईडी का सहारा लिया जा रहा है. भाजपा ने धनशोधन का मामला गढ़ा है."

हालांकि, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आरोप लगाया कि टीएमसी ने सत्ता में आने के बाद से प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और माध्यमिक स्तर पर शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर हुई विसंगतियों का समर्थन किया है. भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, "टीएमसी नेताओं और उनके करीबी लोगों ने लाखों योग्य युवाओं को धोखा दिया और गैर-पात्र लोगों को उनकी नौकरी दे दी. सीबीआई और ईडी सही रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं. कई रहस्य उजागर होंगे. भाजपा की इस मामले में कोई भूमिका नहीं है."

(पीटीआई-भाषा)

कोलकाता: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को कहा कि उसने कथित शिक्षक भर्ती घोटाले के संबंध में पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी की एक करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के परिसरों पर छापेमारी में 20 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की है. ईडी ने पश्चिम बंगाल के उद्योग और वाणिज्य मंत्री चटर्जी, उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी, शिक्षा राज्य मंत्री परेश सी अधिकारी, विधायक और पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य और कई अन्य लोगों के परिसरों में समन्वित तलाशी शुरू की. ईडी ने एक बयान में कहा, "तलाशी के दौरान, ईडी ने पार्थ चटर्जी की करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के आवासीय परिसर से लगभग 20 करोड़ रुपये की नकदी बरामद की."

ईडी ने एक बयान में आरोप लगाया, "इस धन के स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) घोटाले से जुड़े होने का संदेह है." नोट गिनने वाली मशीन के माध्यम से नकदी की गिनती के लिए जांच टीम बैंक अधिकारियों की मदद ले रही है. बयान में कहा गया है कि जब्त की गई नकदी को मशीन से गिनने के लिए तलाशी दल बैंक अधिकारियों की मदद ले रहा है. ईडी ने कहा, "अर्पिता मुखर्जी के परिसर से 20 से अधिक मोबाइल फोन भी जब्त किए गए हैं, जिसके उद्देश्य और उपयोग का पता लगाया जा रहा है."

  • ED is carrying out search operations at various premises linked to recruitment scam in the West Bengal School Service Commission and West Bengal Primary Education Board. pic.twitter.com/oM4Bc0XTMB

    — ANI (@ANI) July 22, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

यह भी पढ़ें- भर्ती घोटाला : कलकत्ता हाई कोर्ट ने अग्निशमन विभाग में भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाई

जानकारी के मुताबिक, ईडी ने शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच के सिलसिले में शुक्रवार को दो मंत्रियों समेत करीब एक दर्जन लोगों के घरों पर एक साथ छापेमारी की और भारी मात्रा में नकदी जब्त की. वहीं, एजेंसी के एक अधिकारी ने कहा कि अधिकारियों ने यहां पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ मंत्री पार्थ चटर्जी के आवास पर छापा मारा और शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच के संबंध में उनसे 11 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की.

ईडी के अधिकारियों ने राज्य के उत्तरी हिस्से में कूचबिहार जिले में एक अन्य मंत्री परेश अधिकारी के घर का भी दौरा किया और उनके परिवार के सदस्यों से बात की. वह (मंत्री) इस समय कोलकाता में हैं. इसके अलावा, उन्होंने पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) के पूर्व सलाहकार शांति प्रसाद सिन्हा, पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष कल्याणमय गांगुली और नौ अन्य लोगों के घरों पर एक साथ छापे मारे.

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी के आधार पर ईडी ने धन शोधन का मामला दर्ज किया. उच्च न्यायालय के निर्देश पर सीबीआई पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग की सिफारिशों पर सरकार द्वारा प्रायोजित व सहायता प्राप्त स्कूलों में समूह 'सी' और 'डी' के कर्मचारियों व शिक्षकों की भर्ती में हुई कथित अनियमितताओं की जांच कर रहा है. वहीं, प्रवर्तन निदेशालय इस मामले से संबंधित कथित धनशोधन की तफ्तीश में जुटा है.

एजेंसी ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट किया, "ईडी पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग और पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड में भर्ती घोटाले से जुड़े विभिन्न परिसरों में तलाशी अभियान चला रहा है." सूत्र ने कहा कि ईडी के कम से कम सात से आठ अधिकारी सुबह लगभग साढ़े आठ बजे चटर्जी के आवास नकतला पहुंचे और पूर्वाह्न 11 बजे तक छापेमारी की. इस दौरान केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के कर्मी बाहर तैनात रहे. अधिकारियों ने घोटाले के बारे में उनसे 11 घंटे से ज्यादा पूछताछ की.

एक सूत्र ने बताया कि एक समय तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने बेचैनी की शिकायत की थी, जिसके बाद ईडी के अधिकारियों ने सरकारी एसएसकेएम अस्पताल के डॉक्टर की एक टीम को बुलाया था. मंत्री के करीबी सूत्र ने कहा, "मंत्री का ईसीजी कराया गया और उनकी हालत स्थिर है." पूछताछ के दौरान ईडी के अधिकारी मंत्री के निजी सहायक के साथ-साथ सुरक्षा कर्मियों के मोबाइल फोन भी ले गए.

बता दें कि अभी उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पद पर काबिज चटर्जी उस समय शिक्षा मंत्री थे, जब कथित घोटाला हुआ था. सीबीआई दो बार उनसे पूछताछ कर चुकी है. पहली बार पूछताछ 25 अप्रैल, जबकि दूसरी बार 18 मई को की गई थी. ईडी के एक अधिकारी ने कहा कि कूचबिहार जिले के मेखलीगंज में अधिकारी के आवास पर छापेमारी करने वाले एजेंसी के अफसरों ने उनकी अनुपस्थिति में उनकी बेटी अंकिता अधिकारी सहित उनके परिवार के सदस्यों से पूछताछ की.

अंकिता ने हाल ही में एक सरकारी स्कूल में सहायक शिक्षक के रूप में अपनी नौकरी खो दी थी, जहां उन्हें दो साल पहले एसएससी के माध्यम से नियुक्त किया गया था. उच्च न्यायालय द्वारा इसे अवैध पाए जाने के बाद अंकिता को नौकरी गंवानी पड़ी थी. अधिकारी ने पत्रकारों से कहा कि वह फोन पर अपने परिवार से बात नहीं कर पा रहे हैं. मंत्री ने कहा, "उन्होंने आज हमारे घर पहुंचने की योजना के बारे में हमें नहीं बताया था. मैं 21 जुलाई को हुई तृणमूल कांग्रेस की शहीद दिवस रैली के बाद कोलकाता में ही हूं. अगर मैं वहां होता तो उन्हें मूड़ी खिलाता."

इस बीच, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने छापेमारी को राजनीतिक विरोधियों को परेशान करने की भाजपा नीत केंद्र सरकार की 'चाल' बताया. पश्चिम बंगाल के परिवहन मंत्री फिरहाद हाकिम ने कहा, "ईडी की यह छापेमारी शहीद दिवस रैली के एक दिन बाद हुई है, जिसने पूरे देश में हलचल मचा दी थी. यह टीएमसी के नेताओं को परेशान करने व डराने-धमकाने के प्रयास के अलावा और कुछ नहीं है. अदालत के निर्देश के तहत सीबीआई पहले ही उनसे (मंत्रियों से) पूछताछ कर चुकी है और वे सहयोग कर रहे हैं. अब उन्हें बदनाम करने के लिए ईडी का सहारा लिया जा रहा है. भाजपा ने धनशोधन का मामला गढ़ा है."

हालांकि, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आरोप लगाया कि टीएमसी ने सत्ता में आने के बाद से प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और माध्यमिक स्तर पर शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर हुई विसंगतियों का समर्थन किया है. भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, "टीएमसी नेताओं और उनके करीबी लोगों ने लाखों योग्य युवाओं को धोखा दिया और गैर-पात्र लोगों को उनकी नौकरी दे दी. सीबीआई और ईडी सही रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं. कई रहस्य उजागर होंगे. भाजपा की इस मामले में कोई भूमिका नहीं है."

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Jul 23, 2022, 6:59 AM IST
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